दूसरे टेस्ट मैच में भी हार मिलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट श्रृंखला भारतीय बल्लेबाजों के लिए आपदा साबित हो रही है। पहले मैच में, केवल कोहली ने उल्लेखनीय योगदान दिया। दूसरे मैच में भी उनके अलावा कोई और बल्लेबाज़ नहीं चल सका। भारत के शीर्ष क्रम के लचर प्रदर्शन का ख़मियाज़ा पूरी टीम को भुगतना पड़ रहा है। मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने दोनों टेस्ट मैचों में अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है। साथ ही, तथ्य यह है कि भारतीय शीर्ष क्रम में से कोई भी बल्लेबाज़ दहाई के अंक तक नहीं पहुंच सका। यह भारतीयों के लिए चिंता का कारण है। इसके अलावा आपको यह जान कर हैरानी होगी कि मोहम्मद शामी ने शीर्ष 3 खिलाड़ियों से अधिक रन बनाए हैं। ऐसे में आइये नज़र डालते हैं ऐसे तीन खिलाड़ियों पर जिन्हें चयनकर्तायों को टीम में शामिल करने पर विचार करना चाहिए। रोहित शर्मा रोहित शर्मा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुई टेस्ट श्रृंखला में औसत प्रदर्शन करने के कारण इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रंखला से बाहर रखा गया। जबकि ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि वह गुणवत्तापूर्ण स्विंग गेंदबाज़ी के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने सिर्फ 74 गेंदों पर 47 रन बनाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने श्रृंखला के सीमित ओवर मैचों के दौरान 2 शतक बनाए थे, जो दिखाता है कि वह इंग्लैंड में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे। इसके अलावा, उन्होंने अपने पिछले 9 टेस्ट मैचों में, 5 अर्धशतक और एक शतक लगाया है।पृथ्वी शॉ अंडर 19 विश्वकप के बाद, पृथ्वी शॉ को भारतीय क्रिकेट के भविष्य के खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। अंडर 19 विश्वकप में उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों शानदार थे और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान मार्क वाघ ने उन्हें सचिन तेंदुलकर की तरह बल्लेबाज़ी करने वाला बल्लेबाज़ बताया। भले ही वह अभी सिर्फ 18 वर्ष का है, लेकिन फिर भी उसने अपने खेल में संजीदगी और परिपक्वता दिखायी है। वह पहले से ही आईपीएल में खेल चूका है और अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट कैरियर में उसने आश्चर्यजनक रूप से सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड की परिस्थितियों में भी, उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में वह भारतीय टीम में शामिल होने के लिए आदर्श खिलाड़ी हैं जो बल्लेबाजी को मजबूत कर सकता था। इसके अलावा, उन्हें कप्तान के रूप में भी अच्छा अनुभव है।पार्थिव पटेल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान आठ साल के अंतराल के बाद पार्थिव पटेल को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने उस श्रृंखला में बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 2 अर्धशतक बनाए थे। इसके अलावा भारत के दक्षिण अफ्रीकी दौरे में उन्हें दूसरे विकेटकीपर के रूप में टीम में शामिल किया गया। इसके अलावा, उनके पास आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने का रिकार्ड है। लेकिन अब रिधीमान साहा फिर से चोटिल हो जाने के बाद, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत को उन पर तरजीह देना क्रिकेट प्रेमियों के लिए हैरानीजनक था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैचों में 55.25 की शानदार औसत से रन बनाए थे। ऐसे में वह इंग्लैंड के खिलाफ एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते थे। लेखक: आर्यन तर्गरीन अनुवादक: आशीष कुमार