जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ियों की रेस और भी मजेदार होती जा रही है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, एम एस धोनी और भुवनेश्वर कुमार जैसे कुछ खिलाड़ियों को अगर छोड़ दिया जाए तो अब भी कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके विश्व कप में चयन पर संशय बरकरार है। जिस तरह से टीम इंडिया ने पहले ऑस्ट्रेलिया और अब न्यूजीलैंड को उन्हीं की धरती पर हराया उसे देखकर हर कोई टीम इंडिया को विश्व कप जीतने का प्रबल दावेदार बता रहा है। भारतीय टीम अभी जिस शानदार लय में है, उसे रोकना शायद किसी भी टीम के बस की बात नहीं है।
टीम इंडिया के पास इस समय बेहतरीन खिलाड़ियों की एक फ़ौज है। अब इस फ़ौज में से अंतिम रूप से किन पंद्रह खिलाड़ियों का चयन होगा उसे देखना बहुत ही ज्यादा मजेदार होगा। न्यूजीलैंड दौरे में हुए एकदिवसीय मैचों की सीरीज विश्व कप के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण थी।
ये सीरीज खिलाड़ियों के लिए विश्व कप का दरवाजा खोलने वाली सीरीज थी। कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड में मिले मौके को शानदार तरीके से भुनाया और चयनकर्ताओं तथा टीम प्रबंधन को सोचने पर मजबूर किया की वे भी विश्व कप की रेस में हैं। आज हम आपको उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर विश्व कप के संभावितों की लिस्ट में अपना नाम लगभग पक्का कर लिया है।
#3 अंबाती रायडू
अंबाती रायडू का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैचों में बहुत ही निराशाजनक था। पहले दो मैचों में उन्होंने क्रमशः 0 तथा 24 रन बनाए थे जिसके चलते उन्हें तीसरे मैच से बाहर कर दिया गया था। उनके लिए न्यूजीलैंड दौरा करो या मरो के जैसा था। अगर वो इस दौरे में भी ख़राब प्रदर्शन करते तो शायद नंबर 4 के साथ ही साथ वो टीम में भी अपनी जगह खो बैठते लेकिन इस बार उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से कप्तान और टीम प्रबंधन को ये बता दिया की नंबर 4 पर उनसे बेहतर विकल्प कोई और नहीं है।
उनके द्वारा पांचवें और अंतिम मैच में खेली गई 90 रनों की साहसिक पारी ने उनका जगह विश्व कप के लिए लगभग पक्का कर दिया है। अगर वो उस मैच में एक छोर पर डंटे नहीं रहते तो उस मैच में भी टीम इंडिया का वही हाल होता जो चौथे मैच में हुआ था। रायडू की उस पारी ने टीम इंडिया को ना सिर्फ हार से बचाया बल्कि टीम को 4-1 के बड़े अंतर से सीरीज जीतने में भी मदद किया। अंबाती रायडू इस सीरीज के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने पांच मैचों में 63.33 की शानदार औसत के साथ 190 रन बनाएं थे।
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#2 मोहम्मद शमी
ऑस्ट्रेलिया दौरे में शानदार प्रदर्शन कर मोहम्मद शमी ने विश्व कप के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी थी। टेस्ट और वनडे दोनों ही सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद ही उच्च स्तर का था। अपने उसी प्रदर्शन को जारी रखते हुए शमी ने न्यूजीलैंड की पिचों पर भी शानदार गेंदबाजी की और विश्व कप के लिए अपना नाम लगभग पक्का कर लिया।
मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड में पांच में से चार वनडे मैच खेले और उन चार मैचों में उन्होंने नौ विकेट झटके। उनके शानदार प्रदर्शन के कारण ही उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। इसके अलावा वो पहले तथा तीसरे मैच के मैन ऑफ द मैच भी थे। इस बात में कोई शक नहीं है की न्यूजीलैंड की धरती पर सीरीज जीतने में शमी का बहुत बड़ा योगदान रहा।
भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह का नाम विश्व कप के लिए पहले से ही तय था लेकिन तीसरे और चौथे तेज गेंदबाज की रेस में बहुत सारे गेंदबाज थे लेकिन शमी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब तीसरे तेज गेंदबाज के नाम पर लगभग मुहर लग गई है। चौथे तेज गेंदबाज को लेकर जद्दोजहद अब भी जारी है। खलील अहमद, मोहम्मद सिराज तथा उमेश यादव में से कोई एक ही वो गेंदबाज होगा जो चौथा गेंदबाज बनकर टीम इंडिया के साथ विश्व कप में जाएगा।
#1 विजय शंकर
हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में विजय शंकर को खेलने का मौका मिला और उस मौके का फायदा उन्होंने बहुत ही अच्छी तरीके से उठाया। हालांकि उन दो मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने सधी हुई गेंदबाजी की। इसके बाद उन्हें अंतिम मैच में भी खेलने का मौका मिला जहाँ उन्हें ऐसी स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया जहाँ टीम इंडिया संघर्ष कर रही थी।
जब वो बल्लेबाजी करने आए थे तब टीम का स्कोर 18 रन पर 4 विकेट था। फिर विजय शंकर ने अंबाती रायडू के साथ मिलकर भारत की पारी को संभाला और स्कोर को 116 रन तक ले गए। 116 रन के स्कोर पर वो रन आउट हो गए। रन आउट होने से पहले विजय 45 रन बना चुके थे। उनके और अंबाती रायडू के बीच हुई 98 रनों की साझेदारी ने ना सिर्फ टीम इंडिया को मैच में वापस लाया बल्कि टीम को चौथे मैच की तरह सस्ते में ऑल आउट होने से भी बचाया।
दबाव की स्थिति में विजय ने जिस तरह से बल्लेबाजी की इससे ये साफ़ जाहिर होता है की उस तरह की स्थिति में वो एक छोर पर डंटे रह सकते हैं और रन भी बना सकते हैं। दबाव की स्थिति में बहुत ही कम बल्लेबाज ऐसे होते हैं जो विजय की तरह संयम के साथ बल्लेबाजी करते हैं। विश्व कप में ऐसे कई मौके आएँगे जब टीम इंडिया को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में विजय शंकर वो खिलाड़ी हो सकते हैं जो टीम की नैया को पार लगाने में मदद कर सकते हैं।
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