#1 विजय शंकर
हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में विजय शंकर को खेलने का मौका मिला और उस मौके का फायदा उन्होंने बहुत ही अच्छी तरीके से उठाया। हालांकि उन दो मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने सधी हुई गेंदबाजी की। इसके बाद उन्हें अंतिम मैच में भी खेलने का मौका मिला जहाँ उन्हें ऐसी स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया जहाँ टीम इंडिया संघर्ष कर रही थी।
जब वो बल्लेबाजी करने आए थे तब टीम का स्कोर 18 रन पर 4 विकेट था। फिर विजय शंकर ने अंबाती रायडू के साथ मिलकर भारत की पारी को संभाला और स्कोर को 116 रन तक ले गए। 116 रन के स्कोर पर वो रन आउट हो गए। रन आउट होने से पहले विजय 45 रन बना चुके थे। उनके और अंबाती रायडू के बीच हुई 98 रनों की साझेदारी ने ना सिर्फ टीम इंडिया को मैच में वापस लाया बल्कि टीम को चौथे मैच की तरह सस्ते में ऑल आउट होने से भी बचाया।
दबाव की स्थिति में विजय ने जिस तरह से बल्लेबाजी की इससे ये साफ़ जाहिर होता है की उस तरह की स्थिति में वो एक छोर पर डंटे रह सकते हैं और रन भी बना सकते हैं। दबाव की स्थिति में बहुत ही कम बल्लेबाज ऐसे होते हैं जो विजय की तरह संयम के साथ बल्लेबाजी करते हैं। विश्व कप में ऐसे कई मौके आएँगे जब टीम इंडिया को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में विजय शंकर वो खिलाड़ी हो सकते हैं जो टीम की नैया को पार लगाने में मदद कर सकते हैं।
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