कप्तान विराट कोहली जुलाई-सितंबर में होने जा रहे इंग्लैंड के चुनौतीपूर्ण दौरे के टीम इंडिया का नेतृत्व करेंगे, जिसमें भारतीय टीम 3 टी 20, 3 वनडे और 5 टेस्ट मैच खेलेगी। दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद, इस दौरे में कप्तान कोहली और उनकी टीम की असली परीक्षा होगी और निश्चित रूप से वह अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक होंगे। सीमित ओवरों के मैचों के लिए तो टीम इंडिया का चयन कर लिया गया है। जबकि टेस्ट श्रृंखला के लिए अभी तक टीम की घोषणा नहीं हुई है, उम्मीद है कि मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, आर अश्विन और मोहम्मद शमी जैसे नियमित टेस्ट खिलाड़ियों की टीम में वापसी निश्चित है। ऐसे में जब भारत की टेस्ट टीम में नियमित खिलाड़ियों का चयन निश्चित है, तो ऐसे 3 खिलाड़ियों पर एक नज़र डालें जिनको इस महत्वपूर्ण श्रृंखला के लिए टीम में चुना जा सकता है।
दिनेश कार्तिक
एक साल पहले अगर कोई यह कहता कि दिनेश कार्तिक भारत की विश्वकप टीम के लिए मजबूत दावेदार हैं तो संभवतः लोग उसका मज़ाक उड़ाते हैं लेकिन वर्तमान समय में न केवल दिनेश कार्तिक ने अपने खेल में बहुत सुधार किया है बल्कि वह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में एक अदद विकेटकीपर-बल्लेबाज की कमी को भी पूरा सकते हैं। निदाहस ट्रॉफी फाइनल में अपने मैच जिताऊ प्रदर्शन और आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए बल्ले से शानदार प्रदर्शन के बाद कार्तिक को चोटिल ऋद्धिमान साहा की जगह भारत के अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए टीम में चुना गया है। यह 32 वर्षीय अनुभवी खिलाड़ी के लिए भारत के इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने का सुनहरा मौका है। तकनीकी रूप से सक्ष्म, कार्तिक, नंबर 5 पर लंबे समय से चली आ रही किसी अदद बल्लेबाज़ की कमी को पूरा कर सकते हैं, जहां रहाणे, रोहित और साहा ने अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की है लेकिन नाकाम रहे हैं। इंग्लैंड दौरे में, कप्तान कोहली भुवनेश्वर कुमार, बुमराह और उमेश यादव की तेज़ गेंदबाज़ों की तिकड़ी को टीम में चुनने के इच्छुक होंगे, जिसका मतलब केवल 6 बल्लेबाजों की ही टीम में जगह बनती है। विकेटकीपर के संभावित विकल्पों की बात करें तो ऋद्धिमान साहा ने अभी तक बल्ले से औसत प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपनी 46 पारियों में केवल 30.63 औसत से और 44.60 की बेहद धीमी स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। दूसरी तरफ दिनेश कार्तिक ने इस समय भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं और उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता से हम सब भली-भांति परिचित हैं। इस के अलावा उन्होंने पहले भी इंग्लैंड का दौरा किया है। ऐसे में अगर कार्तिक अफगानिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होगा अगर साहा पर उन्हें तरजीह दी जाती है। कार्तिक ने इंग्लैंड में हुए टेस्ट मैचों में 43.83 की शानदार औसत से रन बनाए हैं और यदि उन्हें टीम में चुना जाता है तो वह निःसंदेह भारत के मध्य क्रम को मजबूती प्रदान करेंगे।
कुलदीप यादव
कुलदीप यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शुरुआत के बाद से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। अपने साथी स्पिन गेंदबाज़ युजवेंद्र चहल के साथ उनकी जोड़ी ने जडेजा और अश्विन की नियमित जोड़ी को कम से कम वनडे मैचों में तो विस्थापित कर दिया है। अपनी लाइन और लेंथ में विविधता और गुगली से यह गेंदबाज़ किसी भी विपक्षी बल्लेबाज़ी को तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। उनकी आक्रमक गेंदबाज़ी इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। हम जानते है, इंग्लिश बल्लेबाज़ों को स्पिनर्स को खेलने में परेशानी होती है, ऐसे में कुलदीप यादव टीम इंडिया के लिए 'ट्रम्प कार्ड' साबित हो सकते हैं। अश्विन और जडेजा बहुत लंबे समय से भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं लेकिन विदेशी धरती पर उनका प्रदर्शन औसत स्तर का ही रहा है। आंकड़ों की बात करें तो अश्विन ने घरेलू पिचों पर 220 और विदेशी पिचों पर 31.47 की औसत से सिर्फ 91 विकेट हासिल किये हैं। जबकि रविंद्र जडेजा ने 23.74 के औसत विकेट निकले हैं और बल्लेबाज़ी में उनका स्ट्राइक रेट 61.22 है, लेकिन इंग्लैंड की तेज़ पिचों पर यह बाएं हाथ के स्पिनर इतने कारगर हो पाएंगे, इसमें आशंका है। युवा कुलदीप यादव ने अब तक केवल 4 टेस्ट खेले हैं, लेकिन वह एक बेहद प्रतिभाशाली और अदभुत गेंदबाज़ हैं और हमेशा विकेट लेने के प्रयास में रहते हैं। टेस्ट से पहले होने वाली टी 20 और वनडे श्रृंखला में हम कुलदीप यादव के प्रदर्शन का आंकलन कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रतिभाशाली गेंदबाज़ अपने हुनर का कैसा प्रदर्शन करते हैं क्यूंकि उसके बाद उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया जा सकता है।
इशांत शर्मा
अगर लंबे कद के 30 वर्षीय तेज गेंदबाज़ इशांत शर्मा को टेस्ट टीम में शामिल किया जाता है तो वह टीम में सबसे वरिष्ठ तेज़ गेंदबाज़ होंगे। इशांत के पास खासा अनुभव है और वह पहले भी इंग्लैंड की पिचों पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं, ऐसे में वह टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण का नेतृत्व कर सकते हैं। इस आईपीएल में किसी भी टीम द्वारा ना चुने जाने के बाद, इस तेज़ गेंदबाज़ ने काउंटी क्रिकेट में ससेक्स की तरफ से काफी शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि भुवी, बुमराह और यादव की तेज़ गेंदबाज़ों की तिकड़ी के होते हुए उनका टीम में शामिल होना शायद मुश्किल हो लेकिन 5 टेस्ट मैचों की इस लंबी श्रृंखला में खिलाड़ियों को खासकर तेज़ गेंदबाज़ों को चोट की संभावना बनी रहती है, ऐसी हालत में ईशांत को टीम में वापसी करने का मौका मिल सकता है। ग़ौरतलब है कि इंग्लैंड के अपने पिछले दौरे में ईशांत ने पुरानी गेंद के साथ आक्रामक गेंदबाजी करते हुए इंग्लिश बल्लेबाज़ों की नाक में दम कर दिया था। उस दौरे में लॉर्ड्स के मैदान में ईशांत का प्रदर्शन भारतीय तेज गेंदबाजी के इतिहास में सबसे यादगार और बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक था। इंग्लैंड के खिलाफ उनका 74 रन देकर 7 विकेट का आंकड़ा उनके ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की याद दिलाता है जब 2008 में पर्थ के मैदान पर उन्होंने कंगारू बल्लेबाज़ी को तहस-नहस करते हुए दोनों पारियों में कप्तान रिकी पोंटिंग का विकेट लिया था। यद्यपि ईशांत काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं लेकिन इस श्रृंखला में वह आपने आलोचकों को करारा जवाब देने के लिए उत्साहित होंगे। अपनी पिछले 10 मैचों में ईशांत ने 25 विकेट लिए हैं लेकिन 69.24 की स्ट्राइक रेट उनके लिए चिंता का कारण होगी, जिसे वह इस श्रृंखला में सुधारना चाहेंगे। लेखक: ऋत्विक कुंडु अनुवादक: आशीष कुमार