गेंद से छेड़छाड़ करने के विवाद के बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर पर एक साल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्हें भविष्य में राष्ट्रीय टीम में कप्तानी की भूमिका निभाने के लिए भी मना कर दिया गया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 'नेतृत्व समूह' में वॉर्नर की सहभागिता के आरोपों के बाद ये फैसला लिया है, जिसमें की गेंद की स्थिति बदलने की योजना बनाई गई थी। गेंद से छेड़छाड़ के आरोप आखिर में सच साबित हुए थे और उसमें वॉर्नर की भूमिका सबसे अहम थी। 31 साल की उम्र में वॉर्नर की फॉर्म देखते हुए ये साल उनकी बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छा साल होने की संभावना थी, लेकिन हालिया घटना के बाद उनके क्रिकेट करियर पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है। मीडिया में आने वाली खबरों ने पूर्व उप-कप्तान वॉर्नर की एक बहुत ही गंभीर तस्वीर को चित्रित किया है वहीं उनके साथियों की निराशाजनक प्रतिक्रिया भी अपने आप में काफी कुछ बयां कर रही है। भावनाओं के बीच कई लोगों ने इसका अनुमान भी लगा लिया है कि वॉर्नर पहले ही अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। यहां वो वजह बताई जा रही है कि वॉर्नर समेत तीन खिलाड़ी क्यों अपने देश के लिए फिर कभी नहीं खेल सकते।
#3 जेसी राइडर
जेसी राइडर न्यूजीलैंड के शानदार खिलाड़ियों में एक थे। अपनी बल्लेबाजी के दम कर जेसी राइडर ने बेहद ही कम समय में अपनी पहचान कायम कर ली थी और विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ दी थी। जब जेसी राइडर ने 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू किया था तो ऐसा लग रहा था कि न्यूजीलैंड को एक स्थायी सलामी बल्लेबाज मिल गया है। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने मैदान पर जल्द ही आक्रामक खिलाड़ी के रूप में खुद को स्थापित कर लिया। धीरे-धीरे राइडर ने क्रिकेट से सभी फॉर्मेट में न्यूजीलैंड की टीम में जगह बना ली। हालांकि, साल 2013 में राइडर को एक बड़े झुकाव का सामना करना पड़ा, जिसने न केवल उनके क्रिकेट करियर को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनकी जिंदगी को भी खतरे में डाल दिया। दरअसल, एक बार उनके ऊपर बार के बाहर बेरहमी से हमला किया गया, जिसके बाद न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज को 56 घंटे कोमा में भी रहना पड़ा। राइडर को इस स्थिति से बाहर आने में एक साल लग गया था। हालांकि इसके बाद राइडर के खेल में पुराने जैसी बात नहीं रही। उनका प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा। वहीं टीम में टॉम लैथम, कॉलिन मुनरो और जीत रावल जैसे खिलाड़ियों के आने के बाद अब यह बहुत ही कम संभावना है कि राइडर राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में कामयाब रहेंगे। जेसी राइडर ने आखिरी बार साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था।
#2 डैरेन सैमी
विंडीज ने साल 2016 टी-20 विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। इस टीम का नेतृत्व डैरेन सैमी ने किया था। डैरेन सैमी को टी20 क्रिकेट फॉर्मेट के महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता है। हालांकि विश्व कप जिताने वाले इस कप्तान को अब टीम से ही बाहर कर दिया गया है। डैरेन सैमी, ड्वेन ब्रावो, काइरोन पोलार्ड और आंद्रे रसेल वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स होने की बजाय टी-20 फ्रीलांसर के तरीके को चुना। उनके इस कदम के कारण विंडीज क्रिकेट बोर्ड को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा और खिलाड़ियों की कमी भी झेलनी पड़ी। जिसके बाद बोर्ड ने घरेलू प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने को कैरेबियाई खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य बना दिया। आख़िरी बार डैरेन सैमी ने अपने देश के लिए इंग्लैंड के खिलाफ साल 2016 के टी20 विश्व कप के फाइनल में खेला था। अपनी टीम को खिताब जीतने के बावजूद उन्हें बाद में टीम से बाहर कर दिया गया। वहीं पिछले साल इस क्रिकेटर ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व इलेवन के लिए स्वतंत्रता कप में भी प्रदर्शन किया था। तथ्य यह भी है कि उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए वर्ल्ड कप क्वालिफ़ायर में वेस्टइंडीज टीम का हिस्सा होने के बजाय पाकिस्तान सुपर लीग में पेशवार जाल्मी का नेतृत्व करने को प्राथमिकता दी। इससे ये साफ जाहिर होता है कि सैमी का अंतरराष्ट्रीय करियर सभी संभावनाओं से खत्म हो गया है।
#1 डेविड वॉर्नर
ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज डेविड वॉर्नर अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के दम पर डेविड वॉर्नर गेंदबाजों के लिए मैदान पर खौफ बन कर सामने आते थे। एक बार मैदान पर टिक जाने के बाद डेविड वॉर्नर का विकेट हासिल करना किसी भी गेंदबाज के लिए आसान काम नहीं होता था। डेविड वॉर्नर एक शानदार क्रिकेट करियर की ओर अग्रसर थे, लेकिन अब उनके क्रिकेट करियर पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के लिए 74 टेस्ट और 106 एकदिवसीय मैच खेलने वाले डेविड वार्नर गेंद के साथ छेड़छाड़ करने की साजिश रचने के दोषी पाए गए। इस घटना के बाद डेविड वॉर्नर ने अपना भविष्य खुद ही खतरे में डाल लिया है। इसके बाद डेविड वॉर्नर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से एक साल का प्रतिबंध भी लग चुका है। वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के जरिए उनपर एक साल का प्रतिबंध लगा देने के बाद इंडियन प्रीमियर लीग से भी डेविड वॉर्नर को एक साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके चलते डेविड वॉर्नर इस साल इंडियन प्रीमियर लीग का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। डेविड वॉर्नर इंडियन प्रीमियर लीग में सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान थे। इंडियन प्रीमियर लीग में खेलते हुए डेविड वॉर्नर कई बार औरेंज कैप के विजेता भी रह चुके हैं। लेकिन इससे ज्यादा बदतर हालात तो ये है कि उनके साथी टीम के सदस्य ही उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। ऑस्ट्रेलियाई कमेंटेटर जिम मैक्सवेल का कहना है, "मुझे लगता है कि किसी भी प्रतिबंध से परे वह (वार्नर) फिर से ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी नहीं खेल सकता है क्योंकि वह खिलाड़ियों और लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं।" अगर रिपोर्ट्स पर विश्वास किया जाए तो 31 साल के डेविड वॉर्नर से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इतने नाराज हैं कि उन्होंने मैनेजमेंट से वॉर्नर को अपने होटल से हटाने के लिए भी अनुरोध किया। इन सबके अलावा कई स्पॉन्सर भी दागी क्रिकेटर वॉर्नर के साथ करार खत्म कर रहे हैं। बाएं हाथ का ये बल्लेबाज क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के निशाने पर हैं। इन सबके चलते उनके खिलाफ प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद भी वापसी करना इतना आसान नहीं रहने वाला है। लेखक: सक्षम मिश्रा अनुवादक: हिमांशु कोठारी