6 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, दिल्ली कैपिटल्स आखिरकार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही हैं।एक उपलब्धि से अधिक, यह पूरी टीम प्रबंधन के लिए एक बड़ी राहत की बात है। दरअसल, साल-दर-साल लगातार खराब प्रदर्शन के बाद, इस सीजन में उनपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था।
इससे पहले उन्होंने 2012 में हालांकि, उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न 2012 में भारतीय दिग्गज, वीरेंदर सहवाग के नेतृत्व में प्लेऑफ में जगह बनाई थी लेकिन उसके बाद से वे कभी भी आखिरी चार में नहीं पहुंच सके। उन्होंने इसके बाद हर साल सीज़न में आईपीएल अंक तालिका के सबसे निचले पायदान पर सीज़न का अंत किया था।
लेकिन इस बार दिल्ली टीम निश्चित रूप से पूरे आत्मविश्वास के साथ एक नए जोश के साथ खेल रही है।
तो आइए जानते हैं वे तीन कारणों जिनकी वजह से दिल्ली कैपिटल्स इस बार ट्रॉफी जीत सकती है:
#3. मजबूत शीर्ष क्रम
जैसा कि कहते हैं, किसी भी टीम की सफलता के लिए उसके शीर्ष क्रम का प्रदर्शन बेहद अहम होता है। इस सीज़न में, दिल्ली के पास पृथ्वी शॉ और शिखर धवन के रूप में एक शानदार सलामी जोड़ी है बल्कि नंबर 3 और 4 पर भी, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर के रूप में ज़बरदस्त बल्लेबाज़ हैं।
कैपिटल्स की सलामी जोड़ी ने हर बार यह सुनिश्चित किया है कि वे टीम को अच्छी शुरुआत दिलायें। अब तक इस सलामी जोड़ी ने लगभग 75% टीम रन बनाए हैं (दिल्ली कैपिटल्स के कुल 1987 रनों में 1457 रन जिसमें 11 अर्धशतक भी शामिल हैं)
शिखर धवन ने अभी तक अपनी घरेलू टीम के लिए ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है और इसमें वह टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में शामिल हैं, जबकि पृथ्वी शॉ भी अपने रंग में दिख रहे हैं। जबकि कप्तान श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत में शानदार फॉर्म में हैं।
बिना किसी संदेह के, इन चारों बल्लेबाजों का फॉर्म में होना कैपिटल्स की सफलता का सबसे बड़ा कारण रहा है। अगर आगे भी ये चारों बल्लेबाज़ अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हैं तो वे अपनी टीम को पहली बार आईपीएल ट्रॉफी भी जिता सकते हैं।
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#2. कगिसो रबाडा की ज़बरदस्त बॉलिंग
दिल्ली कैपिटल्स के पास मोर्ने मोर्कल, इरफान पठान, अजीत अगरकर, जहीर खान के रूप में कुछ बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ रहे हैं। लेकिन इस सीज़न में दक्षिण अफ्रीका के युवा तेज गेंदबाज, कगिसो रबाडा दिल्ली कैपिटल्स की खोज रहे हैं।
यह 23 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ 2017 के बाद से दिल्ली टीम के साथ जुड़े हैं लेकिन अपने पहले सीज़न में वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और 6 मैचों में सिर्फ 6 विकेट लेने में कामयाब रहे थे।
अगले सत्र, आईपीएल 2018 में वह पीठ के निचले हिस्से के फ्रैक्चर की वजह से खेल नहीं पाए थे लेकिन इस सीज़न में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस सीज़न में, उन्होंने अपनी गति ही नहीं बल्कि सटीकता पर भी पूरा ध्यान दिया है। इसी का नतीजा है कि वह अपनी शानदार आक्रामक गेंदबाजी के साथ, इस समय 25 विकेट लेकर पर्पल कैप पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं। आने वाले मैचों में उनकी अहमियत और भी ज़्यादा बढ़ने वाली है।
#1. रिकी पोंटिंग और सौरव गांगुली का मार्गदर्शन
पिछले सीजन में, दो बार के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान, रिकी पोंटिंग को दिल्ली के मुख्य कोच की जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पोंटिंग का मुंबई इंडियंस (आईपीएल ट्रॉफी 2015 जीतना) के साथ भी शानदार कोचिंग रिकॉर्ड रहा है। इस साल दिल्ली कैपिटल्स ने सौरव गांगुली को भी मेंटर के तौर पर टीम का हिस्सा बनाया।
और जब दो महान खिलाड़ी एक साथ टीम का मार्गदर्शन करें तो परिणाम तो अच्छे होंगे ही। बिना किसी शक के दिल्ली के पास इस सीज़न के उत्कृष्ठ खिलाड़ी शामिल हैं। लेकिन हमने देखा कि बड़ी-बड़ी टीमें दिग्गज खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उस टीम का कोचिंग स्टाफ है।
कैपिटल्स ने इस सीज़न में यह साबित कर दिया है कि टीम के पास यदि अच्छे और मंझे हुए कोच होंगे तो परिणाम हमेशा सकारात्मक ही होंगे। पोंटिंग और गांगुली ने अपने मार्गदर्शन में इस टीम को अंक-तालिका में सबसे ऊपर पहुँचा दिया है। किसी को हैरानी नहीं होगी अगर यह दोनों महान खिलाड़ी मिलकर अपने मार्गदर्शन में दिल्ली को पहली बार आईपीएल चैंपियन बना दें।
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