जिस तरह से दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की टीम ने चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) को बड़े स्कोर के बाद भी हराया है, इसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा। दिल्ली की यह जीत खास मानी जाएगी क्योंकि ऋषभ पन्त बतौर कप्तान आईपीएल में अपना पहला मैच खेल रहे थे और अपनी कप्तानी में पहली बार खेलते हुए जीत के मायने अलग हो जाते हैं। धोनी की अनुभवी टीम में दस नम्बर तक बल्लेबाजी थी और इसका असर स्कोरबोर्ड पर देखने को भी मिला लेकिन दिल्ली ने भी उस हिसाब से बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए चेन्नई को चारों खाने चित कर दिया।
दिल्ली कैपिटल्स ने शुरुआत में पकड़ बनाई लेकिन बीद में चेन्नई ने मैच अपनी तरफ खींचा। इसके बाद दिल्ली ने फिर से जोर आजमाइश करते हुए मैच को एकतरफा ही बना दिया और चेन्नई की कोई भी रणनीति मैदान पर लागू नहीं हो पाई। मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स की हार के कुछ मुख्य कारणों के बारे में यहाँ बताया गया है।
आवेश खान की धाकड़ गेंदबाजी
चेन्नई सुपरकिंग्स का स्कोर एक समय 200 से पार जा रहा था लेकिन दिल्ली के गेंदबाज आवेश खान ने ऐसा नहीं होने दिया। आवेश खान ने न केवल बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया बल्कि विकेट भी चटकाए और चेन्नई की रन गति को थोड़ा धीमा कर दिया। आवेश खान ने अपने 4 ओवर में महज 23 रन देकर 2 विकेट झटके।
चेन्नई सुपरकिंग्स की खराब फील्डिंग
पृथ्वी शॉन तेजी से बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन दो मौके भी चेन्नई को मिले थे लेकिन फील्डर उनका कैच पकड़ने में नाकाम रहे। शॉ उस समय 50 रन से कम के स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। अगर पहली बार में ही उनका कैच लपक लिया होता, तो रन गति वहीँ धीमी की जा सकती थी और चेन्नई के पास मैच में वापसी करने का एक अवसर आ सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
धवन-शॉ की साझेदारी
दिल्ली के लिए पृथ्वी शॉ और शिखर धवन ने मैच एकतरफा कर दिया। दोनों ने तूफानी अंदाज में खेलते हुए चेन्नई के हर गेंदबाज की धुनाई करते हुए मैच दिल्ली की झोली में डाल दिया। पहले विकेट के लिए उनकी 138 रन की साझेदारी चेन्नई सुपरकिंग्स को भारी पड़ी। बाद में ये आउट भी हुए लेकिन तब तक मुकाबला पूरी तरह से दिल्ली कैपिटल्स की पकड़ में आ गया था।