3 वजहों से सीमित ओवरों के खेल में बल्लेबाज बना रहे हैं विशाल स्कोर

टी20 क्रिकेट आ जाने के बाद से रनों के मामले में बल्लेबाजों में एक अलग ही भूख देखी गई है। इसके बाद से वनडे और टी20 में गेंदबाजों की जहां जमकर धुनाई होती है और बल्लेबाज स्कोर बोर्ड पर रनों की झड़ी ही लगा देते हैं। वर्तमान में वनडे क्रिकेट में टीम 300 रन का स्कोर भी आसानी से पार कर लेती है तो वहीं टी20 क्रिकेट में भी 200 रनों का स्कोर आसानी से क्रिकेट टीमें छू रही है। वर्तमान क्रिकेट में बल्लेबाजों को ज्यादा सहूलियत प्रदान की जा रही है। इसके लिए कई ऐसे नियम भी बनाए गए हैं जिनसे बल्लेबाजों को सीमित ओवरों के क्रिकेट में मदद मिले। इसमें वनडे पारी में नई गेंद, फ्री हिट जैसे कई नियम हैं जो बल्लेबाजों को फायदा पहुंचा रहे हैं। ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं उन कारणों पर जिनके कारण बल्लेबाज आज के दौर में इतना ज्यादा स्कोर करने में सक्षम हैं... #3 बैट साइज पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि जब भी कोई खिलाड़ी एक बड़ा स्कोर बनाता है तो बल्ले का आकार अक्सर केंद्र में होता है। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बल्ले के आकार को लेकर एक नया नियम पेश किया, जो कि 28 सितंबर, 2017 से सक्रिय हो गया। इस नियम में किनारों की मोटाई 40 मिमी से अधिक नहीं हो सकती है और ओवरऑल गहराई 67 मिमी हो सकती है। वहीं बल्ले की वैधता की जांच के लिए अंपायर एक नए बल्ले का उपयोग कर सकते हैं। इस नए नियम के बावजूद हम अभी भी बल्लेबाजो के जरिए शानदार पारियों देख सकते हैं। ऐसे में एक बार फिर आईसीसी को इस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है। आईसीसी को बल्ले और गेंद के बीच उचित संतुलन सुनिश्चित करने के लिए बल्ले की मोटाई को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। #2 बैटिंग ट्रैक्स टी20 की शुरुआत के बाद से क्यूरेटर ने पिचों को इस तरह से तैयार करना शुरू कर दिया है कि उससे सीमित ओवरों के खेल में बल्लेबाजों को फायदा मिले। उच्च स्कोरिंग वाले मैच और प्रशंसकों का मनोरंजन करने के लिए दुनिया में अधिकांश टीमें इस तरह से ट्रैक तैयार कर रही हैं। यहां तक कि इंग्लैंड जैसे परंपरागत क्रिकेट राष्ट्र भी हाल ही में इस मानक का पालन कर रहे हैं। इंग्लैंड में पिछले दो वर्षों में खेले जाने वाले लगभग सभी सीमित ओवरों के खेल में पिच फ्लैट थीं। पिछले तीन सालों में इंग्लैंड ने ओडीआई में तीन बार 400+ का आंकड़ा पार कर लिया है। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड 481 रन भी बनाए। यह सच है कि प्रशंसकों को उच्च स्कोरिंग खेल पसंद है। हालांकि, हाल ही में संपन्न इंडियन प्रीमियर लीग में कम स्कोर बनाने वाले सनराइजर्स हैदराबाद के हालिया प्रदर्शन से पता चलता है कि कम स्कोरिंग मैच प्रशंसकों का मनोरंजन भी कर सकते हैं। #1 बाउंड्री डाइमेंशन बाउंड्री पर मौजूद रस्सियों पर जब विज्ञापन लगने शुरू हुए तो इन रस्सियों का आकार धीरे-धीरे घटने लगा। ऐसे में बल्लेबाजों को अक्सर बाउंड्री को छोटा स्कोर करने का अनुचित लाभ भी मिल जाता है। टी20 के आने के बाद से ही इन सीमाओं के आकर में और भी कमी आई है। विशेष रूप से न्यूजीलैंड के स्टेडियम, भारत में होलकर स्टेडियम गेंदबाजों के लिए एक कब्रिस्तान है। स्टैंड में लोग अक्सर गेंदबाजों की गेंदों पर रन बरसते खुश रह सकते हैं लेकिन बाउंड्री छोटी कर देना एक गेंदबाज के लिहाज से काफी बुरी चीज है। बल्लेबाजों के पक्ष में बल्ले के आकार और ट्रैक पहले से ही गेंदबाजों के लिए एक बड़ी चिंता रहे हैं। वहीं अब बाउंड्री के आकार को छोटे करना एक गेंदबाज के लिए भयानक साबित हो रहा है। लेखक: सुयांबू लिंगम अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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