बाउंड्री पर मौजूद रस्सियों पर जब विज्ञापन लगने शुरू हुए तो इन रस्सियों का आकार धीरे-धीरे घटने लगा। ऐसे में बल्लेबाजों को अक्सर बाउंड्री को छोटा स्कोर करने का अनुचित लाभ भी मिल जाता है। टी20 के आने के बाद से ही इन सीमाओं के आकर में और भी कमी आई है। विशेष रूप से न्यूजीलैंड के स्टेडियम, भारत में होलकर स्टेडियम गेंदबाजों के लिए एक कब्रिस्तान है। स्टैंड में लोग अक्सर गेंदबाजों की गेंदों पर रन बरसते खुश रह सकते हैं लेकिन बाउंड्री छोटी कर देना एक गेंदबाज के लिहाज से काफी बुरी चीज है। बल्लेबाजों के पक्ष में बल्ले के आकार और ट्रैक पहले से ही गेंदबाजों के लिए एक बड़ी चिंता रहे हैं। वहीं अब बाउंड्री के आकार को छोटे करना एक गेंदबाज के लिए भयानक साबित हो रहा है। लेखक: सुयांबू लिंगम अनुवादक: हिमांशु कोठारी