ऋषभ पंत मौजूदा दौर के बेहरीन युवा बल्लेबाज़ों में से एक हैं। उनका अब तक का प्रथम श्रेणी करियर काफ़ी कामयाब रहा है, यही वजह है कि उन्हें टीम इंडिया का टेस्ट कैप दिया गया है। हांलाकि शुरुआत की 5 पारियों में वो कुछ कमाल नहीं कर पाए, लेकिन 5वें टेस्ट में पंत ने शानदार शतक लगाकर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए हैं। अब जब पुराने विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा जब चोट से उबर जाएंगे, तब चयनकर्ताओं को पंत और साहा के बीच एक को चुनना होगा। उम्मीद है कि चयनकर्ता टीम इंडिया के भविष्य को लेकर एक सही विकेटकीपर को चुनेंगे। हम यहां उन 3 वजहों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जो ये बताते हैं कि ऋषभ पंत को टेस्ट क्रिकेट में लंबे वक़्त तक मौका दिया जाना चाहिए। #3. स्टंप के पीछ पंत काफ़ी कमाल के हैं टीम इंडिया में ऋद्धिमान साहा को मध्यम दर्जे की बल्लेबाज़ी के बाद भी इसलिए मौका दिया जा रहा था क्योंकि वो बतौर विकेटकीपर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। साहा ने स्टंप के पीछे काफ़ी कामयाबी हासिल की है। ऋषभ पंत को अभी ख़ुद को साबित करना है लेकिन इंग्लैंड के हालातों में वो काफ़ी अच्छी विकेटकीपिंग करते हुए देखे गए हैं। अपने डेब्यू टेस्ट मैच में उन्होंने 5 कैच लपके हैं। डेब्यू टेस्ट में ऐसा करने वाले वो भारत के चौथे विकेटकीपर हैं। उन्होंने स्टंप के पीछे कई रन बचाए हैं। वो टेस्ट क्रिकेट में लंबे वक़्त के लिए विकेटकीपिंग करने को लेकर काफ़ी सहज दिखे। इसकी वजह ये है कि उन्होंने प्रथम श्रेणी मैच में अच्छा वक़्त बिताया है। #2. साहा के मुक़ाबले पंत अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं हांलाकि ऋद्धिमान साहा एक बेहतरीन विकेटकीपर हैं, लेकिन वो एक औसत दर्जे के बल्लेबाज़ हैं। टेस्ट में उनका औसत महज़ 30 के आसपास है। विदेशों में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 29 के क़रीब है। ऐसा औसत आज के दौर के विकेटकीपर की लिए अच्छा नहीं माना जाएगा। महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद साहा को भारत का मुख्य टेस्ट विकेटकीपर बनाया गया। वो लागातार टीम इंडिया के लिए टेस्ट खेल रहे हैं लेकिन बल्लेबाज़ी में कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं। इंग्लैंड में 5वें टेस्ट की आख़िरी पारी में ऋषभ पंत ने शानदार शतक लगाया है और ये साबित कर दिया है कि वो एक विश्व स्तर के टेस्ट बल्लेबाज़ हैं। #1. पंत के पास ख़ुद को साबित करने के लिए अभी काफ़ी वक़्त है ऋषभ पंत की उम्र अभी 20 साल की हैं, वहीं दूसरी तरह साहा और दिनेश कार्तिक 33 साल के हो चुके हैं। पंत इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों से 13 साल छोटे हैं। अगर पंत को ज़्यादा मेहनत की गई तो वो लंबे वक़्त तक टीम इंडिया के शानदार विकेटकीपर बन सकते हैं। साहा और कार्तिक 3 से 4 साल में संन्यास ले सकते हैं, वहीं पंत के पास अभी काफ़ी वक़्त है। टीम के कप्तान और कोच के लिए ये ज़रूरी है कि वो पंत को एक बेहतर खिलाड़ी बनाए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा कर सके। अगर पंत को थोड़ा अनुभव हासिल हो जाए तो वो शायद टीम इंडिया के अगले धोनी बन सकते हैं। लेखक- संजय प्रदीप अनुवादक- शारिक़ुल होदा