# 1 आगे बढ़ कर टीम का नेतृत्व करना
जब श्रीलंका ने पहले वनडे में भारत को हराया था, वह रोहित शर्मा का कप्तान के रूप में पहला मैच था जो कि उनके लिए दुःस्वप्न रहा, लेकिन दूसरे वनडे में रोहित जब काफी दबाव में थे, वहां से एक शानदार दोहरे शतक के साथ उन्होंने टीम का नेतृत्व किया और अंत में मैच भी जीता। तब से भारत ने मुड़ कर नहीं देखा और एकदिवसीय और टी -20 श्रृंखला जीतकर कर अपना वर्चस्व बनाये रखा। कप्तानी के तहत रोहित के बल्लेबाज़ी के आंकड़े ज्यादा प्रभावशाली थे, जिसमें उन्होंने 3 वनडे मैचों में 108.50 की औसत से 217 रन बनाए और 3 टी -20 मैचों में 54 की औसत से 162 रन बनाये। वह एकदिवसीय और टी 20 दोनों ही श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। किसी भी स्थिति से लड़ने और दबाव की स्थिति में शांत रहने की क्षमता रोहित की कप्तानी का मुख्य आकर्षण है। वह अपने फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाजी परिवर्तनों के साथ सभी को प्रभावित करते रहे हैं। रोहित अधिक से अधिक मैच खेलने के साथ, प्रत्येक मैच में बतौर कप्तान और बेहतर होते रहेंगे और भारतीय टीम के लिए भविष्य में एक अतिरिक्त विकल्प रहेगा जो कोहली की अनुपस्थिति में मैदान पर टीम का नेतृत्व कर पायेगा। लेखक: प्रथमेश पाटिल अनुवादक: राहुल पाण्डे