पिछले एक साल में जिन भारतीय (Indian Cricket Team) खिलाड़ियों की सबसे ज्यादा चर्चा हुयी है, उसमें एक नाम भारतीय टीम के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) का रहा है। ठाकुर जब भी मैदान में उतरते हैं, तो उनसे कुछ खास करने की उम्मीद रहती है और ऐसी उम्मीदें उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से जगाई हैं। शार्दुल ने वैसे तो भारत के लिए तीनों ही प्रारूप खेले हैं लेकिन अपना सबसे ज्यादा प्रभाव उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में छोड़ा है। लाल गेंद के प्रारूप में वह धीरे-धीरे भारतीय टीम की अहम कड़ी बनते जा रहे हैं और उन्होंने कई यादगार जीत में अपना अहम योगदान दिया है।
हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद टेस्ट टीम में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी काफी खल रही थी लेकिन शार्दुल ने उस कमी को काफी हद तक पूरा कर दिया है। हाल ही में पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा ने भी कहा था कि शार्दुल वो काम कर रहे हैं, जिसकी हमें हार्दिक पांड्या से उम्मीद थी।
भारत के पास ऑलराउंडर के रूप में कुछ खास विकल्प नहीं हैं और शार्दुल ने जिस तरह का प्रदर्शन करना चाहिए, उसके आधार पर लगभग उन्होंने अपनी जगह पक्की कर ली है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, हम उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनके आधार पर शार्दुल शायद टीम इंडिया के लिए टेस्ट XI में नियमित सदस्य बन चुके हैं।
3 कारणों के आधार पर शायद शार्दुल ठाकुर ने भारतीय टेस्ट XI में अपना स्थान पक्का कर लिया है
#3 शार्दुल ठाकुर का प्रदर्शन शानदार रहा है
2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शार्दुल ठाकुर का डेब्यू खास नहीं रहा था क्योंकि वह चोटिल होकर बीच मैच से बाहर हो गए थे। इसके बाद उन्हें दोबारा 2020/21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मौका मिला और वहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गाबा में भारत की ऐतिहासिक जीत में उन्होंने बल्ले के साथ 67 रन तथा गेंद के साथ 7 विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई थी।
इंग्लैंड दौरे पर ट्रेंट ब्रिज में 4 विकेट लेने के बाद, ओवल टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने नाजुक मौकों पर अर्धशतक जड़े थे और टीम को उबारा था। वहीं हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर दूसरे टेस्ट में गेंद के साथ अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पारी में 7 विकेट चटकाए और इसके बाद बल्लेबाजी में तेजी से 28 रन बनाये।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि शार्दुल ने अपने 6 टेस्ट मैचों के करियर में अपने प्रदर्शन से कुछ भी गलत नहीं किया है और अपना स्थान पक्का करने के लिए मजबूती के साथ दावा पेश किया।
#2 भारत के पास विकल्पों की कमी
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि भारत के पास टेस्ट प्रारूप में ऐसे खिलाड़ियों की कमी है, जो बल्लेबाजी के साथ-साथ आपको तेज गेंदबाजी का विकल्प प्रदान करें। हार्दिक पांड्या भी चोटिल हैं और उनका टेस्ट करियर भी खत्म होने की कगार पर है। वहीं शिवम दुबे सफ़ेद गेंद की क्रिकेट के निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद बाहर कर दिए गए हैं, जबकि वेंकटेश अय्यर को अभी उतना अनुभव नहीं है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली हमेशा ही विदेशों में 4 तेज गेंदबाजों के टेम्पलेट लेकर चले हैं। पिछले कुछ समय से गेंदबाजों ने भी बल्ले के साथ योगदान दिया है लेकिन अभी उन पर निर्भरता नहीं दिखाई जा सकती है। ऐसे में शार्दुल ठाकुर एक सही विकल्प हैं।
घर पर भी अगर भारत स्विंग परिस्थितियों में खेलता है तो शार्दुल स्विंग गेंदबाज के रूप में खेल सकते हैं और बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं। ऐसे में भारत की प्लेइंग XI में शार्दुल ठाकुर आसानी से फिट बैठते हैं।
#1 अहम मौकों पर विकेट निकालने की काबिलियत
शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी को हटा दें, तो बतौर गेंदबाज भी वह टीम में अहम रोल निभाते हैं। गेंद के साथ शार्दुल अक्सर भारत को मुश्किल समय में बड़ा विकेट निकालकर देते हैं और टीम को वापसी में मदद करते हैं। इंग्लैंड दौरा या हो या मौजूदा दक्षिण अफ्रीका दौरा शार्दुल ने यह काम बखूबी किया है। जोहानसबर्ग टेस्ट में उन्होंने मैच के दूसरे दिन डीन एल्गर और कीगन पीटरसन की अहम साझेदारी को तोड़ने का काम किया था। इससे पहले भी वह कई बार अन्य भारतीय गेंदबाजों के असफल रहने पर सफल हुए हैं। ऐसे में भारतीय टेस्ट XI में शार्दुल की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है और उन्हें आगे हम नियमित रूप से खेलते देख सकते हैं।