#2 भारत के पास विकल्पों की कमी
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि भारत के पास टेस्ट प्रारूप में ऐसे खिलाड़ियों की कमी है, जो बल्लेबाजी के साथ-साथ आपको तेज गेंदबाजी का विकल्प प्रदान करें। हार्दिक पांड्या भी चोटिल हैं और उनका टेस्ट करियर भी खत्म होने की कगार पर है। वहीं शिवम दुबे सफ़ेद गेंद की क्रिकेट के निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद बाहर कर दिए गए हैं, जबकि वेंकटेश अय्यर को अभी उतना अनुभव नहीं है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली हमेशा ही विदेशों में 4 तेज गेंदबाजों के टेम्पलेट लेकर चले हैं। पिछले कुछ समय से गेंदबाजों ने भी बल्ले के साथ योगदान दिया है लेकिन अभी उन पर निर्भरता नहीं दिखाई जा सकती है। ऐसे में शार्दुल ठाकुर एक सही विकल्प हैं।
घर पर भी अगर भारत स्विंग परिस्थितियों में खेलता है तो शार्दुल स्विंग गेंदबाज के रूप में खेल सकते हैं और बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं। ऐसे में भारत की प्लेइंग XI में शार्दुल ठाकुर आसानी से फिट बैठते हैं।
#1 अहम मौकों पर विकेट निकालने की काबिलियत
शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी को हटा दें, तो बतौर गेंदबाज भी वह टीम में अहम रोल निभाते हैं। गेंद के साथ शार्दुल अक्सर भारत को मुश्किल समय में बड़ा विकेट निकालकर देते हैं और टीम को वापसी में मदद करते हैं। इंग्लैंड दौरा या हो या मौजूदा दक्षिण अफ्रीका दौरा शार्दुल ने यह काम बखूबी किया है। जोहानसबर्ग टेस्ट में उन्होंने मैच के दूसरे दिन डीन एल्गर और कीगन पीटरसन की अहम साझेदारी को तोड़ने का काम किया था। इससे पहले भी वह कई बार अन्य भारतीय गेंदबाजों के असफल रहने पर सफल हुए हैं। ऐसे में भारतीय टेस्ट XI में शार्दुल की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है और उन्हें आगे हम नियमित रूप से खेलते देख सकते हैं।