Why Shubman Gill should have been part of the A+ Category: इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन के जबरदस्त रोमांच के बीच बीसीसीआई ने एक बड़ा ऐलान किया है। सोमवार को बोर्ड ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट को जारी कर दिया है। जिसमें पिछले करीब एक साल से खेल रहे कई युवा और सीनियर खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने अपने सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट 2024-25 के लिए जगह दी है। इसमें कुल 34 खिलाड़ियों को शामिल किया है।
इस सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट में इस बार बोर्ड ने ए प्लस ग्रेड में विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह के साथ ही चौथे खिलाड़ी के रूप में रवींद्र जडेजा को जोड़ा। लेकिन इसमें एक नाम जिसे ए प्लस ग्रेड में मौका दिया जा सकता था, वो थे शुभमन गिल। टीम इंडिया के लिए सालों से खेल रहे शुभमन गिल को ए प्लस ग्रेड में मौका नहीं मिल सका। चलिए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं वो 3 कारण क्यों शुभमन गिल को ए प्लस कैटेगरी में किया जाना चाहिए था शामिल।
3.तीनों ही फॉर्मेट के परफेक्ट प्लेयर
भारतीय के लिए पिछले कुछ सालों में स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल का कद काफी बढ़ गया है। वो टीम इंडिया के लिए बहुत ही अहम बल्लेबाज बन चुके हैं। शुभमन गिल अब धीरे-धीरे भारतीय टीम के लिए तीनों ही फॉर्मेट में स्थापित हो चुके हैं। इस बल्लेबाज ने अपने आपको तीनों ही फॉर्मेट में साबित किया है। ऐसे में लंबे समय से भारतीय टीम के लिए तीनों ही फॉर्मेट में खेल रहे इस खिलाड़ी को ए प्लस ग्रेड में शामिल किया जाना चाहिए था।
2.भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य के कप्तान
भारतीय क्रिकेट टीम में फिलहाल रोहित शर्मा वनडे और टेस्ट कप्तान हैं तो वहीं टी20 में सूर्यकुमार यादव टीम को लीड कर रहे हैं। लेकिन टीम में अब शुभमन गिल को भविष्य के कप्तान के रूप में देखा जा रहा है। गिल दो फॉर्मेट में तो उपकप्तान हैं। टेस्ट में भी आने वाले समय में उपकप्तान बनाए जा सकते हैं। ऐसे में वो टीम के फ्यूचर कैप्टन हैं ऐसे में उन्हें कहीं ना कही सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट में ए प्लस ग्रेड में मौका मिल सकता था।
1.टीम इंडिया के मौजूदा उप कप्तान
टीम इंडिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप के बाद उप कप्तानी में बदलाव किया। जहां लिमिटेड ओवर्स के फॉर्मेट में टीम में स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल को उप कप्तानी सौंप दी गई। वो अब टीम के लिए वनडे में रोहित शर्मा और टी20 में टीम में होने पर सूर्यकुमार यादव के डिप्टी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उनके इस अनुभव को देखते हुए तो शायद उन्हें सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट के ए प्लस ग्रेड में मौका दिया जा सकता है।