2005 में आईसीसी ने एकदिवसीय क्रिकेट में एक सुपर सब का नियम पेश किया था, जिसने टीमों को आधिकारिक तौर पर अपनी शुरूआती एकादश के किसी खिलाड़ी को 12वें खिलाड़ी से अदला बदली करने की अनुमति दी थी। इस नियम का उपयोग मैच के किसी भी स्तर पर किया जा सकता है। हालांकि, एक बार बदला गया खिलाड़ी मैच में कोई और भूमिका नहीं निभा सकता। जुलाई 2005 में इंग्लैंड के विक्रम सोलंकी ने ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हेडिंग्ले में एक वनडे में साइमन जोन्स की जगह उतरकर क्रिकेट का पहला सुपर सब बनकर इतिहास बनाया। लेकिन यह प्रयोग लंबे समय तक नहीं चल पाया था, मार्च 2006 में आधिकारिक तौर पर इस नियम को खत्म कर दिया गया क्योंकि यह टॉस जीतने के वाले पक्ष की तरफ ही हमेशा रहता था। आईये एक नज़र ऐसे ही कुछ उदाहरणों पर डालते है, जब एक सुपर सब ने मैच के दौरान अपना प्रभाव डाला और वह मैन ऑफ द मैच बने।
# 1 शेन बॉन्ड, 6/19
न्यूज़ीलैंड बनाम भारत, बुलावायो 2005
संक्षिप्त स्कोर: 43.1 ओवर में न्यूजीलैंड 215 (मैकमिलन 54, मैकुलम 49, इरफ़ान पठान 3/34) ने 37.2 ओवर में भारत 164 रन को (जेपी यादव 69, पठान 50, बॉन्ड 6/19) 51 रनों से हरायाय। मेजबान जिम्बाब्वे, भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली गयी त्रिकोणीय सीरीज के दूसरे मैच में सलामी बल्लेबाज नैथन एसले की जगह खतरनाक तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड को बदलना ब्लैक कैप्स के लिये एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। इरफान पठान और उनके साथ तेज गेंदबाजी कर रहे आशीष नेहरा और अजीत आगरकर ने न्यूजीलैंड को 215 के स्कोर पर रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजों को सतह से हासिल हुई मदद को देखते हुए एसले की बॉन्ड से अदला बदली करने का फैसला किया था। बॉन्ड की घातक गति की वजह से और भी ज्यादा मदद मिलना तय था। उनकी स्विंग और गति भारत के लिए संभाल बेहद खतरनाक साबित हुई, जो 14वें ओवर में 44/8 पर संघर्ष करने लगे थे। उन विकेटों में से पांच बांड द्वारा लिये गए थे। इसके बाद इरफ़ान पठान और जेपी यादव ने कुछ समय तक उम्मीद जगाई, मगर फिर बांड ने पठान को 50 रन पर आउट कर भारत की उम्मीदें खत्म की और करियर के सर्वश्रेष्ठ 6/19 के आकड़े के साथ मैच समाप्त किया।
# 2 जीतन पटेल, 2/23
न्यूजीलैंड बनाम श्रीलंका, वेलिंगटन 2006
संक्षिप्त स्कोर: न्यूज़ीलैंड 50 ओवरों में 224/9 (फुलटन 50, एच मार्शल 50, वास 5/39) ने 46.4 ओवर में श्रीलंका 203 रन (मुबारक 53, बॉन्ड 3/39, पटेल 2/23) को 21 रन से हराया। न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच वेलिंगटन में खेले गये तीसरे एकदिवसीय मैच में मेजबान टीम ने जीतन पटेल की ऑफ-स्पिन के दम पर मेहमानों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पीटर फुल्टन और हामिश मार्शल की अर्धशतकीय परियों के दम पर श्रीलंका के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ चामिंडा वास के 5/39 और दिलहारा फर्नांडो के 2 विकेट के आकड़ों वाली बेहतरीन गेंदबाजी के बाद 224 के लक्ष्य तक पहुचने में सफल हुई न्यूजीलैंड ने फुलटन की जगह पटेल को श्रीलंका की पारी के 8 ओवर बाद उतारा। पटेल ने जेहान मुबारक और कुमार संगकारा के बीच दूसरे विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी के बाद पारी के मध्य ओवरों में गेंदबाजी की और रनों का प्रभाव रोका। शीर्ष स्कोरर मुबारक की पारी 53 रन पर समाप्त होने के बाद श्रीलंका का निचला क्रम कुछ खास नही कर पाया और रसेल अर्नोल्ड, एक स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में चूक गए और पटेल की फिरकी में फंस गए थे। आखिरकार, श्रीलंका की पारी 203 पर सिमट गयी, पटेल ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 23 रन देकर 2 विकेट लिये और न्यूजीलैंड 21 रनों से मैच जीतने में सफल रहा।
# 3 मलिंगा बंडारा, 4/31
श्रीलंका बनाम दक्षिण अफ्रीका, होबार्ट 2006
संक्षिप्त स्कोर: 50 ओवर में श्रीलंका 257/9 (आटापट्टू 80, संगकारा 62; हॉल 3/50) ने दक्षिण अफ्रीका 43.4 ओवर में 181 रन (स्मिथ 67; बांद्रा 4/31, वास 2/17) को 76 रन से हराया। मेजबान, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला के राउंड रॉबिन चरण के आखिरी मैच में दोनों पक्षों के लिये ऑस्ट्रेलिया के साथ फाइनल में जगह बनाने के लिए जीत आवश्यक थी। मारवन अटापट्टू ने हॉबर्ट में पहले बल्लेबाजी की और सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या के साथ 52 और तीसरे नंबर पर कुमार संगकारा के साथ 123 रन की साझेदारी की। कप्तान अटापट्टू 80 रन पर आउट हो गए, जिसके चलते श्रीलंका की पारी 257/9 पर खत्म हुई। जवाब में 20 ओवरों के खेल के बाद, श्रीलंका ने बल्लेबाज चामारा कपुगेदेरा के स्थान पर लेग स्पिनर मलिंग बंडारा को उतारा। इसके बाद, बंडारा ने विपक्षी कप्तान ग्रीम स्मिथ को 67 रन पर आउट किया। तीन गेंद बाद जस्टिन केम्प पहली गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गये; बात यहीं नही खत्म हुई, बंडारा ने एश्वेल प्रिंस को 22 और शॉन पोलॉक 15 रन के स्कोर पर अपना शिकार बनाया था। इस प्रकार श्रीलंका ने 76 रन से मैच जीत फाइनल में जगह बना ली और बंडारा ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ आंकड़े 4/31 भी दर्ज किया। लेखक: हिमांशु अग्रवाल अनुवादक: राहुल पांडे