3 ऐसी टीमें जिन्होंने अपना पहला टेस्ट टीम इंडिया के ख़िलाफ़ खेला

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11 दिसंबर 2017 को बीसीसीआई ने ये ऐलान किया कि टीम इंडिया युद्ध से प्रभावित अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ 2019-20 के सीज़न में टेस्ट मैच खेलेगी। ये अफ़ग़ानिस्तान की टीम का पहला टेस्ट मैच होगा। इस मैच की जगह और तारीख़ तय होनी अभी बाक़ी है। स्पेशल जेनरल मीटिंग (एसजीएम) के बाद बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने कहा कि “ अफ़ग़ान टीम साल 2019 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने वाली थी, लेकिन हमारे और अफ़ग़ानिस्तान के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को देखते हुए हमने फ़ैसला किया है कि अफ़गान टीम के पहले टेस्ट मैच की मेज़बानी हम करेंगे” अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन आतिफ़ मशाल ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि “बीसीसीआई इस बात के लिए राज़ी हो गई है कि अफ़ग़ानिस्तान अपना पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया के ख़िलाफ़ खेले। मैच की तारीख़ और जगह की जानकारी जल्द ही संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए साझा की जाएगी। मैं व्यक्तिगत तौर पर बीसीसीई के इस फ़ैसले का शुक्रिया अदा करता हूं” इस साल जून में आईसीसी ने अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैंड को टेस्ट टीम का दर्जा दे दिया था। आयरलैंड अपना पहला मैच अगले साल मई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेलेगी। इस मैच की भी जगह और तारीख़ फ़िलहाल तय नहीं की गई है। 1952 के बाद आयरलैंड दूसरी ऐसी टीम होगी जिसने भारत के ख़िलाफ़ अपना पहला टेस्ट मैच नहीं खेला हो। श्रीलंका ने 1981-82 के सीज़न में अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला था। आइये जानते हैं कि किस टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत के ख़िलाफ़ खेला था और इन मैचों का नतीजा क्या निकला।

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#1 पाकिस्तान बनाम भारत, 16-19 अक्टूबर 1952, दिल्ली (भारत की जीत)

16 अक्टूबर 1952 में दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला में पाक़िस्तान ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला था और भारत के पड़ोसी ने पहली बार सफ़ेद जर्सी पहनी थी। उस वक़्त टेस्ट मैच 4 दिनों तक ही खेला जाता था। इस मैच में अब्दुल हफ़ीज़ करदार और आमिर इलाही के अलावा सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी (करदार और इलाही ने आज़ादी से पहले ब्रिटिश भारत के लिए भी टेस्ट मैच खेला था)। भारत के वीनू मांकड़ ने दाएं हाथ से धीमी गेंदबाज़ी करनी शुरू की। पाकिस्तानी खिलाड़ियों को स्पिन पिच पर खेलने का तजुर्बा न होने की वजह से बहुत नुक़सान उठाना पड़ा। मांकड़ ने पहली पारी में 8 पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों को पवेलियन वापस भेज दिया। पूरे मैच में मांकड़ ने 131 रन देकर 13 विकेट लिए थे। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 372 रन बनाए, जिसके जवाब में पाकिस्तानी टीम 150 और 152 रन ही बना पाई जिसमें उसे फॉलोऑन भी खेलना पड़ा। सिर्फ़ हनीफ़ मोहम्मद, एएच करदार और इमतियाज़ अहमद ने ही भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण का संघर्ष किया। पाकिस्तानी टीम ये मैच पारी और 70 रन से हार गई। इस सीरीज़ के दूसरे मैच में पाकिस्तान ने टीम इंडिया को पारी और 43 रन से हराया। भारत ने 5 मैचों की ये सीरीज़ 2-1 से जीती।

#2 भारत बनाम ज़िम्बाब्वे, हरारे, 18-22 अक्टूबर 1992 (मैच ड्रॉ)

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साल 1992 में जिम्बाब्वे की टीम ने आईसीसी की पूरी सदस्यता हासिल कर ली थी। टीम इंडिया इस अफ़्रीकी देश के दौरे पर गई थी जहां उसे एक टेस्ट मैच और एकमात्र वनडे मैच खेलना था। ये मैच ड्रॉ हो गया था, ऑस्ट्रेलियाई टीम के बाद जिम्बाब्वे पहला ऐसा देश था जिसने पहला टेस्ट मैच नहीं हारा हो। कंगारू टीम ने 1877 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना पहला टेस्ट मैच नहीं हारा था। भारत और जिम्बाब्वे का ये मैच हरारे स्पोर्ट्स कॉमप्लेक्स में खेला गया था। दोनों ही टीम के गेंदबाज़ कोई भी ख़ास कमाल दिखाने में नाकाम रहे जिसकी वजह से इस टेस्ट मैच का कोई नतीजा नहीं निकल पाया। जिम्बाब्वे के कप्तान डेविड हॉटन अपने देश के पहले ऐसे बल्लेबाज़ बने जिन्होंने टेस्ट मैच में शतक बनाया था वो भी अपने पहले टेस्ट मैच में। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स बैनरमैन ने अपनी टीम के पहले टेस्ट मैच में शतक जमाया था। ज़िम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 456 रन बनाए थे। ये किसी भी टीम के लिए पहले टेस्ट मैच में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर था। भले ही भारतीय टीम का तजुर्बा जिम्बाब्वे से कहीं ज़्यादा था फिर भी टीम इंडिया पहले 2 दिनों में 5 ही विकेट ले पाई। इसके जवाब में टीम इंडिया ने खेलना शुरू किया और तीसरे दिन 93 रन पर 4 विकेट गंवा दिए, अभी भी भारत को फॉलोऑन बचाने के लिए 164 रन की ज़रूरत थी। इस मैच में भारत के संजय मांजरेकर ने समझदारी भरी पारी खेली जिसमें उन्होंने 422 गेंदों मे शानदार 104 रन बनाए। उन्होंने इसके लिए 529 मिनट तक बल्लेबाज़ी की। इस मैच के बाद भारत ने जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ एक वनडे मैच खेला जिसमें टीम इंडिया को जीत हासिल हुई। इस वनडे मैच के बाद टीम इंडिया दक्षिण अफ़्रीका के दौरे पर रवाना हो गई थी।

#3 भारत बनाम बांग्लादेश, 10-13 नवंबर ढाका (भारत की जीत)

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भारत ने साल 2000 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ ढाका के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम, ढाका में टेस्ट मैच खेला था, ये बांग्लादेशी टीम का पहला टेस्ट मैच था। बाएं हाथ के स्पीड मशीन ज़हीर ख़ान, शिव सुंदर दास और सबा करीम ने भी इस मैच में भारत की तरफ़ से अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की थी। जैसे की उम्मीद थी, बांग्लादेश ने ये टेस्ट मैच 9 विकेट गंवा दिया था। लेकिन जिस नाटकीय ढंग से टेस्ट के चौथे दिन मेज़बान टीम का विकेट गिरना शुरू हुआ वो दोनों ही देशों के फ़ैस के लिए चौंकाने वाला था। टीम इंडिया के गेंदबाज़ों लिए पिच में ज़बरदस्त दरार के अलावा कुछ भी नया नहीं था। उम्मीद से परे बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में शानदार 400 रन का स्कोर बनाया। बांग्लादेश के अमीनुल इस्लाम, चार्ल्स बैनरमैन और डेविड हॉटन के बाद तीसरे ऐसे बल्लेबाज़ बने थे जिन्होंने अपने देश के पहले टेस्ट मैच में शतक बनाया हो। टीम इंडिया ने इस स्कोर के जवाब में 429 रन बनाए। पहली पारी में सौरव गांगुली और सुनील जोशी के बीच 121 रन की साझेदारी हुई जिसकी बदौलत भारत ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ बढ़त बनाई । सुनील जोशी ने पहली पारी में शानदार 92 रन बनाए था और एक पारी में 5 विकेट भी हासिल किए थे। इनके इसी हरफ़नमौला प्रदर्शन की बदौलत उन्हें मैन ऑफ द मैच से नवाज़ा गया। लेखक- आयूष गर्ग अनुवादक – शारिक़ुल होदा

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