जब विराट कोहली ने 3 बार दूसरे कप्तानों के साथ साझा की ट्रॉफ़ियां

भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी कई सालों तक सुनील गावस्कर, कपिल देव, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तानों के हाथों में रही है। इनकी कप्तानी में टीम ने नए आयाम भी स्थापित किए हैं। इन कप्तानों ने अपने नेतृत्व से टीम को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब वर्तमान में विराट कोहली भी कुछ इसी नक़्शे क़दम पर आगे बढ़ रहे हैं। विराट कोहली की कप्तानी में भी भारतीय क्रिकेट टीम क्रिकेट के हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है और विरोधियों को धूल चटाने में कामयाबी हासिल कर रही है। ये कहना गलत नहीं होगा कि विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ज्यादा प्रगतिशील दिखाई दे रही है क्योंकि विराट कोहली के नेतृत्व में टीम के जीत का प्रतिशत पहले के कप्तानों से कहीं ज्यादा है। विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में जहां जीत का प्रतिशत 60 है तो वहीं एकदिवसीय क्रिकेट में ये 79.16 फीसदी है। जिस तरह से विराट कोहली टीम की कप्तानी कर रहे हैं उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। विराट कोहली की कप्तानी में एक सुसज्जित टीम मैदान पर विराधियों के सामने उतरती है। इस टीम की खासयित ये भी है अगर उनका कप्तान किसी वजह से कप्तानी के लिए मौजूद न हो तो कोई दूसरा स्टैंड-इन कप्तान भी टीम को सही दिशा दिखा सकता है। कई मौकों पर ऐसा देखा गया है कि टीम टीम के कप्तान की गैर मौजूदगी में भी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। आइए, यहां जानते हैं उन तीन मौकों के बारे में जब विराट कोहली ने दूसरे कप्तानों के साथ मिलकर ट्रॉफियों को साझा किया है।

#3 धोनी के साथ

महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के स्थायी कप्तान के रूप में काफी साल नेतृत्व कर चुके हैं। इन सालों में टीम ने उनके नेतृत्व में काफी बुलदियों को छुआ। भारतीय क्रिकेट ने साल 2011 का विश्व कप भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही जीता था। साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी भारत के स्थायी कप्तान थे। इस साल भारत को वेस्टइंडीज और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलनी थी। इस सीरीज का पहला मैच भारत एक विकेट से हार चुका था। इस मैच के बाद महेंद्र सिंह धोनी को हेमस्ट्रींग इंजरी की वजह से कुछ मैचों के लिए टीम से बाहर होना पड़ा। जिसके बाद विराट कोहली को एमएस धोनी की अनुपस्थिति में टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। विराट कोहली ने भी इस मौके का भरपूरा फायदा उठाया और कप्तानी में भी खुद को साबित करके दिखाया। विराट कोहली ने टीम का नेतृत्व कर भारत को इस त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंचा दिया। फाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी ने वापसी की और टीम की कमान अपने हाथों में ली। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ 202 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि इस टारगेट को चेज करते वक्त टीम इंडिया का मध्य क्रम जल्द ही पैवेलियन लौट गया। मैथ्यूज और मलिंगा ने टीम इंडिया को दबाव में लाकर रख दिया था। हालांकि आखिरी ओवर में महेंद्र सिंह धोनी ने खुद को एक बार फिर मैच फिनिशर के तौर पर साबित किया। आखिरी ओवर में धोनी ने शमिंडा एरंगा की गेंद पर एक चौका और एक शानदार छक्का जड़कर भारतीय को फाइनल में जीत दिला दी। फाइनल में जीत के बाद अरुण लाल ने महेंद्र सिंह धोनी को ट्रॉफी प्रदान की, जिसके बाद पहले के मैचों में टीम का शानदार नेतृत्व करने के लिए धोनी ने विराट कोहली को भी अपने साथ ट्रॉफी थामने को कहा।

#2 अजिंक्य रहाणे के साथ

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज खेली गई। इस सीरीज के शुरुआती दो मैचों में दोनों टीम ने 1-1 मुकाबला अपने नाम कर सीरीज को बराबरी पर ला दिया था। रांची में खेला गया तीसरा मैच ड्रॉ रहा था, जिसके बाद चौथा और निर्णायक मुकाबला धर्मशाला के मैदान पर खेला जाना था। इस सीरीज के दौरान टीम इंडिया का नेतृत्व विराट कोहली के हाथों में था। इस सीरीज के रांची में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली का कंधा फील्डिंग के दौरान चोटिल हो गया था, जिसकी वजह से विराट कोहली को आगे के मैचों के लिए टीम से बाहर होना पड़ा। विराट की गैर मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे को आगे के मैचों के लिए टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। अजिंक्य रहाणे ने टीम का शनदार नेतृत्व भी किया। इसके साथ ही अजिंक्य रहाणे के जरिए टीम में कुलदीप यादव के रूप में एक अतिरिक्त गेंदबाज खिलाने का उनका फैसला भी सही साबित हुआ। इस फैसले को यूं भी कहा जा सकता है कि कुलदीप यादव को खिलाना टीम के लिए टर्निंग प्वॉइंट के समान था। कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट झटके और मध्य क्रम में पैवेलियन वापस भेजने में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ ही भारत ने इस मैच को ही नहीं जीता बल्कि सीरीज को भी 2-1 कर अपने नाम किया।

#1 रोहित शर्मा के साथ

हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज खेली गई है। टेस्ट और वनडे सीरीज में विराट कोहली ने टीम की कमान संभाली। इसके बाद 3 मैचों की टी20 सीरीज भी खेली गई। इस सीरीज में शुरुआती दो मुकाबले बराबरी पर रहे और दोनों टीमों ने 1-1 मैच जीत लिया था। अब निर्णायक और तीसरे टी20 मुकाबले में विराट कोहली बाहर हो गए, जिसके चलते रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंपी गई। रोहित शर्मा ने इस जिम्मेदारी को बेहतरीन तरीके से निभाया। तीसरे और आखिरी मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 172 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके गेंदबाजी में अक्षर पटेल ने पहले ही ओवर में 16 रन दे दिए थे। जिसके बाद रोहित शर्मा ने बाकि 3 ओवर सुरेश रैना से गेंदबाजी करवाई। रैना ने सधी हुई गेंदबाजी करते हुए 3 ओवर में 23 रन देकर डेविड मिलर के रूप में एक महत्वपूर्ण विकेट भी झटका। आखिर में नतीजा भारत के पक्ष में रहा और भारतीय क्रिकेट टीम ने मैच में सात रन से जीत दर्ज करने के साथ ही सीरीज को 2-1 से अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की। दक्षिण अफ्रीका भारतीय टीम के सामने 20 ओवर में 6 विकेट पर 165 रन ही बना पाई। इस सीरीज की खास बात ये रही की तीनों ही मैच करो या मरो के समान मुकाबले की तरह सामने आए। इसके बावजूद विराट कोहली की गैर मौजूदगी में कप्तान बनाए गए रोहित शर्मा ने टीम का शानदार नेतृत्व किया और जीत दिलवाई। लेखक: सक्षम मिश्रा अनुवादक: हिमांशु कोठरी