#2 अजिंक्य रहाणे के साथ
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज खेली गई। इस सीरीज के शुरुआती दो मैचों में दोनों टीम ने 1-1 मुकाबला अपने नाम कर सीरीज को बराबरी पर ला दिया था। रांची में खेला गया तीसरा मैच ड्रॉ रहा था, जिसके बाद चौथा और निर्णायक मुकाबला धर्मशाला के मैदान पर खेला जाना था। इस सीरीज के दौरान टीम इंडिया का नेतृत्व विराट कोहली के हाथों में था। इस सीरीज के रांची में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली का कंधा फील्डिंग के दौरान चोटिल हो गया था, जिसकी वजह से विराट कोहली को आगे के मैचों के लिए टीम से बाहर होना पड़ा। विराट की गैर मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे को आगे के मैचों के लिए टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। अजिंक्य रहाणे ने टीम का शनदार नेतृत्व भी किया। इसके साथ ही अजिंक्य रहाणे के जरिए टीम में कुलदीप यादव के रूप में एक अतिरिक्त गेंदबाज खिलाने का उनका फैसला भी सही साबित हुआ। इस फैसले को यूं भी कहा जा सकता है कि कुलदीप यादव को खिलाना टीम के लिए टर्निंग प्वॉइंट के समान था। कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट झटके और मध्य क्रम में पैवेलियन वापस भेजने में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ ही भारत ने इस मैच को ही नहीं जीता बल्कि सीरीज को भी 2-1 कर अपने नाम किया।