भारत ने 1932 से लेकर अभी तक कुल मिलाकर 565 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 170 मैच जीते हैं, और 174 मैच हारे हैं। इसके अलावा 220 मैच ड्रॉ हुए हैं, वहीं एक मैच टाई भी हुआ है। अपने 170 टेस्ट जीत में भारतीय टीम ने काफी एकतरफा जीत भी हासिल की, लेकिन कुछ मैच बेहद रोमांचक भी हुए और भारत ने काफी कम अंतर से मुकाबला अपने नाम किया।
रनों के लिहाज से भारत की सबसे छोटी जीत की अगर बात करें तो यह रिकॉर्ड 13 रनों का है, जब 2004 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को मुंबई टेस्ट में 13 रनों से हराया था। 1972 में भारत ने इंग्लैंड को कोलकाता टेस्ट में 28 रनों से हराया था, वहीं 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में भारत ने 31 रनों से जीत हासिल की थी।
भारत के सबसे बड़े टेस्ट जीत की अगर बात करें तो रनों के लिहाज़ से रिकॉर्ड 372 रनों का है, जब भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 2021 मुंबई टेस्ट में हराया था। पारी के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी जीत वेस्टइंडीज के खिलाफ 2018 में आई थी, जब राजकोट टेस्ट में उन्होंने एक पारी और 272 रनों से जीत हासिल की थी। विकेट के मामले में भारतीय टीम ने अभी तक नौ बार टेस्ट क्रिकेट में 10 विकेट से जीत दर्ज की है।
हालाँकि आज हम बात करने जा रहे हैं विकेट के लिहाज से भारतीय टीम की तीन सबसे छोटी जीत के बारे में, जब उन्होंने 1 या 2 विकेट से टेस्ट में रोमांचक जीत हासिल की।
# भारत vs ऑस्ट्रेलिया (1 विकेट, मोहाली 2010)
2010 में मोहाली में दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला गया और भारत ने जबरदस्त रोमांचक मैच में ऑस्ट्रेलिया को एक विकेट से हरा दिया। टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में शेन वॉटसन (126) के शतक और टिम पेन के 92 एवं रिकी पोंटिंग के 71 रनों की मदद से 428 रन बनाये, जिसके जवाब में भारत ने सचिन तेंदुलकर (98), सुरेश रैना (86), राहुल द्रविड़ (77) और वीरेंदर सहवाग (59) के अर्धशतकों की मदद से 405 रन बनाये और ऑस्ट्रेलिया को 23 रनों की मामूली बढ़त हासिल हुई।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी फ्लॉप रही और पूरी टीम सिर्फ 192 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। भारत को जीत के लिए 216 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और एक समय स्कोर 48/4 हो गया था। इसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया ने मेजबानों को झटके दिए और स्कोर जब 124/8 हो गया, तब भारत की हार तय लग रही थी, लेकिन वीवीएस लक्ष्मण ने 73 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को एक विकेट से चौंकाने वाली जीत दिला दी। लक्ष्मण ने पहले इशांत शर्मा (31) के साथ नौवें विकेट के लिए 81 रन जोड़े और उनके आउट होने के बाद प्रज्ञान ओझा (5*) के साथ मिलकर टीम को यादगार जीत दिला दी। मैच में 8 विकेट लेने वाले ज़हीर खान को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
# भारत vs ऑस्ट्रेलिया (2 विकेट, मुंबई 1964)
1964 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली, जिसके दूसरे मैच में भारतीय टीम ने 2 विकेट से रोमांचक जीत हासिल की थी। मुंबई ने ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 320 रन बनाये, जिसके जवाब में भारत ने 341 रन बनाये और 21 रनों की बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 274 रन बनाकर ऑल आउट हुई और भारत को जीत के लिए 254 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे मेजबानों ने आठ विकेट खोकर हासिल कर लिया।
मैच में भारत की तरफ से भगवत चंद्रशेखर ने आठ और बापू नाडकर्णी ने 6 विकेट लिए। बल्लेबाजी में कप्तान नवाब पटौदी (86 एवं 53) ने शानदार प्रदर्शन किया और दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया। नवाब पटौदी के अलावा पहली पारी में विजय मांजरेकर और एमएल जयसिम्हा एवं दूसरी पारी में दिलीप सरदेसाई ने अर्धशतक लगाया था।
# भारत vs ऑस्ट्रेलिया (2 विकेट, चेन्नई 2001)
2001 की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज का निर्णायक मैच चेन्नई में खेला गया। मुंबई में पहला टेस्ट हारने के बाद कोलकाता में भारतीय टीम ने यादगार जीत दर्ज की थी और चेन्नई के आखिरी टेस्ट से पहले सीरीज का स्कोर 1-1 हो गया था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और मैथ्यू हेडन (203) के बेहतरीन दोहरे शतक के बावजूद 391 रन ही बना पाई। जवाब में भारत ने सचिन तेंदुलकर (126) के शतक और शिव सुंदर दास, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सदगोपन रमेश के अर्धशतकों की मदद से 501 रन बनाये और पहली पारी में 120 रनों की बढ़त हासिल की।
पहली पारी में आठ विकेट लेने वाले हरभजन सिंह ने दूसरी पारी में भी शानदार गेंदबाजी करते हुए आठ विकेट लिए और ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में 264 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। भारत को जीत के लिए 155 रनों का लक्ष्य मिला और वीवीएस लक्ष्मण के 66 और अंत में समीर दिघे के नाबाद 22 रनों की मदद से मेजबान टीम ने आठ विकेट खोकर मैच के अलावा सीरीज पर भी कब्ज़ा कर लिया। हरभजन सिंह और मैथ्यू हेडन को मैन ऑफ द मैच चुना गया।