अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अम्पायर की भूमिका खासी होती है। एक क्रिकेट मैच को आगे ले जाने के लिए अम्पायर ही वह व्यक्ति होता है जो खेल को सही दिशा में रखता है। मैदान पर दो अम्पायर के अलावा तीसरा और चौथा अम्पायर भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। मैच में बारिश से लेकर खराब रौशनी तक जांच करने के लिए अम्पायर की बड़ी जिम्मेदारी होती है। टेस्ट क्रिकेट में करीबी फील्डरों का दबाव अम्पायरों पर रहता है, तो वनडे में दर्शकों के शोर से चुनौती बढ़ जाती है। इन सबके बाद भी उन्हें चौकन्ना रहकर फैसला देना होता है।
अम्पायरों की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कम मैचों में अम्पायरिंग करने से लेकर ज्यादा मैचों तक वाले कई दिग्गज हुए हैं। इनमें कुछ अम्पायरों ने दुनिया में नाम किया है। कई ऐसे भी रहें हैं जिन्हें उनके खराब फैसलों के कारण जाना जाता है। भारतीय टीम के खिलाफ खराब निर्णय देने वाले भी कई अम्पायर हुए हैं। आईसीसी के एलिट पैनल में ज्यादातर अम्पायर विदेशी रहे हैं। भारत से काफी कम अम्पायर एलिट पैनल के सदस्य रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैचों में अम्पायरिंग करने वाले तीन व्यक्तियों के बारे में इस आर्टिकल में जिक्र किया गया है।
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अम्पायर जो सबसे ज्यादा मैचों में डटे रहे
स्टीव बकनर
इस अम्पायर को भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा खराब फैसले देने के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बकनर ने कुल 309 मैचों में अम्पायरिंग की। इस दौरान उन्होंने 128 टेस्ट और 181 वनडे मैचों में अम्पायरिंग की। भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 2008 में खराब फैसले देने में मार्क बेंसन के साथ बकनर भी थे। सचिन तेंदुलकर को स्टीव बकनर ने कई बार गलत आउट देकर पवेलियन का रास्ता दिखाया है। भारतीय टीम के लिए इनके फैसले खराब ही रहे। उन्होंने 1989 से 2009 तक अम्पायरिंग की। स्टीव बकनर के खराब फैसलों की वजह से भारत को नुकसान भी उठाना पड़ा। भारतीय दर्शक भी इनके कई फैसलों को पसंद नहीं करते थे। बढ़ते अनुभव के साथ ही इनके फैसलों में गलतियाँ भी बढ़ती गई।