इन खिलाड़ियों को आईपीएल में मौक़ा मिला था लेकिन वो इसे भुनाने में नाकाम रहे
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इंडियन प्रीमियर लीग के बारे में कहा जाता है कि यहां हुनर का मिलन कामयाबी से होता है। ये टूर्नामेंट अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए किसी सीढ़ी से कम नहीं है जो राष्ट्रीय टीम की तरफ़ ले जाती है। यहां युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलता है। आईपीएल में नए खिलाड़ियों की तरफ़ राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की ख़ास नज़र रहती है क्योंकि वो पूरे जोश से भरे रहते हैं।
अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए ये भी बेहत ज़रूरी है कि वो लगातार शानदार प्रदर्शन करते रहें, नहीं तो वो ‘चार दिन की चांदनी’ बनकर रह जाते हैं। हम यहां उन 3 अनकैप्ड खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो इस साल की नीलामी में नहीं ख़रीदे गए, लेकिन इससे पहले वो काफ़ी महंगे बिके थे।
#3 ईश्वर पांडेय
ईश्वर पांडेय का ताल्लुक मध्य प्रदेश से है, ये मध्य गति के तेज़ गेंदबाज़ हैं। ईश्वर उस वक्त पहली बार चर्चा में आए थे जब उन्हें आईपीएल के 7वें सीज़न के लिए नीलामी में चेन्नई टीम ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये में ख़रीदा था। इस खिलाड़ी को लेकर नीलामी के दौरान चेन्नई सुपरकिंग्स और सनराइज़र्स हैदराबाद में काफ़ी खींचतान देखने को मिली थी।
वो कमाल की स्विंग गेंद फेंकते हैं यही वजह है कि कई बार चयनकर्ताओं के दिमाग में उनका विचार आया था। सभी को उम्मीद थी की वो टीम इंडिया में स्विंग गेंदबाज़ों की कमी को दूर कर देंगे। वो इन स्विंग गेंद फेंकने में माहिर हैं। इसके बावजूद वो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने में नाकाम रहे।
वो चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के ओपनिंग गेंदबाज़ बन गए थे। उनकी गेंदबाज़ी में ज़बरदस्त विविधता देखी गई थी, लेकिन वो विपक्षी बल्लेबाज़ों के दिलों में ख़ौफ़ पैदा नहीं कर पाते थे। वो एक किफ़ायती गेंदबाज़ रहे हैं लेकिन वो विकेट निकालने में इतने माहिर नहीं थे।
नाज़ुक और तनावग्रस्त माहौल में टीम के कप्तान उन पर भरोसा नहीं करते थे। ईश्वर अपनी ऊंची कीमत के साथ इंसाफ़ नहीं कर सके और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए बोझ बन गए। उन्होंने 10 मैच में 7.67 की औसत से 11 विकेट हासिल किए थे।
साल 2016 की आईपीएल नीलामी के दौरान उन्हें राइज़िग पुणे सुपरजायंट टीम में शामिल किया गया था। बदकिस्मती से वो इस टीम के लिए एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। पुणे की टीम में कई धाकड़ गेंदबाज़ पहले से ही मौजूद थे, इसलिए ईश्वर के लिए कोई जगह नहीं बन पाई थी। विकेट लेने की क्षमता की कमी की वजह से वो इस साल नहीं ख़रीदे गए।