क्रिकेट इतिहास की 3 सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें जब दर्शकों की वजह से रोकना पड़ा मैच

जब क्रिकेट मैदान पर दर्शकों के बुरे बर्ताव की घटनाओं पर बात होती है तो भारत और श्रीलंका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले गए 1996 विश्व कप सेमीफाइनल की घटना तुरंत दिमाग में आ जाती है। लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, इससे पहले भी क्रिकेट इतिहास में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें हो चुकी हैं। तो आज हम ऐसी तीन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनायों के बारे में जानेंगे जब दर्शकों के बर्ताव की वजह से मैच रोकना पड़ा:

1) भारत बनाम श्रीलंका, तीसरा वनडे, 2017 : जब श्रीलंकाई दर्शकों ने मैदान पर फेंकी बोतलें

2017 में भारतीय टीम ने श्रीलंका का दौरा किया था, जहां उसे पाँच वनडे मैचों की सीरीज़ खेलनी थी। इस सीरीज़ में भारतीय टीम पहले दो मैच बड़ी आसानी से जीत चुकी थी। ऐसे में तीसरा वनडे दोनों टीमों के लिए बेहद अहम था। इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मेज़बान टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट के नुक्सान पर 219 रन बनाए। भारत की ओर से जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवरों में 27 रन देकर 5 विकेट हासिल किये।

जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और टीम के चार विकेट सिर्फ 61 रनों पर गिर गए। इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए एमएस धोनी ने सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा के साथ मिलकर पारी को संभाला। दोनों के बीच शतकीय सांझेदारी हुई और जब भारत को जीत के लिए सिर्फ 8 रनों की ज़रूरत थी तब मैच के 44वें ओवर की समाप्ति पर श्रीलंकाई दर्शकों ने मैदान पर प्लास्टिक की बोतलें फैंकना शुरू कर दिया जिसकी वजह से सुरक्षाकर्मियों को स्टेडियम खाली कराना पड़ा। इस घटना की वजह से मैच को लगभग आधे घंटे के लिए रोकना पड़ा। इसके बाद मैच शुरू होने पर भारत ने 29 गेंदें शेष रहते मैच और सीरीज़ दोनों अपने नाम कर लिए।

2) वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड, 1961, क्वींस पार्क ओवल में दर्शकों ने किया हंगामा

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1961 में, इंग्लैंड ने टेस्ट श्रृंखला के लिए इंग्लैंड का दौरा किया। इस श्रृंखला में क्वींस पार्क ओवल, पोर्ट स्पेन में खेला गया मैच हमेशा के लिए यादगार बन गया। क्वींस पार्क ओवल के मैदान पर 30,000 दर्शक मैच देखने के लिए पहुंचे थे लेकिन अपनी टीम के शर्मनाक प्रदर्शन से वे निराश थे।

वेस्टइंडीज के 5 विकेट सिर्फ 45 रनों पर ही गिर गए थे। गेरी अलेक्जेंडर और सोनी रामाधिन ने कुछ समय तक फ्रेड ट्रूमैन की आग उगलती गेंदों का कुछ समय के लिए सामना किया लेकिन और कोई भी बल्लेबाज़ उनके आगे टिक कर नहीं खेल पा रहा था। अपनी टीम की ऐसी बल्लेबाज़ी देख वेस्टइंडीज टीम के क्रिकेट प्रशंसकों ने अपने खिलाड़ियों को गालियां निकालना शुरू कर दिया।

चाय के तुरंत बाद अंपायर ने सीके सिंह को आउट करार दिया, लेकिन दर्शक इस फैसले से खुश नहीं थे। सीके ने भी क्रीज छोड़ने से इनकार कर दिया। गुस्से में दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फैंकना शुरू कर दिया और देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई और मैदान में आकर हुड़दंग मचाने लगी। सुरक्षा-कर्मियों ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मैदान से सुरक्षित बाहर निकला। इस घटना के कारण तीसरे दिन का खेल पूरा नहीं हो पाया। बाद में, मैच रेफरी ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अंपायर के फैसले पर तुरंत अमल करने की सलाह दी।

3) विश्व कप सेमी-फाइनल 1996, ईडन गार्डन: जब भारतीय प्रशंसकों ने मैच में डाली रुकावट

1996 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए सेमीफाइनल का वह दृश्य कौन भूल सकता है जब भारतीय प्रशंसकों ने अपने टीम की हार को देखते हुए मैदान पर बोतलें फैंकना शुरू कर दिया। 1996 विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में कोलकाता के ईडन गार्डन में भारत और श्रीलंका की भिड़ंत हुई। अपनी टीम को जीतता देखने के लिए पूरा स्टेडियम खचा-खच भरा हुआ था।

श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए अरविन्द डी सिल्वा और रोशन महानामा के अर्धशतकों की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में 251 रन बनाए जो उस समय की भारतीय टीम के लिए मामूली स्कोर था। इसके बाद बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और तेंदुलकर (68) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज़ रन नहीं बना सका।

भारत के 8 विकेट सिर्फ 120 रनों पर गिर गए थे और विनोद कांबली और जवागल श्रीनाथ क्रीज़ पर थे। अपनी टीम के ऐसे लचर प्रदर्शन को देखकर दर्शकों का गुस्सा होना स्वाभाविक था लेकिन किसी ने यह अपेक्षा नहीं की थी कि वे मैदान पर बोतलें फैंकना शुरू कर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ और मैच काफी देर तक रूका रहा। इसके बाद मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने दोनों अंपायरों से विचार-विमर्श करने के बाद श्रीलंका को विजयी घोषित कर दिया।

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