अभी हाल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट और वन- डे मैचों की श्रृंखला भी समाप्त हो चुकी है, जिसे भारत ने कोहली-धोनी-केदार-चहल के शानदार प्रदर्शन के बल पर जीत दर्ज करते हुए वन- डे श्रृंखला को भी 2-1 से अपने नाम किया | इस श्रृंखला को महेंद्र सिंह धोनी की वापसी की श्रृंखला भी कह सकते हैं | श्रृंखला के पहले मैच में भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की धीमी बल्लेबाजी चर्चा का विषय रहा | लेकिन क्रिकेट परिस्थितियों के अनुसार खेलने का खेल है | टीम के 4 रनों पर 3 विकेट गिर जाने के बाद कोई भी बल्लेबाज अक्सर वैसी ही बल्लेबाजी करता जैसा महेंद्र सिंह धोनी ने की थी |
लेकिन ऐसा लगता है जैसे 50 ओवर और 20-20 के फटाफट क्रिकेट ने क्लासिकल टेस्ट बैटिंग को कहीं दूर सा कर दिया है | टेस्ट क्रिकेट पांच दिनों का वह खेल है जहां कला कौशल कुशलता की क़ाबलियत के साथ विकेट लिए और बचाए जाते हैं | कभी-कभी तो टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने से कहीं ज्यादा समय बिताने पर जोर दिया जाता है | ताकि टीम को सुरक्षित स्थिति में जाकर मैच को हारने से बचाया जा सके | आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में खेली गई ऐसी कई पारिया दर्ज है जिनमें स्ट्राइक रेट तो कम था मगर विकटों पर घंटों तक टिका गया था |
आइये आगे की स्लाइड में देखते हैं फटाफट क्रिकेट के इस दौर में टेस्ट मैच में खेली अब तक की सबसे कम स्ट्राइक रेट की तीन सबसे धीमी पारियां |
(इस रिकॉर्ड में उन खिलाडियों का जिक्र है जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में कुल 1000 रन ज्यादा बनाए है तथा सबसे धीमी पारी खेलने के दौरान स्ट्राइक रेट 10 के कम और बैटिंग क्रीज पर 100 मिनट से ज्यादा समय बिताते हुए कम से कम 1 रन बनाया हो |)