भारतीय टीम में शुरू से ही स्पिनरों का खासा बोलबाला रहा है। कई दिग्गज स्पिनर भारतीय में आए और कई नाम ऐसे भी रहे जो बेहतर थे मगर ज्यादा नहीं खेल पाए। भारतीय टीम को तेज गेंदबाजों की तुलना में बेहतर स्पिनरों वाली टीम माना जाता रहा है। घरेलू सीरीज में भारतीय टीम के स्पिनर हमेशा से ही हावी रहे हैं। अनिल कुंबले से लेकर हरभजन सिंह और रविचंद्रन अश्विन जैसे धाकड़ स्पिनरों ने भारतीय टीम की सफलता में चार चाँद लगाने का काम किया है।
अनिल कुंबले विश्व में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज हैं। वर्तमान समय में नई पीढ़ी भी बतौर स्पिनर बढ़िया प्रदर्शन करने में कामयाब नजर आती है। कुलदीप यादव, रविन्द्र जडेजा और युजवेंद्र चहल का नाम उनमें मुख्य रूप से लिया जा सकता है। भारतीय परिस्थितियों में दो स्पिनरों के साथ मैदान पर उतरना टीम की परम्परा रही है। यह पहले भी थी और अब भी चल रही है। वर्तमान भारतीय टीम में कई शानदार स्पिनर हैं जो आगे चलकर मुख्य स्पिनर की भूमिका में भी नजर आ सकते हैं। इस आर्टिकल में ऐसे ही 3 भारतीय स्पिनरों का जिक्र किया गया है।
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भारतीय टीम में 3 स्पिनर जो आगे मुख्य भूमिका में दिख सकते हैं
वॉशिंगटन सुंदर
इस भारतीय खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किये हुए लगभग तीन वर्ष का समय हो चुका है लेकिन अहम बात यह है कि वे अभी बीस साल के ही हैं। आईपीएल में प्रतिभा दिखाने के बाद ही उन्हें भारतीय टीम में मौका मिला था। हवा ने तेज गेंद डालकर बल्लेबाजों को परेशान करने वाले वॉशिंगटन सुंदर को आगे चलकर मुख्य स्पिनर की भूमिका में देखा जा सकता है। उनके पास ऐसा करने की पूरी काबिलियत है।
रवि बिश्नोई
इस स्पिनर को अंडर 19 विश्वकप में देखा गया था। सबसे ज्यादा 17 विकेट लेकर भारतीय टीम को फाइनल में पहुँचाने वाले रवि बिश्नोई का भविष्य भी उज्ज्वल दिखाई देता है। इस लेग स्पिनर की गूगली काफी शानदार है जिसके कारण अंडर 19 विश्वकप में वे सफल रहे थे। भारतीय टीम में आने के बाद वे लम्बे समय तक खेलते हुए मुख्य स्पिनर बन सकते हैं।