आईपीएल के लिए बीसीसीआई ने नए प्रायोजक की तलाश शुरू कर दी है। विवो के आईपीएल से पीछे हटने के बाद नए टेंडर के लिए कार्य जारी है। बीसीसीआई ने आईपीएल के नए प्रायोजक की बिड्स में हिस्सा लेने वाले ब्रांड के लिए एक मापदंड तय किया है। जिस कम्पनी का सालाना टर्नओवर 300 करोड़ से कम नहीं होना चाहिए। इससे कम टर्नओवर वाली कम्पनियों को टेंडर भरने के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।
बीसीसीआई को विवो से हर साल आईपीएल के टाइटल प्रायोजक के रूप में 440 करोड़ रूपये मिलते थे। इस साल यह देखना होगा कि कौन सी कम्पनी प्रायोजक बनती है। हालांकि बीसीसीआई ने यह भी साफ़ किया है कि सबसे ज्यादा रूपये के बिड वाली कम्पनी को प्रायोजक बनाना जरूरी नहीं है। अन्य तथ्यों को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसमें थर्ड पार्टी को भी समझौते के आधार पर किसी तरह के अधिकार नहीं देने का प्रावधान किया गया है।
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आईपीएल प्रायोजक बिड प्रक्रिया शुरू
सितम्बर में यूएई में होने वाले आईपीएल के लिए बिड प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 18 अगस्त इसके लिए अंतिम तारीख रखी गई है। इस दिन नए प्रायोजक के बारे में पता चल जाएगा। प्रायोजक अधिकारी भी उसी दिन उस ब्रांड को मिल जाएंगे।
रेवेन्यू शेयर समझौते के तहत बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सर से मिली पूरी राशि अपने पास नहीं रख सकती। इसका पचास फीसदी हिस्सा टीमों को दिया जाता है। बाकी बची हुई राशि बीसीसीआई को मिलती है। 25 करोड़ सालाना हर टीम को पहले मिलते थे। इस साल यह राशि कितनी होती है, यह देखने वाली बात होगी। इस साल मिलने वाली राशि बिड्स और स्पॉटन्सर के चयन पर ही निर्भर करेगी। आगामी कुछ दिनों में स्थिति पूरी तरह से साफ़ हो जाएगी।
आईपीएल का नया सीजन सितम्बर में यूएई में खेला जाएगा। नवम्बर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट के लिए टीमों के रवाना होने का सिलसिला इसी महीने शुरू हो जाएगा। कड़े नियमों के बीच टूर्नामेंट आयोजन कराया जाएगा। खिलाड़ियों को संयुक्त अरब अमीरात के लिए निकलने से पहले दो बार कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा यूएई में काफी कड़े नियम होंगे।