#3 लेन पासको
1970 के दशक की बात है, उस वक़्त लेन पासको कंगारू टीम का अहम हिस्सा थे, वो अपनी तेज़ गेंदबाज़ के लिए मशहूर थे। उन्हें बेहद आक्रामक गेंदबाज़ों में गिने जाते थे। उस दौर में डेनिस लिली और जेफ़ थॉमसन का जैसे तेज़ गेंदबाज़ों का जलवा था, यही वजह है कि पासको की चमक इन 2 महान खिलाड़ियों के सामने थोड़ी फीकी पड़ गई थी। पासको ने साल 1977 की एशेज़ सीरीज़ के ज़रिए इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड सीरीज़ क्रिकेट का रुख़ किया, उस वक़्त कैरी पैकर ने सुपर टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत की थी, यही वजह कि पासको के करियर के शुरुआती साल थोड़े बर्बाद हुए। उन्होंने 29 वनडे मैच खेले हैं जिनमें एक भी वर्ल्ड कप का मैच नहीं है। 1979 के वर्ल्ड कप में उन्हें मौक़ा नहीं मिला था। इसके अलावा वो घुटने की चोट से भी परेशान रहे और साल 1982 में उनके क्रिकेट करियर का अंत हो गया। उन्होंने 29 मैच में 20.11 की औसत और 4.07 की इकॉनमी रेट से 53 विकेट हासिल किए थे। अगर वो और क्रिकेट खेल पाते तो उनका करियर और भी बेहतर हो सकता था।