आईपीएल दुनिया में खेले जाने वाले बड़े टूर्नामेंटों में से एक है। जहां यह युवा खिलाड़यों को विश्व स्तर के खिलाडियों के साथ खेलने का मौका देता है, वहीं उनको राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का अवसर भी प्रदान करता है। आईपीएल में वैसे तो कई घरेलू और विदेशी खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं लेकिन सबको अपनी टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं ऐसे पांच विदेशी खिलाडियों के बारे में जिन्हें अभी तक अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है।
#1 कार्लोस ब्रैथवेट (सनराज़इर्स हैदराबाद)
वेस्टइंडीज़ के टी20 कप्तान खिलाड़ी कार्लोस ब्रैथवेट ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा, "मैंने कोच टॉम मूडी के साथ बात की और उन्होंने पूरी ईमानदार से मुझे बताया कि मुझे अपने अवसरों के लिए धैर्य रखना होगा।" ब्रैथवेट एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और वो जानते हैं कि केन विलियमसन के नेतृत्व में जिस तरह से सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम खेल रही है, उन्हें अभी और इंतज़ार करना पड़ सकता है। हालांकि, टी -20 विश्व कप के फाइनल में जिस तरह से इस खिलाड़ी ने प्रदर्शन किया था, वो क़ाबिले तारीफ़ है। उनके आईपीएल करियर की बात करें तो ब्रैथवेट ने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए दो सत्रों में कुल 10 मैच खेले हैं। उनकी धारधार गेंदबाजी और आक्रमक बल्लेबाज़ी को ध्यान में रखते हुए उन्हें टीम से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए।
#2 संदीप लामिछाने (दिल्ली डेयरडेविल्स)
नेपाल क्रिकेट नक्शे पर कहीं नहीं दिखता लेकिन 2000 में जन्म लेने वाले वाले संदीप लामिछाने ने आईपीएल का हिस्सा बनकर क्रिकट जगत में इसको पहचान दिला दी है। इस वर्ष दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है। हालाँकि अनुभवी गेंदबाज़ अमित मिश्रा और राहुल तेवतिया के टीम में रहते हुए उन्हें टीम के लिए अपना पहला मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। लेकिन अभी तक इस सीज़न में दिल्ली का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कप्तान बदलने के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम एक जीत के लिए तरस रही है। बल्लेबाज़ों के साथ गेंदबाज़ भी बढ़िया प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं, ऐसे में अपना पहला आईपीएल खेल रहे इस युवा गेंदबाज़ को एक मौके देना चाहिए, लेकिन संदीप लामिछाने को टीम में जगह देने के लिए दिल्ली को लियाम प्लंकेट या ग्लेन मैक्सवेल में से किसी एक को बाहर बैठाना पड़ेगा।
#3 कैमरन डेलपोर्ट (कोलकाता नाइट राइडर्स)
बहुत से लोगों को शायद याद नहीं होगा, 2014 में चैंपियंस लीग टी -20 के दौरान डॉल्फिंस की तरफ से खेलते हुए कैमरन डेलपोर्ट ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शानदार पारी खेली थी। डेलपोर्ट ने उस मैच में धुआंदार बल्लेबाज़ी करते हुए 9 गेंदों में 34 रन बनाये थे। उन्होंने आईपीएल में खेलने में भी रुचि दिखाई थी। टी 20 में उनके प्रदर्शन को अनदेखा नहीं किया सकता। 28 वर्षीय इस बल्लेबाज़ ने अपने टी-20 करियर में 140 के स्ट्राइक रेट से रन बनाये हैं और तीन शतक लगाए हैं। गेंदबाज़ी में डेलपोर्ट ने 7.65 की इकोनॉमी रेट से 48 विकेट लिए हैं। पिछले मैच में मिचेल जॉनसन की लचर गेंदबाज़ी के बाद कोलकाता को उनका विकल्प तलाशना होगा, ऐसे में डेलपोर्ट एक विकल्प हो सकते हैं। उनकी आक्रमक बल्लेबाजी और उपयोगी गेंदबाजी, कोलकाता नाइट राइडर्स को फिर से जीत की लय में ला सकती है।
#4 मोईन अली (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर)
मोईन अली भले ही टी -20 में अभी तक कुछ खास नहीं पाए हों, लेकिन वे एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और ज़रूरत पड़ने पर टीम को संकट से उबार सकते हैं। इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को आरसीबी ने अभी तक मैच खेलने का कोई मौका नहीं दिया है। बैंगलोर के पास मध्य क्रम में अनुभवहीन और औसत दर्जे के बल्लेबाज़ हैं, जो अभी तक कुछ खास कर पाए हैं, ऐसे में अली की मौजूदगी टीम में स्थिरता ला सकती है। इसके अलावा बीच के ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए उनका ऑफ-स्पिनर तौर पर भी इस्तेमाल किया सकता है। लेखक: सस्त्री अनुवादक: आशीष कुमार