दशकों के चले आ रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में समय के साथ कई बदलाव और नयापन देखने को मिला है। खिलाड़ियों की तकनीक में परिवर्तन देखने को मिला, तो खेल के नियम भी बदले गए, कुछ पुराने रखे गए, कुछ में मिश्रण किया गया और कई नियमों की समीक्षा की गई। टेस्ट क्रिकेट के बाद यह खेल वनडे में आया और उसके बाद इसे टी20 प्रारूप में भी लागू कर दिया गया। शुरू से लेकर अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जरूरत के हिसाब से कई नियम नए बनाए गए और कुछ नियमों में मामूली परिवर्तन किया गया। लोगों को भी कई नियमों से शिकायत रहती है कि उक्त नियम को हटा देना चाहिए या कुछ बदलाव करना चाहिए।
वर्तमान समय में टी20 क्रिकेट के अलावा टेस्ट और वनडे की अपनी अलग लोकप्रियता है। हर प्रारूप के दर्शक हैं और इसे पसंद करने वाले लोग भी विभिन्न तरह के हैं। आईसीसी ने हर प्रारूप के लिए नियमों की व्याख्या करने के अलावा समीक्षा और आवश्यक बदलाव भी किये हैं और सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इस आर्टिकल में क्रिकेट के उन नियमों के बारे में जिक्र किया गया है, जो थोड़े अलग हैं और अजीब भी लगते हैं। बहुत कम ही लोग इन नियमों के बारे में जानते होंगे। आपको भी इन अनोखे नियमों के बारे में जानकार हैरानी होगी। मैरिलबोन क्रिकेट क्लब नियमों को बनाता है।
गेंद खोने की स्थिति में नियम
अगर बल्लेबाज द्वारा लगाए गए शॉट में गेंद खो जाती है, तो फील्डिंग टीम गेंद खोने की अपील करती है और गेंद को डेड घोषित किया जाता है। इस दौरान दौड़कर प्राप्त या बाउंड्री से मिले रन बल्लेबाज के खाते में जोड़े जाते हैं। ऐसा नहीं होने की स्थिति में रनों को अतिरिक्त में भी जोड़ा जा सकता है। दूसरी गेंद उतने ही ओवर पुरानी लाकर खेल शुरू होता है।
बिना अपील आउट नहीं दिया जा सकता
बल्लेबाज को अम्पायर तब तक आउट नहीं दे सकता जब तक फील्डिंग करने वाली टीम अपील नहीं करे। क्रिकेट के 27वें नियम के अनुसार ऐसा किया जाता है। बल्लेबाज वापस जाता है, तो अम्पायर उसे रोककर कह सकता है कि आप आउट नहीं हैं। फील्डिंग करने वाली टीम गेंदबाज के रन-अप तक जाने पर भी अपील कर सकती है।
मांकडिंग
सबसे पहले वीनू मांकड़ ने इसे इस्तेमाल किया था। 1947 में ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को वीनू मांकड़ ने आउट किया था। इसमें गेंदबाजी छोर पर खड़ा बल्लेबाज क्रीज से बाहर निकलता है, तो गेंदबाज गेंद को विकेट पर मारकर अपील कर सकता है। नैतिक रूप से देखें तो पहली बार चेतावनी दी जा सकती है लेकिन नियमों में चेतावनी का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए गेंदबाज बिना चेतावनी भी आउट कर सकता है। जोस बटलर हालिया समय में दो बार ऐसे आउट हुए हैं। पहली बार वे 2014 में श्रीलंका के खिलाफ मैच में सेनानायके द्वारा आउट हुए थे। 2019 आईपीएल में उन्हें रविचंद्रन अश्विन ने आउट किया था।
चोटिल खिलाड़ी की के लिए नियम
मैदान से बाहर जाने से पहले चोटिल खिलाड़ी अम्पायर को बताता है। वह 15 मिनट से ज्यादा बाहर रहता है, तो उतने समय तक बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं कर सकता। अगर कोई खिलाड़ी 18 मिनट मैदान से बाहर रहकर फील्डिंग में आया है, तो अगले अठारह मिनट वह गेंदबाजी नहीं कर पाएगा। सचिन तेंदुलकर एक बार अठारह मिनट फील्ड पर नहीं आए थे और अगली पारी में बल्लेबाजी के अठारह मिनट पहले 2 विकेट गिर गए थे, तब सचिन बल्लेबाजी के लिए नहीं जा पाए थे।