आईपीएल का वर्तमान सीज़न अपने अंतिम पड़ाव में प्रवेश कर चुका है और सभी टीमें अपने लीग मैच खेल चुकी हैं। इसके साथ ही चार टीमों ने प्लेऑफ में जगह बना ली है। क्रिकेट प्रशंसकों के लिए इससे बेहतर आईपीएल संस्करण नहीं हो सकता था। इस सीज़न में अधिकांश मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते हैं। आईपीएल में कई नए खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एक ऐसी लीग में जहां कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं है और किसी भी लक्ष्य का बचाव किया जा सकता है, युवा खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। आईपीएल के मौजूदा सत्र में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन मिला जुला ही रहा है। हालाँकि कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिनको उनकी टीम ने एक या दो मैच खिलाकर बाहर बिठा दिया। आइये जानते हैं ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने इस सीज़न में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है और इसलिए आईपीएल के अगले सीज़न में शायद हम उन्हें खेलते हुए ना देख पाएं।
गुरकिरत सिंह मान
गुरकिरत सिंह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनको कुछ समय पहले भारतीय क्रिकेट में शामिल किया गया था क्योंकि वह बल्ले और गेंद दोनों से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और टीम इंडिया में आलरॉउंडर की कमी को पूरा कर सकते थे। समय के साथ चयनकर्ताओं ने उन्हें हार्दिक पंड्या और केदार जाधव जैसे हरफनमौला खिलाड़ियों के आ जाने से उन्हें दोबारा हाशिये पर धकेल दिया। हालाँकि, ऑस्ट्रेलियाई ए टीम के खिलाफ उनके प्रदर्शन को देखते हुए, जिसमें उन्होंने 87 रन बनाए थे, उनको टीम इंडिया में चुना गया था।लेकिन यह ऑलराउंडर भारतीय टीम में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और उनके नाम 3 वनडे मैचों में बिना किसी विकेट के केवल 13 रन दर्ज हैं। उनके गिरते प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें भारत ए टीम से भी बाहर कर दिया गया। इसके बावजूद आईपीएल नीलामी में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स द्वारा 75 लाख रु में खरीदा गया था लेकिन वह एक भी मैच में अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं बन पाए। अगले साल की आईपीएल नीलामी में मान शायद ही किसी फ्रैंचाइज़ी का हिस्सा बन पाएं।
पवन नेगी
इस साल की आईपीएल नीलामी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पवन नेगी को टीम में बनाए रखने के लिए राइट टू मैच (आरटीएम) कार्ड का उपयोग किया था, जो उनके लिए सबसे बड़ी भूल साबित हुआ। आईपीएल नीलामी में नेगी को शायद ज़्यादा ही तरजीह दे दी गई क्योंकि उनकी कीमत 1 करोड़ तक पहुंच गई थी। लेकिन वह हर मौके पर अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं। आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया था। नेगी ने संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ भारत के लिए एक मैच खेला है जहां उन्होंने एक विकेट लिया था। आईपीएल के वर्तमान सीज़न की बात करें तो नेगी ने इस सीज़न में केवल 2 मैच खेले हैं और सिर्फ 3 रन बनाए और एक विकेट लिया है।अगर नेगी अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं करते तो अगले साल की आईपीएल में निश्चित रूप से उन्हें कोई खरीददार नहीं मिलेगा।
स्टुअर्ट बिन्नी
भारत के महान ऑलराउंडर रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पिता की सफलता को दोहराने में विफल रहे हैं। कुछ मैचों में भारतीय टीम का हिस्सा रहने के बावजूद वह कुछ खास नहीं कर सके। 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी-20 खेलने के बाद वह केवल एक मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएं हैं जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 4/6 का जादुई रिकॉर्ड बनाया था। गेंद को स्विंग कराने की और आक्रामक बल्लेबाज़ी करने की उनकी क्षमता के बावजूद वह अच्छे मौकों को भुना नहीं पाएं भारतीय टीम से उन्हें बाहर किये जाने का यही मुख्य कारण था। इस वर्ष की आईपीएल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 50 लाख रुपये में खरीदा था। बिन्नी ने इस सत्र में अब तक 5 मैच खेले हैं और केवल 44 रन बनाए हैं। ऐसे प्रदर्शन को देखते हुए बिन्नी का अगले साल के आईपीएल में किसी भी टीम का हिस्सा बन पाना बहुत मुश्किल होगा।
सौरभ तिवारी
झारखंड के प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ सौरभ तिवारी ने घरेलू क्रिकेट में अपने अच्छे प्रदर्शन बदौलत आईपीएल में जगह बनाई थी। शीर्ष क्रम के इस बल्लेबाज ने आईपीएल में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद उन्हें 2010 में राष्ट्रीय टीम के लिए चुना गया। तिवारी से सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम को अच्छी शुरुआत देने की अपेक्षा थी लेकिन दुर्भाग्यवश, जैसा की होता आया है, उन्होंने भारत के लिए केवल 3 मैच खेले और 87.5 की स्ट्राइक रेट से केवल 49 रन बनाए। टीम को जैसी उनसे अपेक्षा थी, वह अपेक्षाओं पर खरा उतरने में नाकाम रहे। भारतीय टीम के लिए खेलते समय, उन्होंने अपने नौसर्गिक खेल नहीं खेला, जिसकी वजह से वह रन नहीं बना सके। उन्होंने इस सीजन में मुंबई इंडियंस की तरफ से एक भी मैच नहीं खेला और अब मुंबई के प्लेऑफ से बाहर हो जाने के बाद तो कोई मैच खेलने की उम्मीद भी नहीं है। हालाँकि उनके पास 81 मैचों में खेलने का पर्याप्त अनुभव है लेकिन उनका गिरता प्रदर्शन चिंता का विषय है। ऐसे में अगले वर्ष की आईपीएल नीलामी में उनका मुंबई इंडियंस में बने रहना भी नामुमकिन लगता है। लेखक: सूरज श्री गणेश अनुवादक: आशीष कुमार