राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड भारत में खेलों में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। खेल रत्न वाले वाले खिलाड़ी को मेहनत का फल मिलता है और इसे नहीं पाने वाले खिलाड़ी को थोड़ी निराशा जरुर होती है। भारतीय क्रिकेट टीम से रोहित शर्मा को खेल रत्न अवॉर्ड के लिए अंतिम 4 में चुना गया है। उनके पहले भारतीय टीम से सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को खेल रत्न अवॉर्ड मिला था। इन खिलाड़ियों की मेहनत का ही नतीजा रहा है जो उन्हें खेल रत्न अवॉर्ड मिला।
जो हकदार होता है उसे पुरस्कार मिलना भी चाहिए। रोहित शर्मा और तीन अन्य भारतीय खिलाड़ी इसके हकदार थे इसलिए उन्हें खेल रत्न पुरस्कार मिला। इन सबके बीच कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी भारतीय टीम से हैं जिन्हें खेल रत्न अवॉर्ड नहीं मिला। 1991 में भारत सरकार ने इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी। वहां से लेकर अब तक भारतीय टीम में कई दिग्गज हुए हैं लेकिन खेल रत्न सिर्फ 3 ही खिलाड़ियों को मिला है। कड़ी मेहनत के बाद देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों को खेल रत्न अवॉर्ड नहीं मिलना न्यायोचित नहीं है। इस आर्टिकल में भारत के चार दिग्गज क्रिकटरों का जिक्र किया गया है जो खेल रत्न अवॉर्ड पाने के हकदार थे लेकिन उन्हें यह नहीं मिला।
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भारतीय टीम के 4 खिलाड़ी को खेल रत्न के हकदार थे
अनिल कुंबले
वर्ल्ड क्रिकेट में अनिल कुंबले एक चर्चित नाम है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 900 से ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अनिल कुंबले ने एक टेस्ट की पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। टेस्ट में 619 और वनडे में 337 विकेट लेने वाले अनिल कुंबले से आगे गेंदबाजी के आंकड़ों में कोई नहीं है। दोनों प्रारूप में सबसे ज्यादा विकेट उन्हें मिले हैं। इस उपलब्धि के बाद भी उन्हें खेल रत्न नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
सौरव गांगुली
भारतीय टीम को मुश्किल स्थिति से निकालकर बदलाव के साथ जीत की राह पर लाने का श्रेय सौरव गांगुली को ही जाता है। सौरव गांगुली ने एक युवा टीम के साथ भारत को 2002 चैम्पियंस ट्रॉफी में संयुक्त विजेता बनाया। इसके बाद अगले साल वर्ल्ड कप में भी भारत को फाइनल तक लेकर गए। इस दौरान खुद भी उन्होंने 3 शतक इस वर्ल्ड कप में जड़े। नेटवेस्ट ट्रॉफी के अलावा भारत में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराना आदि चीजें सौरव गांगुली की कप्तानी में हुई। सौरव गांगुली ही वह कप्तान थे जिन्होंने देश से बाहर टीम को जीतना सिखाया। इसके अलावा वनडे में उन्होंने 11 हजार और टेस्ट में 7 हजार से ज्यादा रन बनाए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने 38 शतक जड़े और 132 विकेट भी झटके। उन्हें खेल रत्न मिलना चाहिए था।
मिताली राज
भारतीय महिला टीम को दो बार वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में पहुँचाने वाली खिलाड़ी का नाम मिताली राज हैं। 2005 और 2017 में उनकी कप्तानी में टीम को वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर तय करने का मौका मिला। हालांकि टीम ख़िताब जीतने से दोनों बार दूर रह गई। टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाली एकमात्र बल्लेबाज भी मिताली राज हैं। इसके अलावा टेस्ट और वनडे दोनों में उनकी औसत 50 से ऊपर है। वनडे में सबसे ज्यादा मैच 209 और सबसे ज्यादा रन 6888 भी मिताली राज के नाम हैं। उनसे आगे वर्ल्ड क्रिकेट में कोई अन्य महिला खिलाड़ी नहीं है। उन्हें खेल रत्न मिलना चाहिए था।
राहुल द्रविड़
भारतीय क्रिकेट की दीवार राहुल द्रविड़ ने टीम के लिए कई बार संकटमोचक की भूमिका निभाई है। टेस्ट और वनडे दोनों में दस हजार से ज्यादा रन बनाने वाले राहुल द्रविड़ 1999 के वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। लम्बे समय तक क्रीज पर रहकर उन्होंने भारत के लिए कई यादगार पारियां खेलने के अलावा पराजय भी बचाई। उन्हें खेल रत्न मिलना चाहिए था। दो बार नाम की सिफारिश के बाद भी उन्हें अवॉर्ड नहीं दिया गया।