बीसीसीआई ने हाल ही में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कारों के लिए रोहित शर्मा का नाम भेजा है। पहले भी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए अलग-अलग खिलाड़ियों के नाम जाते रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के भी कुछ खिलाड़ी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीत चुके हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जो इस प्रतिष्ठित भारतीय इनाम के हकदार थे लेकिन उसे प्राप्त नहीं कर पाए।
भारतीय क्रिकेट टीम से सचिन तेंदुलकर ने सबसे पहले यह पुरस्कार प्राप्त किया। उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को भी यह पुरस्कार मिला। इस बार इच्छा सभी की यह होंगी कि यह पुरस्कार रोहित शर्मा के खाते में जाए लेकिन यह इतना आसान नहीं कहा जा सकता है। दिग्गज भारतीयों की बात करें तो कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए अपना शानदार खेल दिखाया लेकिन उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार कभी नहीं मिला। ऐसे ही कुछ भारतीय खिलाड़ियों की बात इस आर्टिकल में की है।
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राजीव गांधी खेल रत्न के हकदार रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर
राहुल द्रविड़
दीवार के नाम से मशहूर यह भारतीय खिलाड़ी सही मायनों में राजीव गांधी खेल रत्न पाने का हकदार था। एक समय आया था जब शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष थे और उन्होंने राहुल द्रविड़ के नाम की लिखित अनुशंसा नहीं की। बोर्ड ने बाद में बताया कि लिखित में देने का प्रावधान मालूम नहीं था। इससे पता चलता है कि राहुल द्रविड़ को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिलाने के लिए बीसीसीआई कितनी सजग रही होगी।
सौरव गांगुली
सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने जीतना सीखा था। 2002 की चैम्पियंस ट्रॉफी हो या 2003 का वर्ल्ड कप। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया और टीम को भी जीत की राह पर लाए। दस हजार से ज्यादा रन वनडे क्रिकेट में बनाने वाले गांगुली की टीम के ही कई सदस्य 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे। ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार मिलना चाहिए था। सौरव गांगुली में वह सभी गुण थे जो एक खिलाड़ी में खेल रत्न जीतने के लिए होने चाहिए।