मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए हर साल नाम मांगे जाते हैं। पहले भी खेल रत्न पुरस्कार के लिए अलग-अलग खिलाड़ियों के नाम जाते रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के भी कुछ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (पहले राजीव गांधी) खेल रत्न पुरस्कार जीत चुके हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जो इस प्रतिष्ठित भारतीय इनाम के हकदार थे लेकिन उसे प्राप्त नहीं कर पाए।
भारतीय क्रिकेट टीम से सचिन तेंदुलकर ने सबसे पहले यह पुरस्कार प्राप्त किया। उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को भी यह पुरस्कार मिला। रोहित शर्मा के बाद मिताली राज को भी इसके लिए चुना गया। दिग्गज भारतीयों की बात करें तो कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए अपना शानदार खेल दिखाया लेकिन उन्हें खेल रत्न पुरस्कार कभी नहीं मिला। ऐसे ही कुछ भारतीय खिलाड़ियों की बात इस आर्टिकल में की है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के हकदार रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर
राहुल द्रविड़
दीवार के नाम से मशहूर यह भारतीय खिलाड़ी सही मायनों में खेल रत्न पाने का हकदार था। एक समय आया था जब शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष थे और उन्होंने राहुल द्रविड़ के नाम की लिखित अनुशंसा नहीं की। बोर्ड ने बाद में बताया कि लिखित में देने का प्रावधान मालूम नहीं था। इससे पता चलता है कि राहुल द्रविड़ को खेल रत्न पुरस्कार दिलाने के लिए बीसीसीआई कितनी सजग रही होगी।
सौरव गांगुली
सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने जीतना सीखा था। 2002 की चैम्पियंस ट्रॉफी हो या 2003 का वर्ल्ड कप। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया और टीम को भी जीत की राह पर लाए। दस हजार से ज्यादा रन वनडे क्रिकेट में बनाने वाले गांगुली की टीम के ही कई सदस्य 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे। ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी को खेल रत्न पुरस्कार मिलना चाहिए था। सौरव गांगुली में वह सभी गुण थे जो एक खिलाड़ी में खेल रत्न जीतने के लिए होने चाहिए।
जहीर खान
स्विंग के जादूगर कहे जाने वाले जहीर खान ने तेज गेंदबाजी में एक अलग ही ताकत पैदा की। रिवर्स स्विंग में माहिर जहीर ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट और वनडे दोनों में उम्दा प्रदर्शन किया। जहीर खान के नाम की अनुशंसा खेल रत्न के लिए की जानी चाहिए थी। उनके आंकड़े देखने पर आप भी इस बात से सहमत होंगे।
अनिल कुंबले
जम्बो के नाम से मशहूर अनिल कुंबले टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले विश्व के तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने टेस्ट और वनडे में कुल 900 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं। अनिल कुंबले को खेल रत्न जरुर मिलना चाहिए था। टेस्ट क्रिकेट में सभी 10 विकेट झटकने का रिकॉर्ड बनाने वाले कुंबले को खेल रत्न पुरस्कार नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण बात है।