भारतीय क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है, इस दौरे में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेली, जिसमें भारत को 2-1 से करारी हार का सामना करना पड़ाा। वहीं अब इस हार के साथ ही भारत को 2019 के विश्व कप के लिए सतर्क हो जाना चाहिए। अगले साल विश्व कप इंग्लैंड के मैदान पर ही खेला जाना है और टीम इंडिया को चाहिए कि वो अपनी कमजोर कड़ियों पर अभी से काम करना शुरू कर दें ताकि विश्व कप में टीम को नुकसान न उठाना पड़े। आइए यहां जानते हैं उन चार फैक्टर्स के बारे में जिन पर भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व कप 2019 से पहले ध्यान देना चाहिए।
4. रोहित शर्मा को कप्तानी का ज्यादा अनुभव देना
विश्व कप 2019 के लिए तैयारियों रोहित शर्मा को कुछ एकदिवसीय मैचों में कप्तानी सौंपी जानी चाहिए ताकि उन्हें विश्व कप से पहले कुछ मैचों में कप्तानी करने का अनुभव हासिल हो जाए। भविष्य कोई नहीं जानता, ऐसे में अगर विश्व कप में या विश्व कप से पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली चोटिल हो जाते हैं तो टीम इंडिया के पास उनका विकल्प तैयार होना चाहिए। रोहित शर्मा ही वनडे टीम में उप-कप्तान की भूमिका निभाते हैं, ऐसे में कप्तानी के अनुभव और किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए रोहित सही विकल्प हैं। रोहित को कुछ एकदिवसीय मैचों की कप्तानी सौंपे जाने से उन्हें भी मैदान पर निर्णय लेने और रणनीति बनाने का अनुभव हासिल होगा। वहीं रोहित शर्मा इंडियन प्रीमियर लीग में भी मुंबई इंडियंस की काफी सालों से कप्तानी करते आ रहे हैं।
3. दूसरे बॉलिंग ऑलराउंडर को आजमाना
किसी भी घटना से बचने के लिए विकल्प काफी काम आता है और खेलों में भी विकल्पों को काफी तवज्जों दी जाती है। क्रिकेट के खेल में शुरू के सलामी बल्लेबाज से लेकर अंत के गेंदबाज तक हर एक खिलाड़ी का विकल्प मौजूद होता है। हालांकि टीम इंडिया में सभी खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो देखा जा रहा है कि टीम में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का विकल्प मौजूद नहीं है। अगर विश्व कप 2019 के दौरान हार्दिक पांड्या चोटिल हो जाते हैं या उनकी फॉर्म बेहद खराब रहती, तो टीम के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि टीम इंडिया को हार्दिक पांड्या के विकल्प के लिए काम करना चाहिए। इसके लिए ऑलराउंडर विजय शंकर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं। विश्व कप के लिए विजय शंकर को तैयार करने के लिए टीम इंडिया को काम करना चाहिए।
2. इंग्लैंड के घरेलू वनडे टूर्नामेंट में भाग लेना
साल 2007 के विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम को शुरुआती स्टेज में ही बाहर होना पड़ा था। टीम को बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से भी हार का सामना करना पड़ा था। अब भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल काफी युवा खिलाड़ी हैं। ज्यादातर खिलाड़ियों के पास अलग-अलग देशों की पिचों पर खेलने के अनुभव की कमी है। ऐसे में विश्व कप 2019 में भारत मौजूदा युवा खिलाड़ियों के साथ ही मैदान पर उतरेगा। ऐसे में इस बात का पहले ही ध्यान रखना चाहिए कि इस बार विश्व कप इंग्लैंड में हैं और वहां की पिचों पर खेलने का युवा खिलाड़ियों को ज्यादा अनुभव प्राप्त नहीं है। खिलाडियों को इंग्लैंड की पिच भी परेशानी में डाल सकती है। अगर साल 2007 का इतिहास साल 2019 में नहीं दोहराना है तो बीसीसीआई को टीम के कुछ स्पिनर जैसे युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के अलावा कुछ बल्लेबाजों जैसे केदार जाधव, मनीष पांडे और केएल राहुल को इंग्लैंड के घरेलू टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए भेजना चाहिए।
1. खेल का आनंद उठाना
साल 2007 के विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान राहुल द्रविड़ के हाथों में थी। हालांकि उस विश्व कप में भारत का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। शरद पवार ने 2007 के विश्वकप के दौरान बीसीसीआई की अध्यक्षता की थी। पवार ने उस दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि कि राहुल द्रविड़ विश्व कप जीतने से पहले भी विश्व कप जीतने के बारे में चिंतित थे। ऐसे में अब विश्व कप 2019 के लिए कोच रवि शास्त्री और कोचिंग स्टाफ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खिलाड़ी दबाव महसूस न करें। विश्व कप के दौरान और विश्व कप से पहले खिलाड़ी अच्छी मानसिक स्थिति में रहे और हर पल का आनंद उठाए। खिलाड़ियों के दिमाग से दबाव जितना कम होगा, खिलाड़ी मैदान पर उतना ज्यादा ही बेहतरीन तरीके से प्रदर्शन कर पाएंगे। लेखक: रूबेन दिलीप चेल्लिया अनुवादक: हिमांशु कोठारी