पॉल वाल्थाटी
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जबरदस्त धुआंधार शतक लगाकर कर पॉल वाल्थाटी ने आईपीएल में धमाकेदार शुरुआत की। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलते हुए सिर्फ 63 गेंद पर 120 रन बनाकर काफी सुर्खियां बटोरी। ये 2011 के आईपीएल सीजन में किसी भी बल्लेबाज का उच्चतम स्कोर था। इसके बाद उन्होंने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए पहले तो गेंदबाजी में सिर्फ 29 रन देकर 4 विकेट चटकाए और फिर 47 गेंदों पर 75 रनों की धुआंधार पारी खेली।
वॉल्थाटी 137 के शानदार स्ट्राइक रेट से 463 रन बनाकर किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से एक सीजन में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए।
मुंबई से एक युवा प्रतिभाशाली क्रिकेटर के तौर पर शुरुआत करने वाले पॉल वाल्थाटी 2002 में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। उस टीम में पार्थिव पटेल और इरफान पठान जैसे खिलाड़ी भी थे। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान उनके आंख में चोट लगने के कारण उनको टीम से बाहर बैठना पड़ा।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक पॉल वाल्थाटी आईपीएल में लगातार बढ़ रहे चुनौतीपूर्ण स्तर के हिसाब से अपने खेल में बदलाव नहीं ला सके। आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट है, जहां पल भर में खिलाड़ी स्टार बनते हैं और अगले ही पल बिखर जाते हैं। अगर आप कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो लोग आपको भुला देंगे और फैंस किसी दूसरे खिलाड़ी की तरफ देखने लगेंगे।
वॉल्थाटी ने 2012 के आईपीएल सीजन में केवल 6 मैच खेले और सिर्फ 30 रन ही बना सके। धीरे-धीरे वो लोगों की नजरों से गायब होते गए और लोगों के जेहन में सिर्फ एक सीजन की सनसनी बनकर रह गए। पॉल वाल्थाटी भी एक ऐसे हीरो थे जिन्हें अब भुला दिया गया है।