"क्रिकेट" ये शब्द हमारे देश में सिर्फ एक खेल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि एक जुनून है और जज्बा है। ये एक ऐसा सपना है जिसे लाखों भारतीय रोज़ जीते हैं और ये कुछ की जिंदगी का अहम हिस्सा है तो कुछ के लिए जिंदगी से कम नहीं। अपने नए-नए फार्मेट्स के जरिए क्रिकेट जिस तेज़ी से लोकप्रियता के रोज़ नए आयाम स्थापित कर रहा है उसके बाद तो हर उम्र और वर्ग के लोगों में क्रिकेट के लिए जुनून दीवानगी से कम नहीं।
बच्चा-बच्चा भी आज बड़े होकर क्रिकेटर बनने का ख्वाब देखता है। लेकिन ख्वाबों की ये राह इतनी आसान भी नहीं। क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने वाले हर शख्स का सपना होता है टीम इंडिया के लिए खेलना औऱ इस सपने को सच करने के लिए घरेलू क्रिकेट की दुनिया में रणजी टीम के लिए खेलना किसी भी खिलाड़ी के करियर में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
लेकिन कुछ प्लेयर्स ऐसे भी हैं जिन्होने अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट में तो अपने नाम का डंका बजाया पर आज तक रणजी के रण में बाजी नहीं मार पाए। आपको बताते है ऐसे ही 5 प्लेयर्स के बारे में जिनके नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तो कई रिकॉर्ड दर्ज हैं पर रणजी क्रिकेट में वो आज तक नहीं जीत पाए।
4 महान खिलाड़ी जो कभी भी रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाए
4.मोहम्मद अजहरुद्दीन
1985 में बेस्ट इंडियन क्रिकेटर का खिताब पाने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन अपनी कलाइयों के इस्तेमाल के लिए जाने जाते हैं। अपने करियर के 99 टेस्ट मैचों में उन्होंने 45.03 के औसत से 22 शतक लगाए लेकिन रणजी में इनका रिकॉर्ड कहीं न कहीं साथ नहीं देता। मोहम्मद अजहरुद्दीन उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनकी टीम आज तक रणजी नहीं जीत पाई।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1981 में हैदराबाद की तरफ से रणजी में डेब्यू किया। रणजी खेलने के तीसरे साल में ही सेलेक्शन नेशनल के लिए हो गया और साल 2000 तक रणजी के लिए खेलते रहे. लेकिन टीम को जीत न दिला सके। वहीं साल 2000 में ही मैच फिक्सिंग के आरोपो में फंसने के बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर खत्म हो गया।
3.वीवीएस लक्ष्मण
1996 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले वीवीएस लक्ष्मण को लोग वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण भी कहते हैं, जो टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक थे। लक्ष्मण खेल में अपनी सुपर टाइमिंग के लिए याद किए जाते हैं, साथ ही उनके खेल में उनके आइडल मोहम्मद अजहरुद्दीन की झलक भी दिखती थी लेकिन अपने आइडल की तरह लक्ष्मण के लिए भी रणजी करिय़र कुछ खास नहीं रहा।
1993 में हैदराबाद के लिए डेब्यू करने वाले लक्ष्मण ने 2012 तक रणजी खेला। व्यक्तिगत प्रर्दशन की बात करें तो रणजी में लक्ष्मण का खेल काफी अच्छा रहा और उन्होंने 5000 से ज्यादा रन बनाए जिसमें तीन दोहरे शतक भी शामिल है। लेकिन इसके बावजूद वीवीएस लक्ष्मण रणजी के मैच विनर नहीं बन पाए।
2.युवराज सिंह
उतार - चढ़ाव भरे करियर में युवराज सिंह का वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन उनके करियर में मील का पत्थर है। 2007 का टी20 वर्ल्ड कप हो या फिर 2011 का एकदिवसीय वर्ल्ड कप युवी का शानदार खेल ही है जिसकी बदौलत टीम ये ट्रॉफी जीत सकी।
युवराज अपनी धुंआधार बल्लेबाजी और सबसे तेज अर्धशतक बनाने के लिए खासतौर पर जाने जाते हैं लेकिन अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट में 11000 रन और 100 विकेट लेने वाले युवी भी रणजी में जीत का स्वाद नहीं चख पाए।
1997 में पंजाब की तरफ से उड़ीसा के खिलाफ डेब्यू करने वाले युवी को रणजी की बदौलत साल 2000 में टीम इंडिया में एंट्री मिल गई, जिसके बाद उन्हें कभी पीछे पलट कर नहीं देखना पड़ा लेकिन युवराज रणजी के रण में अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए।
1.महेन्द्र सिंह धोनी
कैप्टन कूल एम एस धोनी दुनिया के सबसे सफ़ल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का एकदिवसीय वर्ल्ड कप भी जीता। धोनी को सबसे अच्छे मैच फिनिशर के तौर पर भी जाना जाता है।
बिहार की तरफ से खेलते हुए 2000 में डेब्यू करने वाले धोनी ने अपना पहला रणजी मैच जमशेदपुर में असम के खिलाफ खेला था। रणजी में खेलते हुए ही 2003-2004 में अपनी कड़ी मेहनत के कारण धोनी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला। इसके बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कामयाबी के कई कीर्तिमान धोनी ने कायम किये लेकिन रणजी कि पिच पर जीत की इबाऱत वो नहीं लिख पाए।