क्रिकेट की 4 ऐसी घटनाएं जब क्रिकेटरों ने किया भूत देखने का दावा

पाकिस्तान के हारिस सोहेल

क्या आप कभी रात में अकेले रहे हैं? क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि कोई आपके पीछे पीछे चल रहा हो लेकिन जब आप देखते हैं तो वहां कोई नही होता। इसके बाद आप और तेज चलने लगते हैं क्योंकि आपको लगता है कोई आपके पीछे जरुर है।

हम सबने कभी न कभी इन चीज़ों का सामना किया है। आप रात में कभी कभी बेवजह ही उठ जाते हैं और आपको लगता है कि आपके कमरे में कोई है। ऐसा भी होता है कि आपके बाथरूम में पानी अपने आप चलने लगता है जबकि उस बाथरूम में सिर्फ आप जाते हैं।

ये चीज़ें दिमाग पर ऐसा प्रभाव छोड़ती हैं कि उन्हें भुलाना काफी मुश्किल होता है। ये चीज़ें कहीं भी और किसी के साथ भी हो सकती हैं और क्रिकेट भी इनसे अछूता नहीं रहा है।

नज़र डालते हैं ऐसी ही 4 घटनाओं पर:

#1 हारिस सोहेल

जहाँ एक ओर 2015 में पाकिस्तान की एकदिवसीय टीम अपने प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर रही थी, वहीँ हारिस सोहेल के पास परेशान होने का अलग ही कारण था। क्राइस्टचर्च के होटल में जब सोहेल चैन से सो रहे थे तभी उनका बिस्तर बिना किसी कारण से हिलने लगा।

जितनी जल्दी शाहिद अफरीदी कुछ भी उल्टा पुल्टा कर देते हैं, हारिस ने उससे भी जल्दी टीम के मैनेजर नावीद चीवा को बुलाया। जब चीवा उन्हें देखने आये तो उन्होंने देखा कि उस घटना के कारण सोहेल काफी सदमे में थे। सोहेल को इस बात का यकीन था की कमरे में कोई अदृश्य शक्ति थी जो उन्हें परेशान कर रही थी। पिछले कुछ दिनों से वो इन चीज़ों से परेशान थे।

हालाँकि ये कोई नही कह सकता कि सच में क्या हुआ था लेकिन उसके बाद से हारिस सोहेल रोज़ रात में ऊपर वाले को याद करके ही सोते होंगे।

#2 इंग्लैंड क्रिकेट टीम

लैंघम होटल इंग्लैंड के सबसे डरावने जगहों में से एक है

लंदन के लैंघम होटल में आत्माएं घूम रही थी और वहां रहने वालों की शांति भंग हो गई थी। इन रहने वाले लोगों में कुछ इंग्लैंड के क्रिकेटर भी थे। स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा,"एक रात मैं करीब 1.30 बजे उठा था और मुझे पक्का यकीन है कि कमरे में कोई था।" उन्होंने ये भी बताया कि कैसे बाथरूम में पानी अपने आप चालू हो जा रहा था और फिर बंद भी हो जा रहा था। उन्हें उस समय कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।

इसके अलावा एलिस्टेयर कुक और बेन स्टोक्स ने भी उस होटल में कई रात जागकर बिताई। आत्माओं के इस प्रभाव के कारण मोइन अली की पत्नी सहित इंग्लैंड के कई क्रिकेटरों की पत्नियों ने उस होटल में रहने से इनकार कर दिया।

150 साल पुराने इस होटल में कम से कम 7 आत्माएं हैं जो रात के समय इधर उधर घुमती हैं। इस होटल को इंग्लैंड का सबसे डरावना होटल ऐसे ही नहीं कहते हैं।

#3 शेन वॉटसन

लुमली कैसल के डरावने हिस्से के गवाह बने शेन वाटसन

ये काफी अजीबोगरिब कहानी है। इस कहानी में शेन वॉटसन खुद कहते हैं कि उन्होंने कुछ देखा है और फिर अगले ही पल कहते हैं कि हो सकता है कि ये उनका वहम हो।

लुम्ली कैसल में लिली की कहानी सुन सुन कर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी परेशान हो गए थे। लिली के बारे में कहा जाता है कि उन्हें दो पादरियों ने कुएँ में फ़ेंक दिया था क्योंकि वो कैथोलिक नहीं बनना चाहती थी। उस समय उनके पति युद्ध में लड़ रहे थे। ये घटना 14वें सदी की है और उसके बाद से ऐसा कहा जाता है कि उसकी आत्मा रोज़ कुएँ से निकल कर कैसल के कॉरिडोर में घुमती है।

ऐसा माना जाता है कि शेन वाटसन अपने कमरे को छोड़कर ब्रेट ली के कमरे में जमीन पर जाकर सो गए थे और वहां उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई। उसके बाद उन्हें 46 नंबर का कमरा दिया गया। अब मजेदार बात ये है कि 46 नंबर कमरे में ही लिली को मारने से पहले प्रताड़ित किया गया था।

अलग सूत्रों का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को शुरू से ही 46 नंबर का कमरा मिला था जहाँ उन्होंने अपने बिस्तर के पास लिली की आत्मा को देखा था और जिससे उनकी रूह कांप उठी थी। इसके बाद वो कमरे से भाग गए थे और रिसेप्शन एरिया में रुकने के बाद अपने साथी के कमरे में जाकर सोये क्योंकि और कोई कमरा खाली नही था।

किसी को नही पता कि सही में हुआ क्या था और वाटसन खुद इस चीज़ को लेकर पूरी तरह से अचम्भे में हैं। लेकिन ये घटना क्रिकेट की सबसे डरावनी घटनाओं में से एक तो जरुर थी।

#4 फिरोजशाह कोटला के जिन्न

फ़िरोज़शाह कोटला के आसपास काफी अदृश्य शक्तियां हैं

सभी जानते हैं कि फिरोजशाह कोटला भारत के कुछ प्रमुख स्टेडियम में से एक है और यहाँ कई मैच खेले गए हैं। भारत ने यहाँ कई यादगार मैच जीते हैं, लेकिन बहुत लोग नही जानते हैं कि इस ऐतिहासिक स्टेडियम के पास ही सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक के किले के अवशेष हैं। ऐसी अफवाहें हैं कि इस स्टेडियम के आसपास कुछ अदृश्य शक्तियों को महसूस किया गया है। यहाँ तक कि लोग उनसे मनौती भी मांगते हैं।

ये अदृश्य शक्तियां जिन्हें कोटला का जिन्न कहा जाता है इन्हें दिल्ली में काफी माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि इन जिन्नों की एक अलग दुनिया होती है। लोग उनके पास जाते हैं, प्रार्थना करते हैं और अपनी समस्याओं को एक कागज़ पर लिखकर आते हैं। उन चिट्ठियों की कॉपी भी रखी जाती है ताकि वो सही जिन्न तक पहुंचे।

ये प्रथा 1970 से शुरू हुई जब एक फ़क़ीर लड्डू शाह उन अवशेषों में आकर रहने लगे। इसके बाद से हर गुरूवार लोग यहाँ आते हैं और जिन्नों को अपनी समस्याएं बताते हैं और अगर लोगों की बातों का यकीन किया जाए तो ये जिन्न उनकी सहायता करते भी हैं।

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