कुछ ही दिन में आईपीएल के 10वें सीजन के खिलाड़ियों की नीलामी होने वाली है। 350 से भी ज्यादा खिलाड़ी निलामी का हिस्सा होंगे। इसमें चुने के जाने के बाद उन्हें वर्ल्ड की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में खेलने का मौका मिलेगा। इन खिलाड़ियों में से कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो कई बार आईपीएल की विनिंग टीम का हिस्सा रह चुके हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 4 खिलाड़ियों के बारे में 4. मनविंदर बिस्ला- 2 आईपीएल टाइटल अब तक जो 9 आईपीएल हुए हैं उनमें से कई स्टार भारतीय खिलाड़ियों का उदय हुआ जिन्होंने अपने दम पर मैच को जितायाऔर फाइनल जैसे अहम मुकाबले में भी अपने खेल से टीम को ट्रॉफी दिलाया। इन्हीं में से एक हैं मनविंदर बिस्ला। 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच हुआ वो फाइनल मुकाबला कौन भूल सकता है। जब बिस्ला ने अपनी पारी से कोलकाता को पहला आईपीएल खिताब दिलाया था। 192 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए कोलकाता की शुरुआत अच्छी नहीं रही। लेकिन बिस्ला ने 48 गेंदों पर 89 रनों की तूफानी पारी खेलकर टीम को जीत दिला दी। अनुभवी बल्लेबाज जैक कैलिस के साथ बिस्ला ने अच्छी साझेदारी निभाई और 2 बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर कोलकाता को पहला आईपीएल खिताब दिलाया। हालांकि बिस्ला का वो आखिरी दमदार प्रदर्शन था। इसके बाद उन्होंने आईपीएल में कुछ खास नहीं किया। लेकिन 2014 में कोलकाता की टीम जब दोबारा आईपीएल जीती तब भी वो टीम का हिस्सा थे। 3. सुब्रमण्यम बद्रीनाथ-2 आईपीएल टाइटल भारत के सबसे अच्छे उदीयमान खिलाड़ी जो कि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके सुर्खियों में आए। शुरुआती आईपीएल सीजन में सुब्रमण्यम बद्रीनाथ चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का अहम हिस्सा थे। 2010 और 2011 में आईपीएल जीतने वाले चेन्नई सुपर किंग्स टीम में वो थे। बद्रीनाथ ने हर साल अपनी प्रदर्शन में सुधार किया और टीम को काफी मैच जिताए। 2010 के आईपीएल सीजन में बद्रीनाथ ने 16 मैचों में 117 की स्ट्राइक रेट से 356 रन बनाए। वहीं इससे अगले साल 2011 में 16 मैचों में 126 की स्ट्राइक रेट से 396 रन बनाए। चेन्नई सुपर किंग्स के लगातार 2 आईपीएल जीतने में उनकी बल्लेबाजी का भी अहम योगदान रहा। मुश्किल हालात से टीम को निकालने की वजह से उन्हें टीम का 'अम्ब्रैला मैन' भी कहा जाने लगा था। 2. मुनफ पटेल-2 2011 वर्ल्ड कप की जीत में मुनफ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पूरे टूर्नामेंट मेंं मुनफ ने काफी अच्छी गेंदबाजी की थी और अहम मौकों पर विकेट निकाले थे। हालांकि ये बात और है कि उन्हें इस चीज का ज्यादा क्रेडिट नहीं मिल पाया जिसके वो हकदार थे। वहीं आईपीएल में भी मुनफ 2 बार विनिंग टीम का हिस्सा रहे हैं। एक बार राजस्थान रॉयल्स और एक बार मुंबई इंडियंस टीम का। 2008 के पहले आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की टीम को टूर्नामेंट की कमजोर टीमों में से एक माना गया। लेकिन कप्तान शेन वॉर्न की शानदार अगुवाई में टीम ने सबको चौंकाते हुए आईपीएल का पहला संस्करण जीत लिया। क्रिकेट पंडितों की सभी भविष्यवाणियों को गलत साबित करते हुए राजस्थान रॉयल्स ने डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर आईपीएल का पहला सीजन अपने नाम किया। उस सीजन में मुनफ पटेल ने15 मैचों में 14 विकेट निकाले थे। सोहेल तनवीर और सिद्धार्थ त्रिवेदी के साथ मिलकर मुनफ ने विपक्षी बल्लेबाजों पर शिकंजा कस दिया। 5 साल बाद 2013 में मुनफ एक और विनिंग टीम का हिस्सा बने। ये टीम थी मुंबई इंडियंस। हालांकि इस बार मुनफ का योगदान उतना ज्यादा नहीं था। 2013 के आईपीएल में मुनफ ने मुंबई इंडियंस की तरफ से मात्र 4 मैच खेले, जिसमें 3 विकेट लिए। मुनफ का ये आखिरी आईपीएल भी था। 1.प्रज्ञान ओझा- 3 आईपीएल टाइटल ये कहा जा सकता है कि आईपीएल की ही वजह से प्रज्ञान ओझा को भारतीय टीम में जगह मिली। 2008 के पहले आईपीएल सीजन में डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए प्रज्ञान ओझा ने 13 मैचों में 11 विकेट लिए थे। इससे अगले सीजन 2009 में प्रज्ञान ओझा ने खतरनाक गेंदबाजी की और 15 मैचों में 18 विकेट चटकाए। वो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में 5वें नंबर पर रहे। उनकी टीम ने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद ने आईपीएल का दूसरा संस्करण अपने नाम किया कुछ सालों बाद ओझा ने दक्षिण भारत से वेस्ट भारत का रुख कर लिया। अब वो मुंबई इंडियंस की तरफ से खेल रहे थे। कोलकाता में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की और कुछ अहम विकेट निकालकर टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद अपने गेंदबाजी एक्शन के कारण ओझा संदेह के घेरे में आ गए। इसकी वजह से नए एक्शन के साथ वापसी करने में उन्हें थोड़ा समय लगा। इसके बाद रोहित शर्मा की अगुवाई में जब मुंबई इंडियंस ने अपना दूसरा आईपीएल खिताब जीता तब भी वो टीम का हिस्सा थे। ये तीसरा मौका था जब ओझा इंडियन प्रीमियर लीग की विनिंग टीम का हिस्सा थे। एक बार डेक्कन चार्जर्स और 2 बार मुंबई इंडियंस टीम का। लेखक-शंकर नारायण अनुवादक-सावन गुप्ता