ये कहा जा सकता है कि आईपीएल की ही वजह से प्रज्ञान ओझा को भारतीय टीम में जगह मिली। 2008 के पहले आईपीएल सीजन में डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए प्रज्ञान ओझा ने 13 मैचों में 11 विकेट लिए थे। इससे अगले सीजन 2009 में प्रज्ञान ओझा ने खतरनाक गेंदबाजी की और 15 मैचों में 18 विकेट चटकाए। वो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में 5वें नंबर पर रहे। उनकी टीम ने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद ने आईपीएल का दूसरा संस्करण अपने नाम किया कुछ सालों बाद ओझा ने दक्षिण भारत से वेस्ट भारत का रुख कर लिया। अब वो मुंबई इंडियंस की तरफ से खेल रहे थे। कोलकाता में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की और कुछ अहम विकेट निकालकर टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद अपने गेंदबाजी एक्शन के कारण ओझा संदेह के घेरे में आ गए। इसकी वजह से नए एक्शन के साथ वापसी करने में उन्हें थोड़ा समय लगा। इसके बाद रोहित शर्मा की अगुवाई में जब मुंबई इंडियंस ने अपना दूसरा आईपीएल खिताब जीता तब भी वो टीम का हिस्सा थे। ये तीसरा मौका था जब ओझा इंडियन प्रीमियर लीग की विनिंग टीम का हिस्सा थे। एक बार डेक्कन चार्जर्स और 2 बार मुंबई इंडियंस टीम का। लेखक-शंकर नारायण अनुवादक-सावन गुप्ता