भारत के साउथ अफ़्रीकी दौरे की शुरुआत हो चुकी है। केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान में सीरीज़ का पहला टेस्ट भी जारी है। मौजूदा टीम में ऐसे कई खिलाड़ी मौजूद हैं जिन्हें साउथ अफ़्रीका में मैच खेलने का तजुर्बा है। लेकिन यहां हम उन 4 क्रिकेटर के बार में जानेंगे जो साल 2013 के साउथ अफ़्रीकी दौरे पर तो गए थे लेकिन 2018 के मौजूदा दौरे पर नहीं गए हैं। #4 प्रज्ञान ओझा प्रज्ञान ओझा ने साल 2009 में अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। उन्हें रविचंद्रन अश्विन का मुख्य स्पिन जोड़ीदार के तौर पर देखा जाता था। साल 2012 में टीम इंडिया की घरेलू सीरीज़ के वो अहम सदस्य थे। ठीक उसी वक़्त यानि साल 2012 में भारत के हरफ़नमौला क्रिकेटर रविंद्र जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। जडेजा के आने के बाद टीम इंडिया में ओझा की अहमियत घटती गई। हांलाकि साल 2013 के दक्षिण अफ़्रीकी दौरे के लिए उनका चयन हुआ लेकिन वो डरबन और जोहन्सबर्ग टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो पाए। ओझा ने अपना आख़िरी टेस्ट मैच नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेला था। वो फिर कभी वापसी नहीं कर पाए।
#3 अंबाती रायुडू
अपने करियर के शुरुआती दौर में रायुडू ने भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए काफ़ी जद्दोजहद की थी। उनकी मेहनत आख़िरकार रंग लाई और उन्हें 2013 में साउथ अफ़्रीका के दौरे के लिए चुन लिया गया। रायुडू को नंबर 6 पर खेलने के लिए टीम में शामिल किया गया था। लेकिन उनकी जगह अजिंक्य रहाणे को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। रहाणे ने जोहान्सबर्ग में हुए पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया इसके अलवा डरबन में हुए दूसरे टेस्ट में उन्होंने 96 रन की पारी खेली और टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। इसके बाद रायुडू को सिर्फ़ सीमित ओवर के मैच के लिए टीम में शामिल किया गया, उन्हें कभी भी टेस्ट मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला। रायुडू ने अपना आख़िरी वनडे मैच साल जून 2016 में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेला था। ऐसा लगता है कि टीम में उनकी वापसी अब मुश्किल है।
#2 ज़हीर ख़ान
इसमें कोई शक़ नहीं है कि ज़हीर ख़ान टीम इंडिया के लिए अब तक के सबसे बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ रहे हैं। एक साल तक टीम से बाहर रहने बाद साल 2013 के दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर उनकी टीम में वापसी हुई थी। जोहान्सबर्ग में खेले गए टेस्ट की पहली पारी में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन दूसरी पारी में वो कमाल दिखाने में नाकाम रहे। इस दौरान ज़हीर ख़ान ने अपने टेस्ट करियर का 300वां विकेट हासिल किया था। साल 2006 और साल 2010 में ज़हीर ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अच्छी गेंदबाज़ी की थी। मौजूदा तेज़ गेंदबाज़ ज़हीर से बहुत कुछ सीख सकते हैं, उम्मीद है कि तेज़ गेंदबाज़ों की बदौलत टीम इंडिया 2018 में प्रोटियाज़ टीम के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ जीतेगी।
#1 महेंद्र सिंह धोनी
अगर मौजूदा दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर किसी की कमी सबसे ज़्यादा खल रही है तो वो हैं महेंद्र सिंह धोनी। साल 2013 के साउथ अफ़्रीका के दौरे पर धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे। साल 2013 में जोहन्सबर्ग में खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने प्रोटियाज़ टीम को कड़ी चुनौती दी थी, लेकिन ये मैच ड्रॉ हो गया था। दूसरा टेस्ट डरबन के किंग्समीड मैदान पर खेला गया था जहां टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। भारत ये सीरीज़ 0-1 से हार गया था। किसी को ये नहीं पता था कि ये धोनी का आख़िरी दक्षिण अफ़्रीकी टेस्ट दौरा होगा। धोनी फ़िलहाल सीमित ओवर के खेल में ही अपना योगदान दे रहे हैं। लेखक- शंकर नारायण अनुवादक- शारिक़ुल होदा