आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में से एक है। कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए सुनहरा मौका होता है कि वो अपनी क़ाबिलियत को दुनिया के सामने पेश कर पाएं। आईपीएल के ज़रिए कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए हैं। जब से आईपीएल की शुरुआत हुई है दुनिया के ज़्यादातर टीम के स्टार खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में शिरकत की है। शुरुआती सीज़न छोड़कर पाकिस्तान के खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिला है। साल 2018 के आईपीएल सीज़न में केन विलियमसन ने ऑरेंज कैप और एंड्रयू टाई ने पर्पल कैप हासिल किया था। ऐसे में ये कहना ग़लत नहीं होगा कि टीम की कामयाबी इस बात पर भी निर्भर है कि विदेशी खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं। कुछ खिलाड़ी आईपीएल की अलग-अलग टीम के अहम सदस्य बन चुके हैं। लेकिन कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें सिर्फ़ एक आईपीएल सीज़न में खेलने का मौका मिला। हम यहां उन 4 खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने सिर्फ़ आईपीएल के एक सीज़न में शिरकत की है।
#4 केमार रोच (डेक्कन चार्जर्स)
वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ केमार रोच ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।। रोच ने साल 2009 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके बाद केमार ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सीरीज़ में अपनी जगह पक्की कर ली थी। साल 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप में उन्होंने नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ हैट्रिक ली थी। वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले वो छठे गेंदबाज़ बने थे। वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद रोच की मांग आईपीएल 2011 की नीलामी में काफ़ी बढ़ गई थी। डेक्कन चार्जर्स ने उन्हें 7,20,000 डॉलर में ख़रीदा था। नीलामी के दौरान रोच को लेकर डेक्कन चार्जर्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच जंग देखने को मिली थी। साल 2011 के बाद रोच किसी भी आईपीएल सीज़न में नहीं दिखे।
#3 मैथ्यू वेड (दिल्ली डेयरडेविल्स)
मैथ्यू वेड ने विक्टोरिया टीम की तरफ़ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था, जिसकी बदौलत उन्हें ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया । वेड ने भारत के ख़िलाफ़ अपने डेब्यू वनडे मैच में 67 रन की पारी खेली थी। इसके बाद वो ऑस्ट्रेलियाई टीम के अहम सदस्य बन गए थे। वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए उन्हें कंगारू टीम में अतिरक्त विकेटकीपर के तौर पर शामिल किया गया और उस दौरे पर वेड ने शानदार शतक लगाया था। साल 2011 के आईपीएल सीज़न में वो पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए डेब्यू किया। उस सीज़न के 3 मैच में उन्होंने 7.33 की औसत से 22 रन बनाए, और फिर दोबार कभी आईपीएल में नज़र नहीं। आज वो ऑस्ट्रेलियाई टीम में दोबारा शामिल होने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने अपना आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच साल 2017 में भारत के ख़िलाफ़ खेला था।
#2 ब्रैड हैडिन (कोलकाता नाइटराइडर्स)
ब्रैड हैडिन दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर में से एक रहे हैं। उन्होंने आरसीबी टीम के ख़िलाफ़ अपना पहला आईपीएल मैच खेला था। साल 2011 की आईपीएल नीलामी के दौरान हैडिन को कोलकाता नाइटराइडर्स नें 3,25,000 अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। आईपीएल के अपने पहले मैच में हैडिन ने 11 गेंदों में 18 रन बनाए थे। अगले आईपीएल सीज़न में वो चोट की वजह से बाहर हो गए थे इसके बाद वो दोबारा कभी भी आईपीएल में नहीं ख़रीदे गए। साल 2015 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनके रिटायरमेंट के बाद ऑस्ट्रेलिया को आज भी अच्छे विकेटकीपर की तलाश है। हैडिन ने साल 2001 में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। हैडिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 7000 रन बनाए हैं। टेस्ट में उन्होंने 32.99 की औसत से 5584 रन अपने नाम किए हैं।
#4 एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ (चेन्नई सुपरकिंग्स)
एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ दुनिया के महानतम ऑलराउंडर्स में से एक हैं। साल 2009 की आईपीएल नीलामी के दौरान उन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स ने 1.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। उसी साल 3 आईपीएल मैच के बाद वो चोटिल हो गए थे। इसके बाद वो आईपीएल में दोबारा कभी नज़र नहीं आए। 3 आईपीएल मैच में वो उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। अपने आख़िरी आईपीएल मैच में वो बेहद महंगे साबित हुए और 4 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 50 रन दिए। लेखक- मद्रास चरण अनुवादक- शारिक़ुल होदा