भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी रहे जिन्हें यादगार विदाई नहीं मिली। अपने करियर में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले यह खिलाड़ी एक यादगार विदाई के हकदार थे। यहाँ तक कि संन्यास से पहले उन्हें एक भारतीय टीम की तरफ से आखिरी विदाई मैच खेलने का भी मौका नहीं मिला था। इन दिग्गजों में राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंदर सहवाग और युवराज सिंह प्रमुख हैं।
चारों खिलाड़ियों ने अपने आखिरी विदाई मैच का इंतज़ार किये बिना ही संन्यास का ऐलान कर दिया और फैंस को उन्हें आखिरी बार भारतीय टीम की तरफ से मैदान पर देखने का मौका नहीं मिला। हालाँकि इन चारों खिलाड़ियों ने आखिरी सीरीज में यादगार प्रदर्शन नहीं किया था और यह उनके संन्यास की प्रमुख वजहों में शामिल रही।
आइये नज़र डालते हैं इन दिग्गजों ने अपनी आखिरी सीरीज में कैसा प्रदर्शन किया:
# राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज 2011-12 के भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे में खेली थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में राहुल द्रविड़ का प्रदर्शन काफी साधारण रहा और वह आठ पारियों में एक अर्धशतक की मदद से सिर्फ 194 रन ही बना पाए थे। उनका सर्वाधिक स्कोर 68 था, जो उन्होंने मेलबर्न के पहले टेस्ट की पहली पारी में बनाया था।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मार्च 2012 में राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी और उनके यादगार करियर का अंत हुआ था। हालाँकि ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज और इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में खेली गई सीरीज में उनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 शतक की मदद से 461 और वेस्टइंडीज के खिलाफ 1 शतक एवं 2 अर्धशतक की मदद से 319 रन बनाये थे।
# वीवीएस लक्ष्मण
राहुल द्रविड़ की तरह वीवीएस लक्ष्मण ने भी 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज खेली थी। ऑस्ट्रेलिया में हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले लक्ष्मण अपने आखिरी सीरीज में यादगार प्रदर्शन नहीं कर सके और चार टेस्ट की आठ पारियों में सिर्फ 155 रन बना सके। उन्होंने सीरीज में अपना एकमात्र अर्धशतक सिडनी में लगाया और दूसरी पारी में 66 रन बनाये थे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले घरेलू सीरीज में लक्ष्मण ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में 176 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन उसके पहले इंग्लैंड दौरे में उनका बल्ला शांत ही रहा था और आठ पारियों में उन्होंने दो अर्धशतक ही लगाए थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2012 में खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज से पहले लक्ष्मण ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
# वीरेंदर सहवाग
भारतीय टीम के महान ओपनर वीरेंदर सहवाग के लिए भी उनकी आखिरी सीरीज यादगार नहीं रही। जनवरी 2013 में अपना आखिरी वनडे और अक्टूबर 2012 में आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले वीरेंदर सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। लगभग ढाई साल तक चयनकर्ताओं द्वारा नज़रअंदाज़ करने के बाद सहवाग ने 2015 में अपने जन्मदिन के मौके पर संन्यास की घोषणा की थी।
ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी, जिसमें सहवाग को सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला। चेन्नई टेस्ट में सहवाग सिर्फ 2 और 19 का स्कोर बना सके। उसके बाद हैदराबाद टेस्ट की एकमात्र पारी में भी वह सिर्फ 6 रन बना सके और उसके बाद उन्हें टीम में मौका नहीं दिया गया।
# युवराज सिंह
भारतीय टीम के दिग्गज ऑलराउंडर और महान वनडे बल्लेबाजों में शामिल युवराज सिंह ने जून 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। हालाँकि युवराज ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2017 में खेला था, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के बाद खेली गई वनडे सीरीज के बाद उन्हें फिर से भारतीय टीम में मौका नहीं मिला।
लगभग चार साल बाद वनडे टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह का फॉर्म 2017 में काफी अच्छा था और इंग्लैंड के जनवरी में उन्होंने कटक वनडे में 150 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। चैंपियंस ट्रॉफी में भी पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने 53 रनों की धुआंधार पारी खेली थी और मैन ऑफ द मैच चुने थे, लेकिन उसके तुरंत बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में वह सिर्फ तीन मैच खेल पाए और सिर्फ 67 रन बना सके, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 39 का रहा जो उन्होंने अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच में बनाया।