# 3 शेन वॉर्न (सिडनी)
इसमें कोई आश्चर्य की बात नही कि क्यों शेन वॉर्न को 'लेग स्पिन' के भगवान का दर्जा दिया जाता है। विवादों से प्रभावित करियर में उन्होंने बल्लेबाजों को अपनी जादुई लेग-स्पिन द्वारा 145 टेस्ट मैचों में 708 बार आउट किया। 2 जनवरी 1992 को वॉर्न ने प्रतिष्ठित सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भारत के खिलाफ अपना डेब्यू किया और भारत के खिलाफ कई अन्य मौकों की तरह उनका प्रदर्शन अच्छा नही रहा। वॉर्न ने 45 ओवरों से 1/150 के आंकड़ों के साथ मैच समाप्त किया, जो एक भुला देने वाला आंकड़ा था। उनका चमत्कारी करियर 15 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी 2007 में उसी स्थान पर समाप्त भी हुआ, जहाँ से शुरू हुआ था। वॉर्न ने अपनी आखिरी टेस्ट पारी (71) में बल्ले के साथ अपना शीर्ष स्कोर बनाया और दो विकेट लिए। चाहे ‘बॉल ऑफ़ दी सेंचुरी’ नाम से प्रसिद्ध वह गेंद जिस पर उन्होंने माइक गैटिंग का विकेट लिया या फिर 2005 में एंड्रयू स्ट्रॉस का विकेट, वॉर्न ने समय समय पर अपनी चमत्कारों से भरी गेंदबाज़ी से सबको हैरत में डाला।