उभरते हुए बल्लेबाज़ों को अकसर सिखाया जाता है कि गेंद को सीधे हिट करें, जिससे बल्ले और शरीर का सही संतुलन बना रहे। ये एक सही तरीके से बल्लेबाज़ी करने का आधार है। लेकिन आज कल जिस तरह से तेज़ गेंद और स्पिन फेंकी जाती है उसका तोड़ निकालना बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल होता है। ऐसे में बल्लेबाज़ों ने भी इस तरह की गेंदबाज़ी का जवाब पैदा कर लिया है। पिछले कई सालों में बल्लेबाज़ों ने शॉट खेलने की नए-नए तरीकों का ईजाद कर लिया है। अब वो दिन बीत गए हैं जब अच्छी गेंद का बल्लेबाज़ सम्मान के साथ सामना करते थे, लेकिन अब तेज़ रन बनाने के लिए अच्छी गेंद को भी हिट करना पड़ता है। पुराने वक़्त में वनडे में 200 रन का निजी स्कोर बनाना किसी पहाड़ तोड़ने से कम नहीं था। लेकिन बदलते वक़्त के साथ अब ऐसे हालात हो गए हैं कि टी-20 में किसी टीम ने 200 रन भी बना लिया हो तब भी जीत की गारंटी नहीं है। ऐसे में कई बल्लेबाज़ों ने शॉट मारने के नए तरीके अपना लिए हैं जिसकी वजह से क्रिकेट का खेल और भी रोमांचक हो गया है। हम यहां मौजूदा दौर के ऐसे ही 4 बल्लेबाज़ों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो बेहद कलात्मक बल्लेबाज़ी करते हैं।
#4 जोस बटलर - इंग्लैंड
नए ज़माने के विस्फोटक विकेटकीपर-बल्लेबाज़ जोस बटलर आज सीमित ओवर के खेल में इंग्लैंड के अहम खिलाड़ी बन गए हैं। बैटिंग करते वक़्त बटलर इस बात का अंदाज़ा लगा लेते हैं कि गेंद को कितने कोण में हिट करना है। जब वो शॉट लगता हैं तो ऐसा लगता है कि उनकी कलाइयां बेहद लचीली है और स्टील की बनी हुई है। वो आधुनिक शॉट लगाने के मामले में बेताज बादशाह हैं। वो रिवर्स स्वीप और रैंप शॉट लगाने के मामले में किसी से कम नहीं हैं। वो स्पिनर्स को बेहद शानदार तरीके से खेलते हैं। बटलर पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2013 के दौरान चर्चा में आए थे जब उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने ही देश में श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपनी पहली वनडे सेंचुरी लगाई थी, वो भी महज़ 61 गेंदों में। इसके बाद से बटलर ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका आईपीएल करियर भी बेहद कामयाब रहा है, उन्हों 37 मैच में 1000 से ज़्यादा रन बनाए हैं। बटलर की आईपीएल में कामयाबी कई इंग्लिश खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनी और इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ी आईपीएल में भेजने शुरू किए।
#3 ब्रेंडन मैकुलम - न्यूज़ीलैंड
ब्रेंडन मैकुलम के बारे में कहा जाता है कि वो खुलकर बल्लेबाज़ी करते हैं। उनकी तेज़ निगाहें और मज़बूत कलाइयां किसी भी गेंद को बाउंड्री पार पहुंचा सकती हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनकी हेयरस्टाइल और टैटू की तरह अनोखी होती है। वो कई बार पिच पर आगे बढ़कर गेंदबाज़ के ऊपर से शॉट लगाते हैं। वो शॉट गेंद पर पुल शॉट लगाने में माहिर हैं। आईपीएल के पहले सीज़न में मैकुलम को केकेआर ने 7,00,000 अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। और अपने पहले ही मैच में उन्होंने साबित किया कि उनकी क़ीमत बिलकुल सही है। आरसीबी के ख़िलाफ़ पहले मैच में उन्होंने नाबाद 158 रन की पारी खेली थी, जिसमें 13 छक्के शामिल थे। टी-20 के आगमन के बाद उन्होंने कई शॉट इजाद किए जिसकी वजह से उन्होंने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 1000 से ज़्यादा रन बना डाले। मैक्कुलम दुनिया के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जिन्होंने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 2 शतक लगाए हैं। वो न्यूज़ीलैंड के लिए तीनों फ़ॉर्मेट में रन बनाथे थे। साल 2014 में उन्हें ‘न्यूज़ीलैंड क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया। वो न्यूज़ीलैंड के पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया। उन्होंने टेस्ट में कुछ ऐसे दोहरे शतक लगाए हैं जिनका स्ट्राइक रेट बेहद शानदार है। अच्छे बल्लेबाज़ के अलावा वो एक बेहतरीन विकेटकीपर भी हैं।
#2 तिलकरत्ने दिलशान - श्रीलंका
तिलकरत्ने दिलशान को दुनिया के बेहद बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ों में गिना जाता है। उन्होंने श्रीलंका के महान खिलाड़ी सनथ जयसूर्या के से प्रेरणा लेते हुए विश्व क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है। वो पहली ही गेंद से आक्रामक खेल दिखाते थे और श्रीलंकाई टीम को कभी निराश नहीं करते थे। साल 2007-2008 के दौरान दिलशान को निचले क्रम में भेज दिया था लेकिन उन्होंने फिर ऊपरी क्रम में वापसी कर ली थी। साल 2009 के आईपीएल सीज़न के बाद में उनका जलवा देखने को मिला था, उन्होंने 13 आईपीएल मैच में 400 से ज़्यादा रन बनाए थे। उनके एक ख़ास शॉट को कॉमेंटेटर्स ने ‘दिलस्कूप’ का नाम दे दिया था। वो लगातार अच्छी बल्लेबाज़ी करते रहे और आसीसी वर्ल्ड टी-20 2009 में दिलशान ने अपनी टीम को फ़ाइनल में पहुंचाया था। हांलाकि फ़ाइनल में श्रीलंका को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। दिलशान ने आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 में भी श्रीलंका को फ़ाइनल में पहुंचाया था। उन्होंने 9 मैच में 500 से ज़्यादा रन बनाए थे। एक बेहतरीन बल्लेबाज़ के अलावा वो एक अच्छे गेंदबाज़ भी हैं।
#1 एबी डीविलियर्स-दक्षिण अफ़्रीका
इस बात में ज़रा भी शक की गुंजाइश नहीं है कि क्रिकेट के इतिहास में उनके जैसा कलात्मक और रोमांचक बल्लेबाज़ आज तक नहीं हुआ है। हाल में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास ले लिया है और हमें कई यादें दे गए हैं। हांलाकि वो अब सिर्फ़ विश्व की टी-20 लीग खेलेंगे जिसमें आईपीएल भी शामिल है। वो जिस तक के शॉट लगाते हैं उसे देखकर ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि वो इसी ग्रह के प्राणी हैं। उन्हें ‘मिस्टर 360 डिग्री’ कहा जाता है क्योंकि वो मैदान के किसी भी तरफ़ शॉट लगा सकते हैं। कई शॉट ऐसे होते जिससे भौतिकी के वैज्ञानिक भी अचंभे में पड़ जाते हैं। उन्होंने अपने फ़ैंस न सिर्फ़ दक्षिण अफ़्रीका, बल्कि पूरी दुनिया में बना लिए। भारत में भी उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि आईपीएल में आज भी उनका जलवा कायम है। उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं जिसमें वनडे में सबसे तेज़ शतक भी शामिल है। उन्होंने ये शतक वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ महज़ 31 गेंदों में लगाया था। एबी डिविलियर्स अपने टीम के लिए काफ़ी योगदान देते थे। हांलाकि वो एक विस्फोटक बल्लेबाज़ थे, लेकिन कई बार मौके की नज़ाकत और वक़्त की ज़रूरत के हिसाब से भी बल्लेबाज़ी करते थे। साल 2012-13 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेड टेस्ट में उन्होंने 220 गेंदों पर महज़ 33 रन बनाए थे। इससे साबित होता है कि वो संयम के साथ बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। उन्होंने 114 टेस्ट, 228 वनडे और 78 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। टेस्ट और वनडे में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 50 से ज़्यादा है। लेखक – स्मित शाह अनुवादक- शारिक़ुल होदा