आईपीएल का लीग चरण समाप्त हो गया है और अब चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइज़र्स हैदाबाद के बीच रविवार को मुंबई में ख़िताबी भिड़ंत होगी। आईपीएल के इस सीज़न में कई वरिष्ठ भारतीय खिलाड़ी ने हिस्सा लिया जो भारतीय टीम के नियमित सदस्य हैं लेकिन आईपीएल में उन्होंने निराशाजनक प्रदर्शन किया है। आइये जानते हैं ऐसे चार खिलाड़ियों के बारे में।
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन का कप्तान के तौर पर पहला साल अपनी नई टीम के लिए अच्छा नहीं रहा। गेंद के साथ उनका खराब प्रदर्शन पंजाब के प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने का कारण बना। आंकड़ों पर नज़र डालें तो अश्विन ने 14 मैचों में 41 की औसत से 10 विकेट लिए हैंऔर इन मैचों में उन्होंने 8.09 की इकोनॉमी रेट से रन लुटाए हैं जो उनके जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ के लिए बेहद निराशाजनक प्रदर्शन है। इस आईपीएल के दौरान, अश्विन ने लेग ब्रेक, कैरम बॉल और गुगली जैसे हथियार आज़माए लेकिन इनका कुछ खास फायदा नहीं हुआ। निश्चित रूप से, किंग्स इलेवन पंजाब को इससे बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद थी। इस आईपीएल में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अश्विन का भारतीय टीम में जगह बनाना भी मुश्किल हो गया है।
मनीष पांडे
इस साल की आईपीएल नीलामी में सनराइज़र्स हैदराबाद ने मनीष पांडे को 11 करोड़ रुपये में खरीदा था। कुछ शुरुआती मैचों को छोड़कर, मौसम पांडे पूरे सीज़न में ख़राब फॉर्म से जूझते नज़र आए। सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए पांडे ने 14 मैचों में, 28 की औसत और 120 की स्ट्राइक रेट से 286 रन बनाए। उन्हें मध्य ओवर में धीमी बल्लेबाज़ी करने की वजह से आलोचनायों का शिकार होना पड़ा है। खासकर, लीग के आखिरी मैचों में उनके प्रदर्शन ने लगातार गिरावट आई है यह आंकड़े इसके गवाह हैं। पांडे हैदराबाद के मध्य क्रम के एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज हैं और प्लेऑफ में अपनी टीम को जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका होगी।
अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। अच्छी गेंदों पर मैदान के चारों ओर उनके शॉट्स देखते ही बनते हैं। अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन ही राजस्थान रॉयल्स की जीत का कारण बना है। टी-20 प्रारूप में उनके बेहतरीन शॉट्स देखते ही बनते हैं। आईपीएल में अजिंक्य रहाणे जैसे कोई भी बल्लेबाज़ नहीं है जिसने अपनी टीम की जीत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। हालांकि, इस सीजन में, राजस्थान रॉयल्स के कप्तान सर्वाधिक रन बनाने वाले शीर्ष 10 बल्लेबाज़ों में जगह नहीं बना सके। आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने 13 पारियों में 27 की औसत से केवल 324 रन बनाए हैं, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल है। हालाँकि, कई लोग यह कह रहे हैं कि कप्तानी की अतिरिक्त जिम्मेवारी मिलने से रहाणे अपना नैसर्गिक खेल नहीं खेल पाए और इसके अलावा उन्हें पावरप्ले में तेज़ी से रन बनाने के लिए कहा गया जो उनकी बल्लेबाज़ी शैली से एकदम विपरीत है। रहाणे प्लेऑफ मैचों में फिर से अपनी फॉर्म में लौटना चाहेंगे क्योंकि आरआर को अपने कप्तान से प्लेऑफ में जीत दिलाने की उम्मीद होगी।
रोहित शर्मा
मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल 2018 एक बुरे सपने जैसा रहा है। इस सीजन में उनके लिए सबसे ज़्यादा चिंता का विषय कप्तान रोहित शर्मा का खराब फॉर्म था। रोहित को इस सीज़न में पहले दो मैचों में पारी की शुरुआत करने का मौका मिला लेकिन बाकी बचे मैचों में उन्होंने नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी की।इस सीज़न में रोहित अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्होंने 14 मैचों में केवल 286 रन बनाये। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना उन्हें पारी की शुरुआत करने ही भेजना चाहिए था। आईपीएल के इतिहास में यह पहली बार है जब रोहित शर्मा सीजन में 300 रन भी नहीं बना पाए। लेखक: अथर्वा आप्टे अनुवादक: आशीष कुमार