क्रिकेट में टी-20 एक ऐसा फॉर्मेट है जो कि काफी कम समय में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया। इस प्रारुप के हर एक गेंद पर काफी रोमांच है। हर गेंद पर यहां काफी मनोरंजन होता है। यही वजह है कि लोग इसे काफी ज्यादा पसंद करते हैं। 2007 में पहला टी-20 वर्ल्ड कप हुआ और 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग का पहला संस्करण खेला गया। बहुत सारे खिलाड़ी टी-20 क्रिकेट में सफल रहे और आईपीएल में भी उन्होंने अच्छे रन बनाए। टी-20 में आमतौर पर शतक कभी-कभार ही लगते हैं। 50 के करीब या उससे ज्यादा रन बनाने पर खिलाड़ी को सफल समझा जाता है। लेकिन शतक हर कोई बल्लेबाज लगाना चाहता है। यहां हम आपको उन 4 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने आईपीएल के अलावा टी-20 में भी शतक जड़ा है। महेला जयवर्धने पूर्व श्रीलंकाई कप्तान महेला जयवर्धने 2014 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम का हिस्सा थे। उन्होंने अपने टी-20 करियर में एकमात्र शतक लगाया है जो कि 2010 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ उन्होंने लगाया था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए महेला जयवर्धने में 64 गेंदों में 100 रनों की तूफानी पारी खेली। उनकी इस पारी की बदौलत श्रीलंका की टीम ने निर्धारित 20 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर 173 रनों का स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करते हुए जब जिम्बॉब्वे की टीम का स्कोर 1 विकेट पर 29 रन पहुंचा तभी बारिश आ गई। इसकी वजह से मैच का फैसला डकवर्थ-ल्युइस नियम के आधार पर करना पड़ा। हालांकि इस नियम के तहत जिम्बॉब्वे 14 रन से पीछे था जिसकी वजह से श्रीलंका को जीत मिल गई। वहीं महेला जयवर्धने आईपीएल में भी शतक लगा चुके हैं। किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 59 गेंदों पर 110 रनों की विस्फोटक पारी खेली। उनकी इस मैराथन पारी की बदौलत किंग्स इलेवन पंजाब की टीम 201 रनों का विशाल लक्ष्य का पीछा करने में सफल रही। 10 गेंद शेष रहते ही पंजाब ने लक्ष्य को हासिल कर लिया और 8 विकेट से जीत दर्ज की। सुरेश रैना भारत की तरफ से टी-20 इंटरनेशनल में शतक लगाने वाले सुरेश रैना पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने ये कारनामा वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ किया था। वहीं इंडियन प्रीमियर लीग के वो सबसे बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे। 2013 के सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से उन्होंने आईपीएल के सभी मैचों में हिस्सा लिया। उसी सीजन में उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 53 गेंदों पर 100 रनों की तूफानी पारी खेली। उनकी इस पारी की बदौलत चेन्नई की टीम ने 186 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में पंजाब की टीम 171 रन ही बना पाई। इस आईपीएल सीजन में वो गुजरात लॉयंस की टीम के कप्तान हैं और अपने अब तक के शानदार फॉर्म को जरुर बरकरार रखना चाहेंगें। ब्रेंडन मैक्कलम तूफानी बल्लेबाज और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कलम ने 2012 के टी-20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ पल्लीकेले में शानदार शतक जड़ा था। नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए मैक्कलम ने 58 गेंदों पर 123 रनों की विस्फोटक पारी खेली। जिसकी वजह से न्यूजीलैंड की टीम ने 20 ओवरों में 3 विकेट पर 191 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। बांग्लादेश की टीम के लिए ये लक्ष्य काफी बड़ा था और टीम 59 रनों से मैच हार गई। आईपीएल का पहला संस्करण जब 2008 में खेला गया तब किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि कोई प्लेयर पहले ही सीजन में शतक लगाएगा। लेकिन मैक्कलम ने ऐसा कर दिखाया। पहले आईपीएल के पहले ही मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए मैक्कलम ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 73 गेंदों पर 158 रनों की तूफानी पारी खेली। उनकी 9 साल पुरानी ये पारी आज भी क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा हैं। 2008 में वो केकेआर की टीम का हिस्सा थे और 2017 के सीजन में वो गुजरात लॉयंस की टीम का हिस्सा हैं। अब देखना ये है कि क्या वो अपना वही पुराना प्रदर्शन दोहरा पाते हैं कि नहीं। 1.क्रिस गेल क्रिस गेल को अगर टी-20 का किंग कहें तो गलत नहीं है। कुछ प्लेयर ऐसे होते हैं जो अपने दम पर लोगों को मैदान तक खींच लाते हैं। क्रिस गेल उन्हीं में से एक प्लेयर हैं। वो दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जो कि टी-20 इंटरनेशनल में 2 बार शतक लगा चुके हैं। उन्होंने ये दोनों शतक टी-20 वर्ल्ड कप में जड़ा। वहीं इंडियन प्रीमियर लीग में क्रिस गेल रिकॉर्ड 5 शतक जड़ चुके हैं। उन्होंने ये पांचो शतक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते हुए जड़े। गेल की उम्र इस वक्त 37 साल है और अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर निश्चित ही दर्शकों का वो और मनोरंजन करना चाहेंगें। क्रिस गेल अपने दम पर कई बार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को मैच जिता चुके हैं। इस सीजन में भी वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से ही खेलते नजर आएंगें। निश्चित ही आरसीबी की टीम उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही होगी ताकि वो अपने आईपीएल के सूखे को खत्म कर सके। लेखक-शंकर नारायण अनुवादक-सावन गुप्ता