4 विशेषज्ञ टेस्ट बल्लेबाज़ जिन्होंने टी-20 में भी महारत हासिल की

टी-20 क्रिकेट मुख्य रूप से चौके और छक्कों का खेल है। लोग बल्लेबाजों द्वारा लगाये गये बड़े बड़े शॉट के लिए टी-20 क्रिकेट देखते है और डर का भी यही एक मुख्य कारण था कि केवल बड़े हिटर और बल्लेबाज जो तेज हिटिंग में माहिर हैं वहीं इस प्रारूप में बचे रह पायेंगे। सच यह है कि इस प्रारूप में बल्लेबाज को स्थापित होने के लिए बहुत कम समय मिलता है। यह एक सामान्य धारणा थी कि वह क्लासिकल बल्लेबाज जो टेस्ट प्रणाली में क्रिकेट खेलते हैं और जिन्हें तेज रन बनाने की आदत नहीं हैं, वह टी-20 क्रिकेट में अप्रासंगिक हो जाएंगे। लेकिन यह बात जल्द ही गलतफहमी में बदल गयी। कुछ खिलाड़ियों को जिन्हें टेस्ट का विशेषज्ञ खिलाड़ी माना जाता था और जो पॉवर हिटिंग से ज्यादा तकनीक पर भरोसा करते हैं, वह आश्चर्यजनक रूप से टी-20 क्रिकेट और विशेष रूप से आईपीएल में बेहद सफल रहे हैं। इन खिलाड़ियों ने अच्छी और बेहतरीन तकनीक के महत्व को दिखाया है। टी-20 क्रिकेट में भी शुरूआत के बाद से काफी बदलाव आया है। दुनिया भर में टीमों ने महसूस किया है कि टी-20 क्रिकेट केवल बड़े हिट के बारे में नहीं है बल्कि इस खेल में उन खिलाड़ियों की जरूरत होती है जो अच्छे स्कोर खड़ा करने के लिए पारी का निर्माण कर सके। इसके अलावा इन खिलाड़ियों ने अपने स्वयं के खेल में भी सुधार किया है और मैच की स्थिति के अनुसार खेलने की क्षमता दिखायी है। उन्होंने खुद को टी-20 विधा में ढाला और अपनी बल्लेबाजी शैली में बदलाव किया। यहां 4 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें विशेषज्ञ टेस्ट क्रिकेटर होने का लेबल लगा था लेकिन टी-20 क्रिकेट में भी महारत हासिल की।

Ad

#4 महेला जयवर्धने

महेला जयवर्धने क्रिकेट खेलने वाले महान श्रीलंकाई क्रिकेटरों में से एक हैं। जयवर्धने ने श्रीलंका के लिए 149 टेस्ट और 448 वनडे खेले हैं। उन्हें हमेशा एक महान टेस्ट प्लेयर के रूप में गिना जाता है, लेकिन उनका वनडे करियर कभी भी बहुत आकर्षक नहीं था। दाएं हाथ के बल्लेबाज का औसत 33.38 का है और 78.9 7 की स्ट्राइक रेट है, जिसके कारण लोगों का मानना था कि वह एक महान टी-20 खिलाड़ी नहीं होंगे। लेकिन उन्होंने सबको गलत साबित कर दिया। जयवर्धने ने श्रीलंका के लिए खेले गए 55 टी-20 में उन्होंने 31.77 की औसत से और 133.18 की प्रभावशाली स्ट्राइक रेट से रन बनाये। उन्होंने 2014 में श्रीलंका की पहली विश्व टी-20 जीत में अहम भूमिका निभाई। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने विभिन्न आईपीएल फ्रैंचाइजी के लिए भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। जयवर्धने ने टी 20 में अपने बल्लेबाजी दृष्टिकोण पर फिर से काम किया और हर टीम के लिए खेलते हुए उसकी मुख्य संपत्ति बन गये।

#3 जैक कैलिस

आधुनिक युग के सबसे महान ऑलराउंडर जैक कैलिस को कभी भी टी-20 योग्य नहीं माना जाता था। कैलिस जिनके नाम शानदार टेस्ट और वनडे रिकॉर्ड थे, वह कभी भी अपनी तेज हिटिंग की क्षमता के लिए नहीं जाने जाते थे। 72.89 की उनकी औसत वनडे स्ट्राइक रेट इसकी गवाही है। हालांकि, टी-20 में खेलने पर कैलिस ने अपनी स्ट्राइक रेट में काफी सुधार किया। दक्षिण अफ्रीका के लिए टी-20 में उनका अच्छा रिकॉर्ड होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका के चयनकर्ताओं ने कैलिस की जगह युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी थी। आईपीएल में खेलते हुए टी-20 में कैलिस का यादगार समय आया। पहले तीन सत्रों में आरसीबी के लिए खेलने के बाद कैलिस को 2011 में केकेआर ने खरीद लिया। कैलिस जो समय 35 वर्षीय के थे, उन्होंने अपने शानदार फिटनेस का अच्छा उदाहरण पेश किया और केकेआर की खिताबी जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केकेआर के लिए शीर्ष क्रम में खेलते हुए कैलिस ने टीम को कुछ बहुत तेज शुरूआत दी। उन्होंने बड़े शॉट्स को लगाने की कोशिश करने के बजाए खाली जगह को खोजने और अपनी खेलने की टाइमिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। वर्तमान में कैलिस केकेआर के मुख्य कोच है।

#2 केन विलियम्सन

केन विलियम्सन बहुत छोटी उम्र में न्यूजीलैंड की टीम के बेहद महत्वपूर्ण भाग बन गये हैं। किवीस के लिए खेले गए अपने पहले मैच से ही अपने स्वभाज और धैर्य के साथ सभी को प्रभावित किया। तब से विलियमसन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। वह सभी प्रारूपों में न्यूजीलैंड टीम की बल्लेबाजी के मुख्य आधार बन गये है। लेकिन एक टी-20 बल्लेबाज के तौर पर केन विलियम्सन पर कई सवाल उठाए गये। हालांकि उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए खेले गये टी-20 में कुछ मैच जीतने वाली पारियां खेली हैं, लेकिन विलियम्सन ने आईपीएल 2018 में अपनी बल्लेबाजी का शानदार नजारा पेश किया। विलियम्सन, जिन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद टीम का नेतृत्व किया और ऑरेंज कैप के साथ सीज़न को समाप्त किया। उन्होंने 52.50 की बेहतरीन औसत और 142.44 की शानदार स्ट्राइक-दर के साथ 735 रन बनाए। विलियम्सन ने विभिन्न परिस्थितियों को खूबसूरती से समायोजित किया क्योंकि वहां उन्होंने पारी का निर्माण किया और आवश्यकता अनुसार जरूरत पड़ने पर रन-रेट को बढ़ाया भी। विलियम्सन एक परिपक्व टी-20 बल्लेबाज के रूप सबसे सामने में आये है।

#1 माइकल हसी

माइकल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देर से आने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 30 साल की उम्र में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और उन्हें अपने करियर के शुरुआती भाग में टेस्ट प्लेयर के रूप में जाना जाता था। यह एक पहले से बनायी गयी धारणा है कि उम्र के साथ बल्लेबाज धीमे होते जाते हैं और आसानी से रन बनाना उनके लिए मुश्किल होता है। लेकिन हसी ने इस सिद्धांत को गलत साबित कर दिया। वह उम्र के साथ बेहतर हो गये और टी-20 क्रिकेट को शानदार ढंग से अपना लिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए कुछ शानदार पारी खेलने के बाद हसी आईपीएल में भी महत्वपूर्ण भाग बन गये। मिस्टर क्रिकेट के नाम से मशहूर हसी ने आईपीएल 2011 में सीएसके की खिताब जीत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने खुद को टी-20 बल्लेबाज के रूप में खुद को परिवर्तित करके पुन: पेश किया और टी-20 क्रिकेट में रन बनाने के कई तरीके खोजे। हसी ने 37 साल की उम्र में 2013 में ऑरेंज कैप भी अपने नाम किया। वह आईपीएल इतिहास में सबसे सफल विदेशी खिलाड़ियों में से एक है। लेखक- रैना सिंह अनुवादक- सौम्या तिवारी

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications