वैसे तो सर डॉन ब्रैडमैन से किसी बल्लेबाज की तुलना करने से पहले बहुत बार सोचा जाना चाहिए लेकिन कुछ ऐसे बल्लेबाज भी हुए जिन्हें अपने समय में ब्रैडमैन से भी बेहतर बल्लेबाज माना जाता था।
डॉन ब्रैडमैन को अभी तक का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता है लेकिन कुछ लोग हैं जो इसपर सवाल उठा सकते हैं। इस आर्टिकल का ये उद्देश्य नहीं है कि ब्रैडमैन और बाकी के बल्लेबाजों की तुलना करें लेकिन उन बल्लेबाजों पर एक नज़र डालने की कोशिश की गई है जो अपने समय के बहुत ही शानदार बल्लेबाज हुआ करते थे।
आइये नज़र डालते हैं इस लिस्ट में कौन से बल्लेबाज शामिल हैं:
#1 जॉर्ज हेडली
वेस्टइंडीज के जॉर्ज हेडली को 'ब्लैक ब्रैडमैन' कहा जाता था, लेकिन वेस्टइंडीज वाले इसके उलट ब्रैडमैन को 'वाइट हेडली' कहते थे। पनामा में जन्म लेने वाले हेडली एक स्पेनिश बोलने वाले परिवार से आते थे। उनके माता पिता उन्हें डेंटिस्ट बनाना चाहते थे और इसी कारण उन्हें अंग्रेजी सीखने जमैका भेज दिया गया जहाँ उन्होंने क्रिकेट में हाथ आजमाना शुरू किया।
19 साल की उम्र में उन्हें टेनीसन XI के खिलाफ जमैका की टीम में शामिल किया गया। नौबी क्लार्क की तेज़ गेंदबाजी के सामने उन्होंने 16, 71, 211, 40 और 71 के स्कोर बनाए। अगर हेडली वो मैच नहीं खेल पाते तो फिर शायद क्रिकेट को ये अनमोल खिलाड़ी नहीं मिल पाता। 1928 में इंग्लैंड जाने वाली टीम में उन्हें अपने रंग के कारण जगह नहीं मिली। लेकिन 1929 में उन्हें टीम में शामिल किया गया और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 8 परियों में 703 रन बनाए। उनके द्वारा चौथे टेस्ट की चौथी पारी में बनाए गए 223 रन आज भी चौथी पारी में किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।
1930-31 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में उन्होंने 1000 से ज्यादा रन बनाए और उनके अलावा सिर्फ ब्रैडमैन ही इतने रन बना सके थे। 1932 में इंग्लैंड की प्रथम श्रेणी की टीम के खिलाफ उन्होंने 344 रन बनाए। टेनिसन के इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 2 बार आउट होते हुए 723 रन बनाए। इसमें उनका निम्नतम स्कोर 84 था और औसत 361.5 था। उनके पास हर तरह के शॉट थे और उन्हें आउट करना लगभग असंभव था। ब्रैडमैन ने भी उनकी तारीफ में कहा था कि वो लेग साइड में बहुत ताकतवर थे और मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूँ।
1939 तक वेस्टइंडीज की तरफ से जो 22 शतक लगे थे उसमें से 10 सिर्फ हेडली के थे। उन्हें उस समय एटलस कहा जाता था जो पूरी वेस्टइंडीज टीम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 1935 की इंग्लैंड सीरीज के आखिरी टेस्ट में उन्होंने 270 रन बनाए थे और वेस्टइंडीज ने पहली बार इंग्लैंड में सीरीज जीती। जमैका के निचले वर्ग के लोगों के लिए वो पहले क्रिकेट सुपरस्टार थे। उन्हें काफी समझदार क्रिकेटर माना जाता था।
1939 में उन्हें कप्तान बनाना चाहिए था लेकिन रंगभेद के कारण उन्हें ये मौका नहीं मिला। लेकिन जब हैडली अपने चरम फॉर्म में थे तब दूसरे विश्व युद्ध ने क्रिकेट पर रोक लगा दी। जब सब कुछ शांत हुआ तब 1948 में उन्हें वेस्टइंडीज का कप्तान बनाया गया जो जमैका के अश्वेतों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। 45 साल की उम्र में वेस्टइंडीज़ चाहती थी कि 1954 में हेडली टीम में वापसी करें।
जॉर्ज हेडली ने 22 टैस्ट में 60.83 कीई औसत से 10 शतक लगाये। अगर उन्हें अपने समय में ज्यादा मौका मिले होते तो उन्हें ब्रैडमैन के बराबर ही प्रसिद्धि मिलती। हालाँकि रिकॉर्ड इस बात को सही नहीं ठहराते लेकिन जिन्होंने उन्हें खेलते देखा वो उन्हें ब्रैडमैन से बेहतर बल्लेबाज मानते थे।
#2 सर जैक हॉब्स
सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक सर जैक हॉब्स के रिकॉर्ड बहुत ही अद्भुत हैं। उन्होंने 834 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 50.70 की औसत से 61,760 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 56.94 की औसत से 5410 रन बनाए। मुश्किल पिचों पर उनके ये रन आये थे और इसीलिए उन्हें ब्रैडमैन से बेहतर बल्लेबाज माना जाता था।
1882 में जैक हॉब्स का जन्म हुआ था और 1901 में उन्होंने खेलना शुरू किया। उनके प्रैक्टिस करने का अलग तरीका था और वो स्टंप्स और टेनिस गेंद लेकर खुद को ही कोच करते थे। 1905 में उन्हें सरे की टीम में शामिल किया गया, लेकिन जब वो 40 साल के हुये तब उनका असली खेल देखने को मिला। उनके 197 में से 98 शतक 40 की उम्र के बाद आये। 46 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वो शतक लगाने वाले सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी बने थे।
#3 आर्ची जैक्सन
मौत बहुत क्रूर होती है और यही हुआ एक 23 साल के बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाज के साथ। बहुत लोग मानते हैं कि अगर आर्ची जैकसन जिन्दा रहते तो सबसे महान टेस्ट बल्लेबाज होते। स्कॉटलैंड में पैदा हुए आर्ची जैकसन ने 1929 में ऑस्ट्रेलिया के लिये 19 साल की उम्र में अपना पहला मैच खेला। 164 के स्कोर के साथ वो पहले टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे युवा ऑस्ट्रेलियाई थे। उनके जबरदस्त स्ट्रोक का गेंदबाजों के पास कोई जवाब नहीं रहता था।
लेकिन बीमारी की वजह से उनके स्वास्थ में गिरावट आने लगी। 1930 की बॉडीलाइन सीरीज में वो पांचवें टेस्ट में खेले और 73 रन बनाए। इस लाजवाब बल्लेबाज का करियर 1933 में 23 साल कि उम्र में उनकी मौत से थम गया। उन्हें ब्रैडमैन से ज्यादा अच्छा बल्लेबाज समझा जाता था लेकिन उनकी मौत ने इस चर्चा को ही ख़त्म कर दिया।
#4 महादेवन सतासिवम
श्रीलंका के टेस्ट खेलने से पहले ही सतासिवम का जन्म हुआ था और वह इस मामले में बहुत अभाग्यशाली रहे। उन्हें क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक समझा जाता था। टेस्ट मैच तो दूर की बात उन्होंने प्रथम श्रेणी मैच भी बहुत कम खेले थे। उनके खेल के बारे में वही जानते थे जो उनके साथ खेले।
1947 में उन्होंने चेन्नई में दक्षिण भारत के खिलाफ 215 रन बनाए थे और इसे चेपक में खेले गये सबसे लाजवाब पारी में माना जाता है। 1950 में कॉमनवेल्थ XI के खिलाफ उन्होंने अपनी टीम के 153 में से 96 रन बनाए और फ्रैंक वॉरेल ने भी उनकी तारीफ़ की थी। उसके बाद विजय मर्चेंट की भारत के खिलाफ उन्होंने 111 रन बनाए। मैच के बाद विजय मर्चेंट ने उन्हें स्टंप भेंट किया था और उनकी तारीफ की थी।
फ्रैंक वॉरेल कहते थे कि वो अपनी वर्ल्ड XI में उन्हें जरुर जगह देते, लेकिन अपनी पत्नी के मौत के आरोप में उनके क्रिकेट करियर को झटका लगा। उसके बाद कलाइयों का जबरदस्त प्रयोग करने वाला वह खिलाड़ी मलेशिया चला गया और वहां उन्होंने मलेशिया एवं सिंगापुर की कप्तानी संभाली।