#4 महादेवन सतासिवम
श्रीलंका के टेस्ट खेलने से पहले ही सतासिवम का जन्म हुआ था और वह इस मामले में बहुत अभाग्यशाली रहे। उन्हें क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक समझा जाता था। टेस्ट मैच तो दूर की बात उन्होंने प्रथम श्रेणी मैच भी बहुत कम खेले थे। उनके खेल के बारे में वही जानते थे जो उनके साथ खेले।
1947 में उन्होंने चेन्नई में दक्षिण भारत के खिलाफ 215 रन बनाए थे और इसे चेपक में खेले गये सबसे लाजवाब पारी में माना जाता है। 1950 में कॉमनवेल्थ XI के खिलाफ उन्होंने अपनी टीम के 153 में से 96 रन बनाए और फ्रैंक वॉरेल ने भी उनकी तारीफ़ की थी। उसके बाद विजय मर्चेंट की भारत के खिलाफ उन्होंने 111 रन बनाए। मैच के बाद विजय मर्चेंट ने उन्हें स्टंप भेंट किया था और उनकी तारीफ की थी।
फ्रैंक वॉरेल कहते थे कि वो अपनी वर्ल्ड XI में उन्हें जरुर जगह देते, लेकिन अपनी पत्नी के मौत के आरोप में उनके क्रिकेट करियर को झटका लगा। उसके बाद कलाइयों का जबरदस्त प्रयोग करने वाला वह खिलाड़ी मलेशिया चला गया और वहां उन्होंने मलेशिया एवं सिंगापुर की कप्तानी संभाली।