4 कारण जिनकी वजह से पृथ्वी शॉ अगले सचिन तेंदुलकर नहीं बन सकते

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#2. दृष्टिकोण में फ़र्क

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यह दोनों बल्लेबाज़ मुंबई के हैं लेकिन दोनों की बल्लेबाज़ी शैली और दृष्टिकोण में ज़मीन-आसमान का फर्क है। जहां सचिन हमेशा संजीदगी से अपनी पारी की शुरुआत करते थे, क्रीज़ पर कुछ समय बिताते थे और फिर एक बार नज़रें टिक जाने पर गेंदबाज़ों पर हावी हो जाते थे, वहीं पृथ्वी शॉ शुरुआत से ही आक्रमक बल्लेबाज़ी करने में यकीन रखते हैं। शॉ की बल्लेबाज़ी शैली काफी हद तक सहवाग से मेल खाती है।

सहवाग की तरह ही, शॉ पहली गेंद से ही विस्फोटक बल्लेबाज़ी करते हैं और हर गेंद को सीमा-रेखा के पार पहुँचाने की कोशिश करते हैं। इससे पहले, आईपीएल में सनराइज़र्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने 36 गेंदों पर ताबड़तोड़ 63 रन बनाकर अपने इरादे जता दिए थे।

Edited by मयंक मेहता
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