4 कारण जो महेंद्र सिंह धोनी को एक महान कप्तान बनाते हैं

भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी लगभग एक दशक से भारतीय क्रिकेट टीम में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते आये हैं। क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में वह भारत के सफलतम कप्तान रहे हैं। उन्होंने अपने लगभग एक दशक के क्रिकेट करियर में बार-बार अपने आलोचकों को गलत साबित किया है। अपनी कप्तानी में भारत को वनडे विश्व कप, टी-20 विश्व कप और चैम्पियंस ट्रॉफी जिताने वाले धोनी आज भी टीम इंडिया के बेहतरीन फिनिशर हैं। इस लेख में हम ऐसे चार कारणों पर एक नज़र डालेंगे जो महेंद्र सिंह धोनी को भारत का महानतम कप्तान बनाते हैं:

मैदान पर उनका कौशल

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धोनी को हमेशा से ही रणनीति बनाने के लिए जाना जाता है। उनके पास मैच जीतने के लिए प्रभावी योजना होती है, धोनी गेंद से पहले ही बल्लेबाज का दिमाग पढ़ लेते हैं। इसके अलावा वह हर समय विकेट के पीछे रह कर गेंदबाज़ों को निर्देश देते रहते हैं जो टीम के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता रहा है। जहां तक बल्लेबाज़ी की बात है तो वह बल्लेबाज़ी करते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि फील्डर कहां हैं और गैप्स में शॉट खेलकर अपनी पारी को आगे बढ़ाते हैं। उन्हें स्कोरबोर्ड को गति बनाए रखना आता है। शुरुआत में वह धीमा खेलते हैं लेकिन एक बार गेंद पर नज़रें टिक जाने के बाद टीम को जिता कर ही दम लेते हैं। वर्सटैलिटी

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धोनी प्रतिभा के धनी कप्तान है। उन्होंने कई अवसरों पर गेंदबाजी की है और विरोधी पक्ष के बल्लेबाज़ को खूब परेशान किया है। इसके अलावा बल्लेबाज़ी में भी वह किसी भी क्रम पर मैदान में उतर सकते हैं और लाजवाब पारियां खेल सकते हैं। उनकी यह काबिलियत उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग करती है और वर्तमान में दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में शुमार करती है।

शांत रवैया

धोनी का शांत रवैया उनके क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा हाइलाइट रहा है। यह वह गुण है जिस की वजह से दुनिया भर में उन्हें 'कैप्टन कूल' के रूप में जाना जाता है। धोनी ने हमेशा अपने गुस्से पर नियंत्रण रखा है और वह शांत रहकर ठंडे दिमाग से निर्णय लेते हैं। तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी उनके शांत रवैया ने भारत को कई मैच जिताये हैं।

निस्सवार्थता

जब भी भारतीय टीम किसी टूर्नामेंट में विजयी होती है,आप भारतीय टीम का करीब से देखेंगे, तो आपको धोनी कभी भी स्पॉटलाइट में नहीं मिलेंगे। आप शायद उन्हें एक कोने में देखें, ऐसे समय में वह युवाओं को आगे करते हैं। वे इस पल का भरपूर आनंद ले सकें। वह हमेशा पहले टीम के लिए खेलते हैं और उसके बाद अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में सोचते हैं। धोनी के क्रिकेट करियर में कई ऐसे पल आएं हैं जब उन्होंने सिर्फ टीम की बेहतरी के लिए निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करना भी स्वीकार किया है। 2011 में हुए विश्व कप में जीत का जश्न काफी लंबा चला था, लेकिन जीत के बाद धोनी कम ही कैमरे के सामने नज़र आये। इस तस्वीर को देखिये जिसमें विश्व कप जीतने के बाद टीम फोटो खिंचा रही हैं, इसमें धोनी आपको एक कोने में खड़े मिलेंगे। लेखक: प्रसन्ना वाइकर अनुवादक: आशीष कुमार

Edited by Staff Editor
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