क्रिकेट के 4 अनोखे नियम जो कम ही लोग जानते हैं

क्रिकेट का खेल अपने अनोखे और काफी लंबे नियमों के लिए जाना जाता है, जो इस खेल के अलग-अलग फोर्मेट्स को बनाता है। हालांकि, दूसरे खेलों की तरह इसके नियम मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा बनाए गए है, जो संस्था इस खेल में समानता बनाने का ध्यान रखती है। जैसे इस खेल का स्वरूप बदला है और तकनीकों के कारण मॉडर्न बना है, इस खेल में कुछ ऐसे भी नियम है जो अभी तक लोगों की नजरों से दूर है। हालांकि, कुछ ऐसे नियमों को क्रिकेट के बड़े से बड़े प्रसंशक भी नहीं जानते है, जो एमसीसी द्वारा बनाए गए है।

1. गेंद खोने का नियम

जब गेंद खो जाती है और वापस ना आने की स्थिति हो तो फील्डिंग टीम ‘गेंद खोने’ की अपील करती है। नियमों के अनुसार, उस गेंद को मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है और उसे बदल दिया जाता है, नई गेंद उसी हालात की होती है जैसे पहले वाली थी। बल्लेबाजी करने वाली टीम को रन दिये जाते है, गेंद खोने से पहले चाहे उन्होंने वो रन उन्होंने दौड़ कर लिए हो या बाउंड्री मार कर। रन गेंद को मारने वाले बल्लेबाज के खाते में जोड़े जाते है, अगर ऐसा ना हो तो रनों को अतिरिक्त रनों में जोड़ दिया जाता है।

2. बिना अपील आउट ना देना

बिना अपील के आउट नहीं दे सकते हैं

यह एक समान्य बात है, पर एक अंपायर बिना अपील के बल्लेबाज को आउट करार नहीं दे सकता है। क्रिकेट के 27 वें नियम के अनुसार बिना अपील के बल्लेबाज को आउट करार नहीं दिया जा सकता है। अगर कोई बल्लेबाज जाता है, तो अंपायर को उसे रोक कर बताना होता है कि वो आउट नहीं है। ऐसे में वो बल्लेबाज को वापस बुलाता है और गेंद को मरा हुआ घोषित किया जाता है। फील्डिंग टीम गेंदबाज के अगली गेंद के लिए रन-अप शुरू करने से पहले कभी भी अपील कर सकती है।

3. मांकडिंग

पहले ये नियम रूल बुक में नहीं था

इस नियम का पहली बार इस्तेमाल 1947 में हुआ, जब भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था। ऐसा तब होता है, जब नॉन-स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले क्रीज़ से बाहर चला जाए तो गेंदबाज उसे विकेट उड़ा कर आउट कर सकता है। इसे मेनकडिंग कहा जाता है। जब मेनकडिंग होता है, तो क्रिकेट के नियमों के अनुसार इसे एक गेंद नहीं माना जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो गेंद को मरा हुआ घोषित किया जाता है। सफल होने पर यह एक रन-आउट माना जाता है और यह विकेट गेंदबाज के खाते में नहीं जुड़ता है। हाल ही में 2014 में इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर को क्रीज़ के बाहर पाकर श्रीलंका के सचित्रा सेनानायके ने एक एकदिवसीय मैच में उन्हें आउट किया था। सेनानायाके ने अंपायर और बल्लेबाज दोनों को पिछले ओवर में इसकी चेतावनी दी थी और जब बटलर फिर से बाहर गए तो सेनानायाके ने विकेट को गिरा कर बटलर को आउट कर दिया था।

4. चोटिल खिलाड़ी की सीमाएं

चोटिल खिलाड़ी की भी सीमाएं होती हैं

हम सभी को पता है की जब कोई खिलाड़ी मैदान छोड़ता है तो कुछ नियम होता है। फील्डर को अंपायर से अनुमति लेनी होती है और मैदान छोड़ने से पहले उन्हें बताना होता है। अगर कोई खिलाड़ी अंपायर को नहीं बताता है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को 5 अतिरिक्त रन दिये जाते है। हालांकि, इसमें कुछ ओर भी नियम है, अगर गेंदबाज 15 मिनट से ज्यादा मैदान से बाहर रहता है, या वो उतने समय तक गेंदबाजी नहीं कर पाते है। पारी खत्म होने के बाद यह काफी जटिल नियम बन जाता है। इसका इस्तेमाल 2007 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में किया गया था, जहां सचिन तेंदुलकर पहली पारी में 18 मिनट तक मैदान से बाहर थे। भारत ने 2 विकेट जल्दी खो दिये थे और तेंदुलकर को बल्लेबाजी के लिए जाना था पर वो 18 मिनट तक नहीं जा पाये थे। लेखक-लिन बटलर, अनुवादक-आदित्य शर्मा